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वक्फ कानून के खिलाफ दिल्ली में आज बड़ा प्रोटेस्ट, देश भर से आएंगे मुस्लिम संगठनों के प्रतिनिधि

जमात-ए-इस्लामी हिंद ने नए वक्फ कानून को तत्काल निरस्त करने का आह्वान किया और लोगों से ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के नेतृत्व में हो रहे विरोध प्रदर्शन का समर्थन करने की गुजारिश की है.

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दिल्ली में आज बड़ा प्रोटेस्ट (फाइल फोटो)
दिल्ली में आज बड़ा प्रोटेस्ट (फाइल फोटो)

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वक्फ कानून के खिलाफ आज मुस्लिम संगठनों ने बड़ा प्रोटेस्ट करने का ऐलान किया है. 'सेव वक्फ कॉन्फ्रेंस' में देश भर के मुस्लिम संगठनों के प्रतिनिधि शामिल होंगे. आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने वक्फ कानून के खिलाफ सबसे बड़ी कॉन्फ्रेंस बुलाई है. इस कॉन्फ्रेंस में राजनीतिक और सामाजिक संगठनों से जुड़े लोग भी शामिल होंगे.

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वहीं, सोमवार को जमात-ए-इस्लामी हिंद ने नए वक्फ कानून को तत्काल निरस्त करने का आह्वान किया और लोगों से ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के नेतृत्व में इस कानून के खिलाफ अभियान को सपोर्ट करने की गुजारिश की है. 

बता दें कि केंद्र ने संशोधित कानून के खिलाफ याचिकाओं की सुनवाई कर रहे सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया है कि 5 मई तक न तो वक्फ संपत्तियों को गैर-अधिसूचित किया जाएगा और न ही केंद्रीय वक्फ परिषद और बोर्डों में नियुक्तियां की जाएंगी.

जमात-ए-इस्लामी ने पारित किए अहम प्रस्ताव

जमात-ए-इस्लामी हिंद द्वारा सोमवार को जारी एक बयान के मुताबिक, मुस्लिम संगठन के प्रतिनिधियों की परिषद ने अपने अध्यक्ष सैयद सदातुल्लाह हुसैनी के नेतृत्व में संगठन के मुख्यालय में 12-15 अप्रैल तक आयोजित अपने सेशन में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों को संबोधित करते हुए महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए.

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जमात-ए-इस्लामी हिंद ने वक्फ कानून को तत्काल निरस्त करने का आह्वान किया और लोगों से ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के नेतृत्व में अभियान का समर्थन करने का आग्रह किया. इसने लोकतांत्रिक संस्थाओं, नागरिक समाज और बुद्धिजीवियों से संशोधित वक्फ कानून के निहितार्थों के बारे में जागरूकता बढ़ाने की अपील की. ​​परिषद ने सांसदों और संगठनों की तारीफ की, जिन्होंने इस पर अपना रुख अपनाया है.

यह भी पढ़ें: JDU को वक्फ कानून पर झटका, पूर्व MLA मुजाहिद आलम का इस्तीफा, समर्थकों ने नीतीश-मोदी के खिलाफ की नारेबाजी

जमात-ए-इस्लामी हिंद ने समान नागरिक संहिता लागू करने को लेकर भी कड़ा रुख अपनाया है और इसे खारिज किया है. संगठन ने दावा किया है कि यह धार्मिक समुदायों के व्यक्तिगत कानूनों का पालन करने के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करता है. परिषद ने उत्तराखंड में यूसीसी कानून को निरस्त करने और गुजरात में इसी तरह के कदमों को रोकने की मांग की.

(एजेंसी के इनपुट के साथ)

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