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बढ़ती ठंड बढ़ा रही सांस के लिए मुसीबत, 370 AQI में जॉगिंग कर रहे दिल्लीवासी, आज भी बुरा हाल

दिल्ली में तमाम प्रयासों के बावजूद हवा बेहद खराब बनी हुई है. रविवार को कर्तव्य पथ पर लोग जॉगिंग करते दिखे, जबकि यहां AQI 370 'बहुत खराब' श्रेणी में दर्ज हुआ. शनिवार को भी दिल्ली की हवा लगातार दूसरे दिन 'बहुत खराब' रही और 16 मॉनिटरिंग स्टेशनों ने 'गंभीर' स्तर का AQI रिकॉर्ड किया.

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IITM के DSS के अनुसार शनिवार को दिल्ली के प्रदूषण में वाहनों का योगदान 18.3% और पराली जलाने का 16.3% रहा. (Photo: ANI/Screengrab)
IITM के DSS के अनुसार शनिवार को दिल्ली के प्रदूषण में वाहनों का योगदान 18.3% और पराली जलाने का 16.3% रहा. (Photo: ANI/Screengrab)

तमाम जागरूकता अभियानों, सरकारी पहलों और अदालती सख्ती के बावजूद आज राजधानी दिल्ली की हवा बेहद खराब है और यही हकीकत है. इसके बावजूद रविवार को कुछ लोग कर्तव्य पथ पर जॉगिंग करते दिखे. यहां एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 370 दर्ज किया गया, जिसे केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) 'बहुत खराब' श्रेणी में रखता है.

शनिवार को 'बहुत खराब' रही दिल्ली की हवा

एक दिन पहले शनिवार को लगातार दूसरे दिन दिल्ली की हवा 'बहुत खराब' श्रेणी में बनी रही. शहर के 16 मॉनिटरिंग स्टेशनों ने 'गंभीर' (Severe) श्रेणी का AQI दर्ज किया, जबकि न्यूनतम तापमान गिरकर 9.7 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो इस सीजन का अब तक का सबसे कम तापमान है.

दिल्ली में तीन दिन तक लगातार हवा 'गंभीर' श्रेणी में थी, लेकिन शुक्रवार को इसमें मामूली सुधार हुआ और औसत AQI 387 रहा, जो 'बहुत खराब' श्रेणी में आता है. शनिवार को भी 24 घंटे का औसत AQI 386 रहा, जो CPCB के 4 बजे वाले बुलेटिन के मुताबिक 'बहुत खराब' श्रेणी ही है.

बवाना का हाल सबसे बुरा

शहर के कई इलाकों में हवा और जहरीली रही. 16 स्टेशनों ने शनिवार को 'गंभीर' स्तर क एयर क्वालिटी दर्ज किया. CPCB के समीर ऐप के अनुसार, बवाना में AQI सबसे ज्यादा 443 रहा, जबकि वजीरपुर में यह 434 दर्ज किया गया. PM10 और PM2.5 (10 और 2.5 माइक्रोमीटर वाले कण) शहर में प्रदूषण के मुख्य कारण बने हुए हैं.

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पराली और गाड़ियों का प्रदूषण

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मीटिरियोलॉजी (IITM), पुणे के डिसीजन सपोर्ट सिस्टम (DSS) के मुताबिक, शनिवार को दिल्ली के कुल प्रदूषण में पराली जलाने का योगदान 16.3% रहा, जबकि वाहनों से होने वाला प्रदूषण 18.3% रहा, जो सभी स्रोतों में सबसे ज्यादा है.

अनुमान है कि रविवार को पराली जलाने का योगदान घटकर 14.5% हो जाएगा. सैटेलाइट डेटा के मुताबिक, गुरुवार को पंजाब में 104, हरियाणा में 24 और उत्तर प्रदेश में 129 पराली जलाने की घटनाएं दर्ज की गईं.

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