राजनीतिक पार्टियों ने चुनाव आयोग को एक साल में अपनी आमदनी और खर्च का हिसाब भेज दिया है. पार्टियों की ओर से चुनाव आयोग को भेजी गई जानकारी में दिल्ली विधानसभा चुनाव में खर्चे का हिसाब-किताब भी है. दिल्ली चुनाव में बतौर सत्ताधारी दल उतरी आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी ने अपनी सालाना आमदनी और खर्च का हिसाब चुनाव आयोग को भेज दिया है.
राजनीतिक दलों की ओर से चुनाव आयोग को दी गई जानकारी के मुताबिक दिल्ली चुनाव में सबसे अधिक खर्च कांग्रेस पार्टी ने किया. ग्रैंड ओल्ड पार्टी ने दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी के मुकाबले तीन गुना ज्यादा खर्च किया. निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर अपलोड किए गए विवरण के मुताबिक कांग्रेस का कुल चुनावी खर्च 46 करोड़ 18 लाख रुपये रहा.
कांग्रेस इतना पैसा खर्च कर भी खाली हाथ रह गई. आम आदमी पार्टी ने दिल्ली चुनाव में 14 करोड़ 51 लाख रुपये खर्च किए. वहीं, बीजेपी की ओर से आयोग को दी गई पार्शियल एक्सपेंडिचर रिपोर्ट के मुताबिक पार्टी ने 17 करोड़ रुपये दिल्ली चुनाव में खर्च किए. आम आदमी पार्टी को 70 सीटों वाली दिल्ली विधानसभा की 22 सीटों पर जीत मिली थी. दोनों पार्टियों के इन खर्चों में पार्टी के सामान्य प्रचार-प्रसार से संबंधित खर्च, जैसे मीडिया विज्ञापन और प्रचार सामग्री भी शामिल बताए जा रहे हैं.
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गौरतलब है कि दिल्ली विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी, दोनों ही राजनीतिक दलों ने सभी 70 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे. बीजेपी ने 68 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे और दो सीटें सहयोगी दलों के लिए छोड़ी थीं. दिल्ली विधानसभा के चुनाव इसी साल फरवरी में हुए थे. दिल्ली की सभी 70 विधानसभा सीटों के लिए 5 फरवरी को वोट डाले गए थे और चुनाव नतीजे 8 फरवरी को घोषित किए गए थे.
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दिल्ली चुनाव में कांग्रेस लगातार तीसरी बार खाता खोलने में विफल रही. इन चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) 27 साल बाद सत्ता में वापसी करने में सफल रही थी. बीजेपी को 48 विधानसभा सीटों पर जीत मिली थी. दिल्ली चुनाव 2020 में 70 में से 62 सीटें जीतने वाली आम आदमी पार्टी को इस बार के चुनाव में 40 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा था. मुख्यमंत्री उम्मीदवार और पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल, डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया समेत आम आदमी पार्टी के कई शीर्ष नेता अपनी सीट भी नहीं बचा सके थे.