scorecardresearch
 

अरविंद केजरीवाल की जमानत रद्द करने पर फिलहाल जोर नहीं... ED ने हाई कोर्ट को दी जानकारी

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट को जानकारी दी कि पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ट्रायल कोर्ट द्वारा दी गई जमानत को रद्द करने की एजेंसी की कोई योजना नहीं है. यह मामला शराब नीति से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग का है, जिसमें कोर्ट से उन्हें अंतरिम जमानत मिली थी.

Advertisement
X
अरविंद केजरीवाल (तस्वीर: PTI)
अरविंद केजरीवाल (तस्वीर: PTI)

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट को जानकारी दी कि एजेंसी इस समय पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ट्रायल कोर्ट द्वारा दी गई जमानत को रद्द करने की मांग नहीं कर रहा है. यह मामला शराब नीति से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग का है.

Advertisement

ईडी के वकील ने जस्टिस रविंदर दुदेजा को बताया कि चूंकि पूर्व मुख्यमंत्री को कोर्ट ने अंतरिम जमानत दी है, जिसे कुछ कानूनी सवालों के बड़े बेंच को सौंपा गया है, इसलिए इस मामले में सुनवाई स्थगित की जानी चाहिए.

यह भी पढ़ें: बेटी हर्षिता की शादी में अरविंद केजरीवाल ने किया जमकर डांस, सिसोदिया, राघव और भगवंत मान भी थिरके

जस्टिस रविंदर दुदेजा ने सिफारिश की कि मामला बंद करके पार्टी के अधिकारों और तर्कों की रक्षा की जा सके और ईडी के वकील को अगली सुनवाई की तारीख 30 जुलाई से पहले निर्देश लेना चाहिए. जज ने देखा कि इस बीच आरोपी को कोई नुकसान नहीं पहुंच रहा है.

सॉलीसिटर जनरल ने याचिका पर सुनवाई करने की मांग की

अतिरिक्त सॉलीसिटर जनरल एसवी राजू ने ईडी की याचिका पर सुनवाई करने का दबाव बनाया, और तर्क दिया कि ट्रायल कोर्ट का आदेश "विकृत" था और शीर्ष अदालत की बड़ी बेंच, जिसे अभी तक सूचित नहीं किया गया है, वह केजरीवाल को दी गई अंतरिम जमानत को भी वापस ले सकती है.

Advertisement

एसवी राजू ने तर्क दिया, "मैं मामले में सुनवाई के लिए दबाव बना रहा हूं. आदेश को रद्द करना आवश्यक है... मैं उनकी जमानत रद्द करने की मांग नहीं कर रहा हूं. मैं कह रहा हूं कि ट्रायल कोर्ट का आदेश विकृत है. हमें अवसर नहीं दिया गया."

यह भी पढ़ें: 'हम आदर्श अपनाते हैं, बाकी दल सिर्फ अंबेडकर को फूल चढ़ाकर दिखावा करते हैं', केजरीवाल ने विपक्ष पर कसा तंज

अंतरिम जमानत एक नियमित जमानत के समान!

दूसरी ओर, केजरीवाल के वकील ने कहा कि मामले में अब कुछ नहीं बचा है; क्योंकि शीर्ष अदालत की अंतरिम जमानत एक नियमित जमानत के समान है और इस मामले में "शैक्षणिक अभ्यास" पर अधिक समय बर्बाद नहीं होना चाहिए. केजरीवाल के वकील ने कहा कि मामले में अन्य सभी अभियुक्तों को पहले से ही जमानत मिल चुकी है और ट्रायल कोर्ट के फैसले में कोई हस्तक्षेप जरूरी नहीं है.

Live TV

Advertisement
Advertisement