आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता और दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने रेखा गुप्ता के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि जहां दिल्ली में एक ओर तापमान बढ़ रहा है तो दूसरी ओर लंबे-लंबे पावर कट हो रहे हैं.
आतिशी ने एक वीडियो साझा कर बीजेपी सरकार को घेरा है. उन्होंने कहा, 'कल (सोमवार) दिल्ली में तापमान 40 डिग्री तक पहुंच गया. रात को भी तापमान 30 डिग्री था. अगर 30 तापमान में बिजली चली जाए तो कितनी मुश्किल होगी. पर दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में लंबे-लंबे पावर कट हुए, लेकिन दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता कहती हैं- दिल्ली में कोई पावरकट नहीं हो रहे, लोग तो खुद मोमबत्ती जलाकर, कैंडल लाइट डिनर कर रहे हैं.'
'मुझे आते हैं मैसेज'
उन्होंने कहा कि मैं जब सुबह जागती हूं तो मेरे व्हाट्सएप और इनबॉक्स में इतने मैसेज आए हुए होते और लोग पावर कट की शिकायत कर रहे होते हैं.
उन्होंने अलग-अलग सोशल मीडिया यूजर्स के प्रिंटआउट दिखाकर दावा किया कि कल दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में पावर कट हुए. AAP नेता ने कहा, 'रेखा गुप्ता जी, आप दिल्ली की मुख्यमंत्री हैं. ऐसे दिल्ली वालों का मजाक मत उड़ाइएं. लोग बहुत परेशान है, उनकी पावरकट की समस्या का समाधान कीजिए.'
'सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की चिंता करने वाला कोई नहीं'
इससे पहले आतिशी ने सोमवार शाम जारी हुए JEE Mains के नतीजों का जिक्र करते हुए कहा कि अब दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की बात करने वाला और उनकी चिंता करने वाला कोई नहीं है. उन्होंने एक्स पर लिखा, 19 अप्रैल को JEE Mains का रिजल्ट आया. किसी को पता भी नहीं चला कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों के कितने बच्चों ने JEE क्लियर किया. अगर दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सरकार होती तो सरकारी स्कूल के JEE क्लियर करने वाले बच्चों का डंका बज रहा होता. अखबारों में उनकी तस्वीर आ रही होती, क्योंकि अरविंद केजरीवाल बिल्कुल एक पिता की तरह सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की चिंता करते थे, उनके रिजल्ट का इंतज़ार करते थे, उनकी सफलता से खुश होते थे, उन पर गर्व करते थे, उनके बारे में हर जगह बात करते थे.
उन्होंने ये भी कहा कि आज बीजेपी की दिल्ली सरकार में सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को पूछने वाला कोई नहीं है. उनके रिजल्ट का इंतज़ार करने वाला कोई नहीं. उनके शानदार रिजल्ट पर गर्व करने वाला कोई नहीं है. सरकारी स्कूल के बच्चों के बारे में बात करने वाला ही कोई नहीं है.