“तुम्हारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है, मगर ये आंकड़े झूठे हैं ये दावा किताबी है.” सरकारी व्यवस्था पर चोट करती अदम गोंडवी की इन लाइनों जैसे भाव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मन में उस वक्त आए थे जब वे पिछले वर्ष 12 दिसंबर को सड़क के रास्ते मेरठ से गाजियाबाद गए थे. बताया जाता है कि 12 दिसंबर, 2019 को मौसम खराब होने की बात कहते हुए पायलट ने मुरादाबाद से गाजियाबाद हेलीकॉप्टर ले जाने से इनकार कर दिया था. इसके बाद अफसरों ने भी मुख्यमंत्री को सुरक्षा का हवाला देते हुए उन्हें गाजियाबाद में कैलाश मान सरोवर भवन के लोकार्पण समारोह कार्यक्रम स्थगित करने की सलाह दे डाली. मुख्यमंत्री योगी ने अफसरों की सलाह ठुकराते हुए सड़क मार्ग से 140 किलोमीटर दूर गाजियाबाद जाने का फैसला लिया. मुरादाबाद से गाजियाबाद जाते वक्त सीएम को कई जगह पर गंदगी दिखी तो उन्हें जिलों में तैनात अफसरों की लापरवाही का पता चला था. मुख्यमंत्री को मेरठ शहर की सड़क किनारे सफाई की व्यवस्था ठीक नहीं दिखी थी. कई जगहों पर उन्हें सड़क किनारे कूड़े के ढेर दिखाई दिए थे. 14 दिसंबर को लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी ने सुबह जब अपनी टीम-11 के अधिकारियों के साथ बैठक शुरू की तो उसमें मेरठ की सफाई व्यवस्था दुरुस्त न होने पर नगर निगम के उच्च अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर बेहद गुस्सा जाहिर किया था. हालांकि बैठक में मौजूद अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने का आश्वासन देकर आधिकारियों को कार्रवाई से बचाया था.
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान इस बार 16 मई की दोपहर तीन बजे मेरठ जिले के निरीक्षण पर पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नजर से गड़बडि़यों को छिपाने के लिए जमकर पर्देदारी की गई. मेरठ के खरखौदा में मुख्यमंत्री योगी से लोहिया नगर में कूड़े का पहाड़ छिपाने के लिए उसे सफेद तंबू लगाकर ढक दिया गया. मुख्यमंत्री के निरीक्षण की सूचना मिलते ही 15 मई की रात से ही नगर निगम के कर्मचारियों को इस डंपिंग ग्राउंड की पर्दादारी में लगा दिया गया था. असल में मेरठ में लोहिया नगर डंपिंग ग्राउंड में कूड़े के पहाड़ लगे हुए हैं. शासन लगातार कूड़ा निस्तारण के लिए निर्देश दे रहा है लेकिन उसके बाद भी कूड़े के पहाड़ खत्म नहीं हो पा रहे हैं. स्थानीय लोग भी लगातार कूड़े के इस डम्पिंग ग्राउंड को शिफ्ट करने की मांग कर रहे हैं. मेरठ नगर निगम के अधिकारियों ने इस डम्पिंग ग्राउंड पर कूड़े के ढेर की पर्दादारी कर दी कि ताकि हापुड़ रोड से बिजौली जाते समय सीएम योगी आदित्यनाथ को यह कूड़े का पहाड़ न दिख सके. मेरठ के सहायक नगर आयुक्त ब्रजपाल सिंह के मुताबिक शहर में उत्सर्जित होने वाले कूड़े के निस्तारण की योजना 15वें वित्त आयोग के तहत बनाई गई है. कोरोना संक्रमण के चलते काम कुछ रुक गया है. स्थिति सामान्य होते ही इसपर काम शुरू कर दिया जाएगा.
इससे पहले 16 मई की सुबह करीब 11 बजे नोएडा के निरीक्षण पर पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नजरों से खराब सड़क को बचाने की पूरी कोशिश की गई. नोएडा सेक्टर 45 में सदरपुर कम्युनिटी सेंटर में बने आइसोलोशन वार्ड का जायजा लेने पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस सड़क की बदहाली न देख पाएं इसके लिए पुलिस के बैरिकेड के सहारे हरे रंग का पर्दा लगाकर उसे ढक दिया गया. मुख्यमंत्री योगी दोपहर दो बजे इस आइसोलेशन वार्ड में पहुंचे और करीब चार मिनट तक निरीक्षण करने के बाद वापस चले गए. नोएडा के सेक्टर 137 में रहने वाले व्यवसायी अभिष्ट गुप्ता कहते हैं, “मुख्यमंत्री अपने निरीक्षण में उन्हीं जगहों को देखने गए जिन्हें अधिकारियों ने पहले से ही ठीक कर रखा था. इससे हकीकत सामने नहीं आ पायी और मुख्यमंत्री के निरीक्षण का सही संदेश भी जनता में नहीं गया.”
यह मुख्यमंत्री के दौरे का ही असर था कि पिछले एक महीने से बंद पड़े नोएडा के बिलासपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का ताला शनिवार 15 मई को अचानक खुल गया. स्वास्थ्य केंद्र की सफाई की गई. यहां पर तैनात डॉक्टर और वार्ड ब्वाय भी आए. अगले दिन 16 मई को भी स्वास्थ्य केंद्र अपनी पूरी रौ में खुला लेकिन दोपहर जैसे ही मुख्यमंत्री के नोएडा से वापस जाने की सूचना मिली डॉक्टर-स्वस्थ्यकर्मी सब अस्पताल बंद करके गायब हो गए. ऐसी ही स्थिति मेरठ के कलेक्ट्रेट में स्थित कोविड कंट्रोल रूम में भी दिखी. 16 मई को मुख्यमंत्री योगी के आने से पहले सुबह से ही कोविड कंट्रोल रूम में 15 से अधिक डॉक्टरों और कर्मचारियों को हर टेबल पर तैनात कर दिया गया. कंट्रोल रूम में एलसीडी स्क्रीन पर भी दो कर्मचारियों को भी लगा दिया गया. दोपहर करीब साढ़े तीन बजे जब मुख्यमंत्री कोविड कंट्रोल रूम पहुंचे तो उन्हें वहां की सारी व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त दिखी लेकिन शाम करीब सवा छह बजे मुख्यमंत्री के मेरठ से वापस जाते ही कोविड कंट्रोल रूम में पांच से छह कर्मचारी ही तैनात दिखे.
मुख्यमंत्री योगी के यूपी में हो रहे ताबड़तोड़ दौरे पर विपक्षी सवाल खड़ा कर रहे हैं. मेरठ शहर से सपा विधायक रफीक अंसारी ने मुख्यमंत्री योगी के सामने मेरठ में हुई अव्यवस्थाओं का जिक्र किया था लेकिन इन्हें ज्यादा तवज्जो नहीं मिली. रफीक अंसारी बताते हैं, “मुख्यमंत्री ने मेरठ के अलावा कई जिलों का दौरा किया है लेकिन कहीं भी उन्हें गड़बड़ी नहीं मिली. इससे ही साबित होता है कि उनके निरीक्षण करने के तौर-तरीके में ही कहीं गड़बड़ी है. ऐसा कैसे हो सकता है कि जनता परेशान हो लेकिन मुख्यमंत्री को कोई भी गड़बड़ी नहीं मिले.” हालांकि मेरठ निवासी और भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता डॉ. चंद्रमोहन कहते हैं, “मुख्यमंत्री योगी लगातार जनता की समस्याओं को सुनकर उसे दूर कर रहे हैं. मुख्यमंत्री जनप्रतिनिधियों और पार्टी नेताओं से संपर्क कर जमीनी हकीकत की जानकारी लेते हैं और कोरोना संक्रमण के इलाज में आ रही बाधाओं को दूर करने का प्रयास भी करते हैं. यही वजह है यूपी में कोरोना संक्रमण का ग्राफ तेजी से गिर रहा है.”
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