गुड न्यूज फिल्म में आईवीएफ तकनीक का प्रचार क्यों?
बच्चे पैदा नहीं कर पाने वाली महिलाओं के लिए इस्तेमाल होने वाले शब्द बांझ ने मुझे झकझोर दिया था. जब गुड न्यूज की स्क्रिप्ट मेरे पास आई तो मैंने इसका हिस्सा बनकर जागरूकता पैदा करने का फैसला किया. आईवीएफ ऐसी तकनीक है जिससे बच्चे पैदा करना आसान है. इसमें नब्बे फीसदी सफलता मिलती है. आईवीएफ ने अब तक 8 मिलियन बच्चों को जन्म दिया है.
सामाजिक सरोकार वाली फिल्मों से आपका जुड़ना किसी रणनीति के तहत है?
आज जो हमारी सामाजिक स्थिति है उसमें ऐसी फिल्मों की जरूरत है. इसलिए मैंने योजनाबद्ध तरीके से ऐसी फिल्मों का हिस्सा बनने का फैसला लिया. पैडमैन, टॉयलेट एक प्रेमकथा के बाद अब गुड न्यूज से जागरूकता पैदा करने का एक प्रयास है. आज छोटे शहरों और गांवों में लोगों को आईवीएफ के बारे में बताना जरूरी है. क्योंकि, वहां महिलाएं बांझ जैसे शब्द का ज्यादा शिकार होती हैं.
आपकी लाइफ में सबसे पहली गुड न्यूज क्या थी?
जब मेरी सिस्टर पैदा हुई थी.
अब ऐक्ट्रेस को हीरो के रूप में पेश करके आपने एक नया ट्रेंड शुरू किया है?
हां. दुर्गावती फिल्म में भूमि पेडणेकर हीरो हैं. इस फिल्म की स्क्रिप्ट ऐसी है कि भूमि से बात करके उन्हें हीरो के रूप में पेश किया है. असली घटनाओँ से लेकर यह फिल्म बन रही है. इसमें अच्छा संदेश भी है.
लंबे समय के बाद आप करीना कपूर के साथ गुड न्यूज में हैं. उनमें क्या बदलाव देखा?
वो तो वैसी ही हैं जैसा आठ-नौ साल पहले उनके साथ काम किया था. वो सुंदर लगती हैं. उन्हें देखकर साफ नजर आता है कि वो रात में फ्रिज में सो जाती हैं. हां, अब उनके साथ तैमूर भी हैं.
आप एक सफल ऐक्टर हैं. नए डाइरेक्टर के साथ काम करने में डर नहीं लगता?
मेरा डर तब खत्म हो जाता है जब मैं उस डाइरेक्टर के अंदर के भूख देखता हूं. नए आयडिया के साथ फिल्म के लिए वो अपनी सारी पूंजी लगाकर मेहनत करता है. गुड न्यूज का राज मेहता मेरा 21 वां नया डाइरेक्टर है.
आपको किस चीज से नफरत है?
फेक न्यूज से. मैंने इससे कइयों के रिलेशन को टूटते हुए देखा है. ऐसे न्यूज लिखने वालों को मजा तो आता होगा. लेकिन दूसरे बर्बाद हो गए उस पर मानवीय रूप से भी सोचना चाहिए.
आप मार्शल आर्ट जानते हैं. क्या ब्रूस ली की बायोपिक करना चाहेंगे?
ब्रूस ली पर बायोपिक नहीं कर पाऊंगा. वो मेरे गुरू हैं. हां, मार्शल आर्ट पर कोई अच्छी स्क्रिप्ट आएगी तो काम करूंगा.
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