कॉलेजियम और केंद्र के बीच एक गुत्थी से पैदा काहिली हाइकोर्ट के जजों के खाली पदों को भरने में बनी बाधा, जबकि बढ़ता ही जा रहा है लंबित मुकदमों का अंबार.
कहा जाता रहा है कि उज्जैन का विकास 12 वर्षों में तब होता है जब सिंहस्थ आयोजित होता है. सिंहस्थ की तैयारी में शहर को नए भवन, नए पुल और नई सड़कों की स्थाई सौगात मिलती रही है. लेकिन अब उज्जैन में ये बुनियादी ढांचे चिर-स्थाई हो रहे हैं.
उज्ज्वला में बीपीएल श्रेणी की महिलाएं ही कनेक्शन के लिए पात्र लेकिन राजस्थान में 30 लाख से ज्यादा सामान्य श्रेणी की महिलाओं को दे दिए गए उज्ज्वला कनेक्शन
लॉकडाउन के दौरान लचर निगरानी और आर्थिक तंगहाली की वजह से राज्य के विभिन्न जिलों में अफीम की अवैध खेती के मामलों में अचानक इजाफा. मारवाड़ बना गढ़
योगी सरकार के उत्साही अधिकारियों ने भू-माफिया के खिलाफ जोरदार कार्रवाई कर अरबों रुपए की सरकारी जमीन खाली कराई. कुछ भूखंडों पर गरीबों के लिए मकान बनाए जा रहे हैं
तीन तलाक के अब गैरकानूनी होने के बाद सभी धर्मों के निजी कानून महिलाओं को पर्याप्त सुरक्षा देते हैं. यूसीसी इनके परस्पर अतिक्रमण और गलत व्याख्याओं से बचने के लिए इन्हें संहिताबद्ध कर सकता है
विवादों से घिरी समान नागरिक संहिता सभी धर्मों के समस्त भारतीयों के लिए उत्तराधिकार, विवाह और तलाक पर प्रस्तावित साझा कानून है
संसद ने विवाह, तलाक और उत्तराधिकार के मानदंडों को शासित करने के लिए कानून पारित किए हैं और किसी भी धर्म के लोग स्वेच्छा से इनका पालन कर सकते हैं
बिहार में आरटीआइ से भ्रष्टाचार और अनियमितताएं उजागर करने वाले कम से कम 20 लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया और दर्जनों पर हमले हुए लेकिन हमलावरों को सजा अभी तक नहीं मिली
पिछले एक माह में राजस्थान के पांच शहरों में सांप्रदायिक तनाव फैलने और दंगों की बड़ी घटनाएं हुईं और यह सिलसिला अब भी थमता नहीं दिख रहा
पहली लड़ाई तो जीत ली, पर नई चुनौतियां पाकिस्तान के वजीर-ए-आजम शहबाज शरीफ के सामने मुहंबाए खड़ी हैं—गठबंधन, अर्थव्यवस्था, वक्त और बौखलाए इमरान खान
जमींदार का गायब हुआ बेटा चार साल बाद भिखारी के वेश में मिला, बहन ने उसके नकली बेटा बनने का मुकदमा जीता, इस दिलचस्प कथा में छुपे समाज के कई रंग
सस्ती जमीन और सस्ता श्रम, खास इलाका, सरकारी रियायतें और परेशानियों से मुक्त माहौल के साथ कोलकाता अब कानपुर के चर्मशोधन कारखानों के मालिकों को लुभा रहा.
पश्चिमी कोसी नहर परियोजना का दावा था कि 1981 में किसानों को इससे पानी मिलने लगेगा, मगर 1979 तक मुख्य नहर की 59 में से मात्र 17 संरचनाओं का काम पूरा हुआ था, सात पर काम चालू था, शेष 35 की तो सर्वे रिपोर्ट भी तैयार नहीं हुई थी.
जैविक खेती के नए क्षेत्र में कुछ बदलाव आए, पर पैदावार और फसल की बिक्री से जुड़े किसानों के कुछ असल मुद्दों ने जैविक क्रांति की रफ्तार को रोका.
कहीं ऐसा न हो कि आप ओमिक्रॉन की हल्की लहर, बेहतर तैयारी और महामारी की ऊब के झांसे में आ जाएं. कोविड अभी गया नहीं है.
देश के 16 राज्यों में हजारों किसान सालों बाद भी फसल बीमा दावों के निबटान की बाट जोह रहे हैं, दूसरी ओर विभिन्न वजहों से बीमित क्षेत्र और किसानों की संख्या लगतार घटती जा रही है.
भारत में कोविड से हुई मौतों पर डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट सरकारी आंकड़े को बहुत कम बताती है, पर दोनों पक्षों की दलीलों के बीच एक सच सामने आ गया कि डेटा में पारदर्शिता और सटीकता की घोर कमी है.
अपनी खूबसूरती और जंगलीपन की वजह से बेशकीमती रखवाले कुत्तों की पश्मी और कारवां सरीखी नस्लें ठीक-ठाक मुनाफे की खातिर महाराष्ट्र में लातूर के गांवों में पाली जाती हैं
30 सितंबर, 2020 को वाद यह कहकर अदालत ने खारिज कर दिया था कि मात्र भक्त होने के आधार पर प्रार्थीगण को वाद दायर करने की अनुमति देना न्यायोचित नहीं है.
याचिका में भारत संघ, उत्तर प्रदेश सरकार, वाराणसी के जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, अंजुमन इंतजामिया मस्जिद और काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट को प्रतिवादी बनाया गया है. प्रकरण कोर्ट में लंबित है.