महाराष्ट्र में कांग्रेस शून्य पर सिमट जाती अगर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी शरद पवार की बात नहीं सुनते. शिवसेना के तत्कालीन विधायक सुरेश धनोरकर से कांग्रेस ने लोकसभा टिकट का वादा किया.
इसी वादे पर चुनाव से पहले धनोरकर शिवसेना छोड़ कांग्रेस में आ गए. पर जब कांग्रेस ने उम्मीदवारों की सूची जारी की तो उसमें अपना नाम न देखकर धनोरकर को झटका लगा. असल में कांग्रेस आलाकमान ने प्रदेश पार्टी प्रमुख अशोक चव्हाण की सलाह को नजरअंदाज कर दिया था.
तब इस रसूखदार विधायक ने शरद पवार से बात की, जिन्होंने राहुल गांधी को फोन किया. आखिरकार धनोरकर को टिकट मिल गया. उन्होंने गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर को हरा दिया और इस तरह यहां मध्य प्रदेश, गुजरात और राजस्थान जैसा कांग्रेस का सफाया होने से बचा लिया.
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