नागपुर में 7 जून को आरएसएस कैडर को संबोधित करने के प्रणब मुखर्जी के फैसले से कांग्रेस में खासी नाराजगी है. लेकिन अब लग रहा है, संघ की ओर से पूर्व राष्ट्रपति को दिए गए न्यौते से भाजपा भी उतनी ही हैरान है.
इसकी वजह पता लगाने का आदेश मिलने पर संघ से संबंध रखने वाले भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने उसी आदमी को यह काम सौंपा है जिसने 2008 में पार्टी के अशोक रोड के दफ्तर से 2.5 करोड़ रु. की चोरी की जांच की थी.
प्रणब मुखर्जी को मिले न्यौते को जनवरी में एक मुख्यमंत्री के निवास पर आयोजित निजी रात्रिभोज से जोड़ा जा रहा है, जिसमें बीजू जनता दल (बीजद) और जनता दल (सेकुलर) के नेताओं ने भी शिरकत की थी. 2019 के बाद प्रणब दा की भूमिका को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं.
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