नवंबर की 23 तारीख को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से महज कुछ घंटे पहले देवेंद्र फडऩवीस और उनकी पत्नी अमृता ने मुख्यमंत्री के सरकारी आवास वर्षा में देर रात पूजा-अर्चना की.
मध्य प्रदेश के मां बगलामुखी मंदिर के चार पुजारी बुलाए गए थे. कहते हैं, सलाह भाजपा के एक बड़े नेता ने दी थी, ताकि राजतिलक की संभावित बाधाओं को दूर किया जा सके.
वे मंदिर तांत्रिक अनुष्ठानों के लिए जाना जाता है और आलोचनाओं के केंद्र में भी रहा है. लेकिन शायद तांत्रिक तरंगें विपरीत दिशा में चली गईं. फडऩवीस को अशोक चह्वाण से सीखना चाहिए था.
नौ साल पहले मुख्यमंत्री रहे चह्वाण ने मुख्यमंत्री आवास पर सत्य साईं बाबा की पूजा करवाई थी. दस दिन बाद ही उन्हें आदर्श हाउसिंग सोसायटी घोटाले में कथित लिप्तता के चलते इस्तीफा देना पड़ा था. दैव कभी-कभी विरोधियों पर मेहरबान हो जाते हैं.
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