दुनिया भर में केवल 32 देशों ने वैवाहिक बलात्कार को अपराध नहीं मानना जारी रखा है. दुर्भाग्य की बात यह है कि भारत भी इन देशों की फेहरिस्त से अब तक बाहर नहीं निकल पाया है
राजनीति पर वर्चस्ववादी राजनेताओं से मतदाता थक और ऊब गए थे. और उनके मन में यह धारणा गहरा गई थी कि ये सब आपस में मिले हुए हैं
छात्राओं के हिजाब पहनने के मुद्दे को लेकर सांस्कृतिक ड्रेस कोड, संस्थागत अधिकार, निजी पसंद और पूर्वाग्रह के इर्दगिर्द व्यापक बहस छिड़ी.
लेखिका यूनाइटेड सिख्स की इंटरनेशनल लीगल डायरेक्टर हैं.
लेखक विचारों के इतिहासकार और हिंदू धर्म के अध्येता हैं. उनकी नवीनतम पुस्तक कबीर-कबीर है. फिलहाल वे हिंदू धर्म पर किताब के लिए काम कर रहे हैं.
लेखिका नारीवादी ऐक्टिविस्ट और बेबाक कलेक्टिव की संस्थापक सदस्य हैं.
सलामत-नजाकत खां साब जब-जब इंडिया गए, लता जी बराबर सामने होतीं. खां साब लता जी की बड़ी इज्जत करते थे. उनकी नजर में वे एक बड़ी क्लासिकल सिंगर थीं.
मैं क्या-क्या बताऊं उनके बारे में. वे खुश रहने और हंसने-हंसाने वाली महिला थीं. उन्हें लतीफे बड़े पसंद थे. एक बार उनके घर पर हम ऐसे ही बैठे हुए थे.
इन गीतों में लग जा गले, रहें न रहें हम., अगर मुझसे मोहब्बत है, माई री मैं कासे कहूं, मन मोहना बड़े झूठे जैसे गीत शामिल हैं.
मैंने हमेशा यह पाया कि जैसे उनकी रूह को सुकून होने के बाद भी इस बात का हमेशा गम रहा कि उनके बाबा मास्टर दीनानाथ मंगेशकर उन्हें असमय छोड़कर चले गए.
मसलन क्रेड अपने यूजर को क्रेड पॉइंट के जरिए प्रोत्साहन लाभ देने के लिए मशहूर हैं. सरकार की परिभाषा के हिसाब से चलें, तो इन्हें भी वर्चुअल डिजिटल एसेट की श्रेणी में रखा जा सकता है.
विराट कोहली के टेस्ट कप्तानी छोड़ने से भारतीय क्रिकेट का ताकतवर रथ थम जाने की आशंकाओं से घिरा.
जेपीसी की सिफारिशों के मूल में एक भ्रांत धारणा यह है कि निजता और सुरक्षा के बीच संतुलन साधने का मतलब एक के हक में दूसरे को ठुकरा देना है
सबसे कम उम्र की मुख्य मानव संसाधन अधिकारी और यूनिलीवर लीडरशिप एग्जीक्यूटिव की सदस्य हैं.
आइआइएम-सी महज मैनेजमेंट का डिप्लोमा लेने की जगह नहीं बल्कि यह ऐसा ठिकाना है जहां जिंदगी के पाठ पढ़ाए जाते हैं.
दुनिया के दूसरे बड़े संस्थानों के साथ गठजोड़ और नए तौर-तरीके अपनाकर मैनेजमेंट की पढ़ाई सामाजिक और तकनीकी जटिलताओं से निबटने के लिहाज से होगी ज्यादा लचीली और समृद्ध.
बेहतर होगा कि कोई सरकार या कोई पार्टी आश्रम को न 'गढ़े', और कम से कम गांधी के मूल लक्ष्यों के विरोधी तो नहीं ही गढ़ें
अगर पोर्न वैध होता तो हम इंडस्ट्री को विभिन्न तरह की रुचियों, और उससे भी बढ़कर, पहली बार वालों के लिए सेक्स एजुकेशन मुहैया कराने के लिए सहमत करा सकते थे
जब कोई राजनेता चुनावों में भारी जनादेश प्राप्त करता है और अपनी जीत को जारी रखता है तो जज सत्ता से सच बोलने से कतराने लगते हैं
नब्बे के दशक में तालिबान लड़ाकों ने कश्मीर में हालात बिगाड़े थे. क्या वे फिर ऐसा करेंगे? यह इस पर निर्भर करता है कि आइएसआइ का किस हद तक नियंत्रण है