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चीन से अमेरिका के 13 राज्यों में फैला कोरोना का 'निम्बज' वैरिएंट...गले में ब्लेड फंसने जैसा हो रहा महसूस

NB.1.8.1 नामक इस वैरिएंट को चीन और कई अन्य एशियाई देशों में कोविड-19 के फिर से उभरने का कारण माना गया है. इसे निम्बज नाम से भी जाना जा रहा है. ये वैरिएंट क्या है और कितना खतरनाक है, इस बारे में आर्टिकल में जानेंगे.

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कोरोना का नया वैरिएंट सामने आया है.
कोरोना का नया वैरिएंट सामने आया है.

New coronavirus variant: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत में कोविड-19 के एक्टिव मामलों की संख्या शुक्रवार को 5976 रह गई है. एक दिन पहले एक्टिव मामलों की संख्या 6483 थी. कई राज्यों में दैनिक संक्रमण में गिरावट देखी जा रही है. देश में पिछले 24 घंटों में 3 मौतें (2 दिल्ली से और 1 केरल) हुईं. स्वास्थ्य अधिकारियों ने ओमिक्रॉन के 2 सब-वैरिएंट एनबी.1.8.1 और एलएफ.7 की पहचान की है और ये दोनों ही जेएन.1 वैरिएंट के म्यूटेशन हैं जो अभी कोरोना के मामलों में वृद्धि का कारण हैं. हालांकि, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के वैज्ञानिकों ने संकेत दिया है कि ये नए स्ट्रेन पहले के ओमिक्रॉन की तुलना में बीमारी की गंभीरता को नहीं बढ़ा रहे हैं. ये नया वैरिएंट निम्बज क्या है, कितना खतरनाक है और इसके लक्षण क्या हैं, इस बारे में भी जानना काफी जरूरी है ताकि इससे सतर्क रहा जा सके.

कहां-कहां फैला है निम्बज?

अमेरिका की बात करें तो यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, एनबी.1.8.1 पहले से ही 7 जून तक नए कोविड-19 मामलों के लगभग 1 तिहाई (37 प्रतिशत)  मामले इसी वैरिएंट के हैं. ग्लोबल इनिशिएटिव ऑन शेयरिंग ऑल इन्फ्लुएंजा डेटा के अनुसार, निम्बज वैरिएंट कम से कम 13 अमेरिकी राज्यों में पाया गया है. NB.1.8.1 नामक इस वेरिएंट को चीन और कई अन्य एशियाई देशों में कोविड-19 के फिर से उभरने का कारण माना गया है. यूरोप के विशेषज्ञ वहां मामलों में संभावित वृद्धि की भविष्यवाणी कर रहे हैं.

एसोसिएटेड प्रेस के मुताबिक, नया वैरिएंट 'निम्बस' को ऑफिशिअली रूप से एनबी.1.8.1 के नाम से जाना जाता है. ये वैरिएंट वाशिंगटन, न्यूयॉर्क, कैलिफोर्निया, ऑस्ट्रेलिया, यूके और वर्जीनिया जैसे कई अमेरिकी राज्यों में पाया गया है. इसे  ​​'रेजर ब्लेड थ्रोट' नाम से भी जाना जा रहा है क्योंकि यह गले में दर्दनाक खराश पैदा कर सकता है और भारत में डॉक्टरों का कहना है कि भारत में भी कुछ मरीजों में भी ये लक्षण देखे जा रहे हैं.

निम्बज के लक्षण?

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निम्बज के लक्षण भी वैसे तो अन्य वैरिएंट्स की तरह ही हैं लेकिन कुछ मरीजों में एलर्जी जैसे लक्षण हो सकते हैं जैसे कि भरी हुई और बहती नाक. दूसरों को सर्दी-जुकाम या फ्लू जैसे लक्षण हो सकते हैं जैसे कि बुखार, गले में खराश, थकान, सिरदर्द और मांसपेशियों या शरीर में दर्द. वहीं कुछ लोगों को खांसी और सांस लेने में कठिनाई हो सकती है. मतली, उल्टी या दस्त भी हो सकते हैं.

हालांकि, इस वैरिएंट ने 'रेजर ब्लेड थ्रोट' नाम का एक दर्दनाक लक्षण भी पैदा किया है. रिपोर्ट के मुताबिक, मरीजों ने इस लक्षण की तुलना आपके गले में रेजर ब्लेड फंसने से की है.

कितना खतरनाक है निम्बज?

NB.1.8.1 वैरिएंट ACE2 रिसेप्टर से मजबूती से जुड़ता है, जिसका इस्तेमाल कोविड-19 शरीर में प्रवेश करने के लिए करता है. वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि NB.1.8.1 मानव कोशिकाओं के साथ मजबूत बॉन्ड बना लेता है जो अधिक प्रभावी ढंग से फैल सकता है. 

WHO के अनुसार, निम्बस कोविड-19 के ओमिक्रॉन वैरिएंट का एक सब-वैरिएंट है जो इंफेक्शन का कारण बनता है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने निम्बस को वैरिएंट अंडर मॉनिटरिंग यानी निगरानी में रखे जाने वाले वैरिएंट के रूप में वर्गीकृत किया है. वहीं लंदन जनरल प्रैक्टिस के एक जनरल प्रैक्टिशनर डॉ. नवीद आसिफ के मुताबिक, 'WHO का आकलन है कि ग्लोबल लेवल पर वर्तमान में जोखिम कम है और मौजूदा कोविड-19 वैक्सीन को गंभीर बीमारी को रोकने में प्रभावी माना जा रहा है. 

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जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी में आपातकालीन चिकित्सक, क्लिनिकल एसोसिएट प्रोफेसर, अमेरिकन फिजिशियन डॉ. लीना वेन ने मीडिया से बात करते हुए कहा, 'नया वैरिएंट, NB.1.8.1, जिसे निम्बस भी कहा जाता है. यह ओमिक्रॉन स्ट्रेन का वंशज है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने नए स्ट्रेन को 'वैरिएंट अंडर मॉनिटरिंग' माना है. हालांकि, WHO ने यह भी बताया कि निगरानी डेटा यह नहीं दर्शाता है कि पहले से फैले हुए वैरिएंट की तुलना में इसकी गंभीरता बढ़ी है. यह देखते हुए कि यह स्ट्रेन पिछले वैरिएंट से आगे निकल रहा है, यह संभव है कि यह अधिक संक्रामक हो. लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है जो यह सुझाव दे कि यह पिछले वैरिएंट की तुलना में अलग तरीके से फैल रहा है.'

मौजूदा वैक्सीन कितनी प्रभावी हैं?

डॉ. लीना का कहना है, 'मौजूदा वैक्सीन इस वैरिएंट के खिलाफ काम करते हैं या नहीं, इसका सटीक जवाब अभी तक पता नहीं है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन लैब डेटा का हवाला देता है जो दर्शाता है कि एनबी.1.8.1 कुछ हद तक इम्यूनिटी से बच सकता है, जिसका अर्थ है कि यह वैक्सीन या पिछले संक्रमण मिली गई इम्यूनिटी से मिली हुई इम्यूनिटी को भी चकमा देते हुए फिर से संक्रमित कर सकती है. साथ ही यह अन्य वैरिएंट्स का वंशज है और उस पर वैक्सीन प्रभावी थी.'

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'मुझे उम्मीद है कि आने वाले हफ़्तों में और अधिक डेटा उपलब्ध होगा क्योंकि स्वास्थ्य अधिकारी जल्द ही इसके अपडेटेड कोविड-19 वैक्सीन के फॉर्मूलेशन पर निर्णय लेंगे. यह जानते हुए कि एमबी.1.8.1 के मामले बढ़ रहे हैं और यह सुनिश्चित करेंगे कि नया फॉमूलेशन इस वैरिएंट के खिलाफ प्रभावी हो.'

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