मां बनना अपने आप में एक बेहद खास एहसास होता है, लेकिन कभी-कभी इन्हीं खुशियों के बीच अचानक डर और बेचैनी भी दिल पर हावी हो जाती है. ऐसा ही कुछ हुआ कॉमेडियन और होस्ट भारती सिंह के साथ. सबको हंसाने वाली भारती जल्दी ही दूसरी बार मां बनने वाली हैं और बहुत खुश हैं, लेकिन अचानक उन्हें प्रेग्नेंसी में एक तकलीफ परेशान करने लगी है. उन्होंने अपनी तकलीफ/बीमारी के बारे में अपने लेटेस्ट व्लॉग में बताया और फैंस के साथ अपनी चिंता भी शेयर की.
भारती ने बताया कि डाइट और रूटीन को ठीक से फॉलो करने के बावजूद उनकी फास्टिंग शुगर अचानक बहुत ज्यादा बढ़ गई, जिससे उनके मन में डर बैठ गया. प्रेग्नेंसी में शुगर लेवल का इस तरह अनियंत्रित हो जाना किसी भी मां के लिए घबराहट भरा पल हो सकता है क्योंकि ये ना केवल मां पर बल्कि बच्चे की सेहत पर भी असर डालती है. भारती ने खुलकर बताया कि वह इसी वजह से कितनी घबराई हुई हैं. अब सवाल ये है कि आखिर प्रेग्नेंसी में शुगर लेवल अचानक बढ़ क्यों जाता है? इसका कारण क्या है? इस बीमारी को क्या कहते हैं? और साथ ही इसके असर क्या-क्या होते हैं? चलिए जानते हैं.
बहुत परेशान हैं भारती सिंह
भारती ने अपने व्लॉग में अपनी चिंता और डर को फैंस के साथ शेयर करते हुए कहा कि वह कई दिनों से सिर्फ मिलेट्स खा रही थीं, रोटियां, चावल और कार्ब्स बिल्कुल छोड़ दिए थे. न उन्होंने जंक फूड खाया और न ऐसा कुछ जो शुगर बढ़ा दे. इसके बावजूद उनकी फास्टिंग शुगर इतनी बढ़ गई कि वो खुद डर गई हैं और उन्हें पता था कि डॉक्टर उन्हें जरूर डांटेंगे. इस दौरान सबसे मुश्किल बात ये थी कि उनके पति हर्ष लिंबाचिया दुबई गए हुए थे. भारती ने माना कि हर्ष के ना रहने से उनकी घबराहट और बढ़ गई. अकेले डॉक्टर के पास जाना, बढ़ी हुई शुगर के बारे में सुनना इन सबने उनके इमोशंस को और हिला दिया है. वह बहुत डर गई हैं. डॉक्टर से मिलने के बाद भारती ने बताया कि उनका HbA1c बढ़कर 6.7 तक पहुंच चुका है, जो डायबिटिक रेंज में है. डॉक्टर ने उन्हें डांटा और डाइट व लाइफस्टाइल को और भी स्ट्रिक्ट तरीके से फॉलो करने की सलाह दी.
प्रेग्नेंसी में अचानक क्यों बढ़ जाती है शुगर?
प्रेग्नेंसी के दौरान कई महिलाओं को एक कंडीशन होती है जिसे जेस्टेशनल डायबिटीज (Gestational Diabetes Mellitus/GDM) कहा जाता है. ये वही डायबिटीज है जो सिर्फ प्रेग्नेंसी के दौरान डेवेलप होती है, खासकर तब जब शरीर इंसुलिन की जरूरत पूरी नहीं कर पाता. भारती सिंह जैसे मामलों में, जब प्रेग्नेंसी में शुगर अचानक हाई हो जाए, तो ये अक्सर GDM की तरफ इशारा करता है. प्रेग्नेंसी में हार्मोनल बदलाव इंसुलिन की क्षमता कम कर देते हैं, जिससे चाहे आप कितना भी हेल्दी खा लें, ब्लड शुगर थोड़ा-थोड़ा बढ़ सकता है.
आसान भाषा में समझें तो इस कंडीशन में प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर को ज्यादा इंसुलिन की जरूरत होती है, लेकिन शरीर उतना इंसुलिन बना नहीं पाता. इंसुलिन कम होने की वजह से खून में शुगर बढ़ने लगती है. इस समस्या को जेस्टेशनल डायबिटीज (GDM) कहा जाता है. GDM होने पर मां और बच्चे दोनों को प्रेग्नेंसी के दौरान और बाद में थोड़ी ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है.
किन महिलाओं में GDM का खतरा ज्यादा होता है?
डॉक्टर्स के मुताबिक, जेस्टेशनल डायबिटीज (GDM) किसी भी प्रेग्नेंट महिला को हो सकती है. लेकिन भारतीय महिलाओं में ये खतरा बाकी देशों की महिलाओं की तुलना में लगभग 11 गुना ज्यादा होता है.
कुछ महिलाओं में ये जोखिम और बढ़ जाता है, जैसे:
भारती पहले से ही बॉर्डरलाइन डायबिटीज का सामना कर चुकी हैं, इसलिए उनमें GDM का खतरा थोड़ा ज्यादा था. यही वजह हो सकती है कि डाइट फॉलो करने के बावजूद अचानक उनका शुगर लेवल बढ़ गया.
प्रेग्नेंसी में डायबिटीज (GDM) का पता कैसे लगाया जाता है?
प्रेग्नेंसी के दौरान हर महिला की कुछ हफ्तों में शुगर की टेस्टिंग की जाती है. 12–16 हफ्ते, 24–28 हफ्ते और 32–34 हफ्ते पर डॉक्टर्स अक्सर शुगर टेस्ट करते हैं. इसके लिए एक ओरल ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट (OGTT) किया जाता है. ये बहुत ही नॉर्मल टेस्ट है. इसमें आपको मीठा ग्लूकोज वाला सॉल्यूशन पीने को दिया जाता है. इसके लगभग 2 घंटे बाद आपका ब्लड सैंपल लिया जाता है ताकि देखा जा सके कि शरीर ने उस चीनी को कैसे संभाला. यही टेस्ट ये बताता है कि आपको प्रेग्नेंसी के दौरान डायबिटीज है या नहीं.
अचानक बढ़ी शुगर से मां और बच्चे दोनों पर खतरा
जब प्रेग्नेंसी में शुगर लेवल अचानक बढ़ जाता है, तो हर मां के मन में सबसे पहला सवाल यही आता है, 'कहीं इसका असर मेरे बच्चे पर तो नहीं पड़ेगा?' अगर GDM समय पर पकड़ में आ जाए और कंट्रोल में रहे, तो ज्यादातर महिलाएं बिल्कुल हेल्दी प्रेग्नेंसी और हेल्दी बच्चा पाती हैं. लेकिन अगर शुगर कंट्रोल न हो, तो मां और बच्चे दोनों को परेशानी हो सकती है. सच यह है कि अनकंट्रोल शुगर प्रेग्नेंसी में कई मुश्किलें खड़ी कर सकती है.
मां के लिए खतरे
बच्चे के लिए खतरे
प्रेग्नेंसी में शुगर के बढ़ने के संकेत
अगर प्रेग्नेंसी में शुगर लेवल बढ़ जाता है तो शरीर में थकान, बहुत प्यास लगना, ज्यादा पेशाब आना, अचानक धुंधला दिखना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. इसीलिए सभी प्रेग्नेंट महिलाओं की 12–16 सप्ताह, 24–28 सप्ताह और 32–34 सप्ताह पर डायबिटीज की जांच की जाती है.
GDM होने पर गर्भवती महिलाओं को क्या खास सावधानी रखनी चाहिए?
अगर प्रेग्नेंसी में शुगर बढ़ी हुई है, तो कुछ साधारण चीजें आपको और आपके बच्चे दोनों को हेल्दी रख सकती हैं.
हेल्दी खाना खाएं: डॉक्टर या डायटिशियन की बताई डाइट फॉलो करें
हल्की-फुल्की एक्सरसाइज करें: जैसी सलाह डॉक्टर दें, वैसी वॉक या एक्सरसाइज करें
शुगर लेवल को टेस्ट कराएं: घर पर ग्लूकोमीटर से शुगर चेक करें
बच्चे की मूवमेंट पर ध्यान रखें: दिन में बेबी कितनी बार हिलता-डुलता है, इसकी गिनती करें
डॉक्टर से रेगुलर चेकअप कराएं: कोई दिक्कत हो तो तुरंत बताएं, चेकअप मिस न करें
इन सब से GDM का खतरा काफी कम हो जाता है और प्रेग्नेंसी ज्यादा सुरक्षित रहती है.