
बिहार चुनाव में यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ भी एनडीए के लिए जोरो-शोरों से प्रचार कर रहे हैं.इसी के मद्देनजर सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वो किसी जनसभा में बैठे दिख रहे हैं.
इस सभा में एक-एक कर लोगों को बुलाया जा रहा है और योगी के बगल में खड़ा एक आदमी इन लोगों को कुछ दे रहा है. ये सभी लोग योगी के पैर छू कर जा रहे हैं.
वीडियो को बिहार का बताकर दावा किया जा रहा है कि बीजेपी और योगी खुलेआम पैसे देकर वोट खरीद रहे हैं और चुनाव आयोग कुछ नहीं कर रहा.

वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा है, “चुनाव आयोग पर तमाचा. बीजेपी बिहार में पेशे देकर वोट खरीदे जा रहे है इलेक्शन के टाईम पर. देख जो सब ऐसे जीत होती है. कहां है चुनाव आयोग...खुल्लम खुल्ला वोट खरीद”.
लेकिन आजतक ने पाया कि योगी का ये वीडियो 2012 का है और इसका बिहार चुनाव से कोई संबंध नहीं है.
कैसे पता की सच्चाई?
वीडियो को रिवर्स सर्च करने पर पता चला कि इसे 2019 में भी शेयर किया गया था. इससे एक बात साफ हो गई कि वीडियो का अभी चल रहे बिहार चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है.
उस समय भी ये वीडियो गलत दावे के साथ वायरल हुआ था. इंडिया टुडे ने इसका खंडन करते हुए खबर भी की थी.
वीडियो को 2012 में विनय कुमार गौतम नाम के एक व्यक्ति ने यूट्यूब पर शेयर किया था. अब ये वीडियो डिलीट हो चुका है. विनय एक फोटोजर्नलिस्ट हैं और गोरखपुर के रहने वाले हैं.
2019 में इंडिया टुडे ने विनय से बात की थी. विनय ने बताया था कि ये वीडियो उन्होंने अप्रैल 2012 में शूट किया था. उस समय योगी गोरखपुर से सांसद थे.
विनय का कहना था कि उस समय आग लगने से कई किसानों की फसल बर्बाद हो गई थी. योगी, गोरखपुर के इन लोगों से मिले थे और उन्हें सासंद निधि से वित्तीय मदद पहुंचाई थी. वीडियो में भी लोगों को फसल के बारे में बातचीत करते सुना जा सकता है.
यहां ये बात स्पष्ट हो जाती है कि वीडियो के साथ किया जा रहा दावा पूरी तरह गलत है.