रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने से लेकर अब तक तकरीबन 35 लाख यूक्रेनी नागरिक बेघर हो चुके हैं.
यूक्रेन में सैकड़ों घायल और बीमार लोग फंसे हुए हैं. ये देखते हुए हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने रूस से अपील की कि वो कम से कम डब्लूएचओ के प्रतिनिधियों को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के लिए यूक्रेन जाने दे.
इसी बीच सोशल मीडिया पर कुछ लोग कह रहे हैं कि रूस में स्थित डब्लूएचओ के सभी ऑफिस बंद कर दिए गए हैं.
मिसाल के तौर पर, एक फेसबुक यूजर ने एक फोटो पोस्ट की जिसमें लिखा है, ‘रूस ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को निकाला, मॉस्को में स्थित उसके सभी ऑफिस बंद किए.’ साथ ही, डब्लूएचओ प्रमुख टेडरोस अदनोम गेब्रेहेसुस की फोटो भी लगी है.
इंडिया टुडे की फैक्ट चेक टीम ने पाया कि रूस में डब्लूएचओ के ऑफिस बंद हो जाने की खबर एकदम झूठ है. डब्लूएचओ के यूरोप प्रवक्ता ने ‘आजतक’ से बातचीत में इस बात की पुष्टि की है.
कैसे पता लगाई सच्चाई?
इस बारे में जानकारी पाने के लिए हमने डब्लूएचओ से ईमेल के जरिये संपर्क किया. संस्था के प्रवक्ता ने हमारी ईमेल के जवाब में लिखा, “रूस स्थित डब्लूएचओ का ऑफिस और गैर-संचारी (नॉन कम्यूनिकेबल) रोगों का ऑफिस - दोनों ही चल रहे हैं. इनके बंद होने की बात में कोई सच्चाई नहीं है.
अप्रैल में कई यूरोपीय देशों ने डब्लूएचओ के रीजनल डायरेक्टर को सुझाव दिया था कि वो संस्था का ‘नॉन कम्यूनिकेबल डिसीजेज’ का ऑफिस मॉस्को से हटा लें. पर, इस सुझाव पर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है.”
डब्लूएचओ ने की थी यूक्रेन के अस्पतालों पर हमलों की निंदा
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मई में रूस के हमले की वजह से यूक्रेन की स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़े बुरे असर की निंदा की थी. साथ ही रूस से ये अपील की थी कि वो कम से कम यूक्रेन के अस्पतालों पर हमले न करे.
इंडिया टुडे पहले भी रूस-यूक्रेन से जुड़ी कई अफवाहों का पर्दाफाश कर चुका है. ऐसे ही कुछ फैक्ट चेक यहां पढ़े जा सकते हैं.
रूस ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को बाहर का रास्ता दिखा दिया है. मॉस्को में स्थित डब्लूएचओ के सभी ऑफिस बंद हो गए हैं.
रूस में विश्व स्वास्थ्य संगठन के ऑफिस बंद होने की बात में कोई सच्चाई नहीं है. डब्लूएचओ के यूरोप प्रवक्ता ने ‘आजतक’ से बातचीत में इस बात की पुष्टि की है.