क्या रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, ट्रैक्टर की तस्वीर और फैंसी नंबर वाले पांच रुपये के नोट के बदले पांच लाख रुपये दे रहा है? सोशल मीडिया पर वायरल कुछ पोस्ट्स के जरिये यही दावा किया जा रहा है.
इस तरह के नोट के बारे में सोशल मीडिया पर और भी कई दावे किए गए हैं. मिसाल के तौर पर, एक पोस्ट में कहा जा रहा है कि अगर आपके पास पांच रुपये का ट्रैक्टर वाला नोट है, तो आपको 'oldcoinprice.in' वेबसाइट पर अपनी निजी जानकारियां डालने भर से सात लाख रुपये मिल सकते हैं. वो भी 24 घंटे के अंदर.
ऐसे ही एक वीडियो में एक न्यूज रिपोर्ट का अंश भी दिखाया गया है जिसमें एंकर कहती है कि पांच रुपये का ये नोट आपको पांच लाख दिला सकता है. वीडियो में इस न्यूज रिपोर्ट के बाद एक व्यक्ति कहता है, "जैसा कि आपने अभी न्यूज रिपोर्ट में देखा कि आपके पास में पांच रुपये वाला ट्रैक्टर वाला नोट होता है, तो उसे बेचकर आप पांच लाख रुपये कमा सकते हैं. जी हां दोस्तों, ये न्यूज अब सच साबित हो चुकी है."

ऐसे ही एक पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
आजतक ने पाया कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने पांच रुपये के नोट के बदले पांच लाख रुपये देने का कोई ऐलान नहीं किया है. कुछ ई-कॉमर्स वेबसाइट्स पर पुराने नोटों और सिक्कों की खरीद-फरोख्त जरूर होती है. लेकिन लोगों को पुराने नोट बेचते समय सावधान रहना चाहिए क्योंकि ऐसे कई मामलों में धोखाधड़ी भी हो चुकी है.
रिजर्व बैंक ने इस मामले पर क्या कहा?
रिजर्व बैंक की वेबसाइट पर हमें ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली कि ट्रैक्टर वाले पांच रुपये के नोट के एवज में पांच लाख रुपये दिए जाएंगे. इसके उलट, साल 2021 में रिजर्व बैंक ने एक प्रेस रिलीज के जरिये लोगों को आगाह किया था कि कई लोग फर्जी तरीके से पुराने नोटों की खरीद-फरोख्त के लिए आरबीआई के नाम और लोगो का इस्तेमाल कर रहे हैं. प्रेस रिलीज में ये भी लिखा था कि ऐसे जालसाज, आम जनता से आरबीआई के नाम पर टैक्स और कमीशन भी वसूल कर रहे हैं.
'oldcoinprice.in' वेबसाइट की क्या कहानी है?
वायरल पोस्ट में दी गई हिदायत के मुताबिक, हमने 'oldcoinprice.in' वेबसाइट पर सबसे ऊपर बाईं तरफ दिख रहे आर्टिकल पर क्लिक किया. इसमें सबसे नीचे नोट और सिक्के बेचने के लिए नाम, उम्र, राज्य और फोन नंबर मांगा गया है. कभी भी इस तरह की वेबसाइट्स में अपनी निजी जानकारियां नहीं देनी चाहिए क्योंकि उनका गलत इस्तेमाल हो सकता है.
हालांकि हमने इसकी सच्चाई का पता लगाने के लिए इसमें कुछ फर्जी जानकारियां भर दी. लेकिन ऐसा करने पर कोई 'एरर' या गड़बड़ी का मैसेज नहीं आया और जानकारियां वेबसाइट में आसानी से सबमिट हो गईं. इसी से इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि ये वेबसाइट विश्वसनीय नहीं है. फर्जीवाड़ा करने वाले लोग अक्सर ऐसे तरीके अपना कर लोगों की व्यक्तिगत जानकारियां इकट्ठा करते हैं और कई बार उन्हें बेचकर पैसा भी कमाते हैं.

हमने वेबसाइट से जुड़ी जानकारियां बताने वाले डोमेनटूल्स नामक टूल की मदद से 'oldcoinprice.in' की जांच की तो पता लगा कि ये वेबसाइट 2 सितंबर, 2023 को बनी थी. इसका रजिस्ट्रेशन राजस्थान से कराया गया था. ऐसा हो सकता है कि इसे बनाने वाला व्यक्ति राजस्थान का रहने वाला हो, हालांकि हम ये बात पक्के तौर पर नहीं कह सकते.

डोमेनटूल्स से हमें ये भी पता लगा कि इस वेबसाइट से लोगों की निजी जानकारियां चुराई जा सकती हैं.

वीडियो में दिखाई गई न्यूज रिपोर्ट की क्या कहानी है?
वायरल वीडियो की शुरुआत में एक न्यूज रिपोर्ट के अंश दिखाए गए हैं. कीवर्ड सर्च के जरिये हमें पता लगा कि दरअसल ये ‘इंडिया न्यूज’ की साल 2017 की एक फैक्ट चेक रिपोर्ट से लिया गया है. वायरल वीडियो में सिर्फ रिपोर्ट का शुरुआत वाला हिस्सा दिखाया गया है, जिसमें चैनल के पत्रकार, दावे के बारे में बता रहे हैं. अगर आप असली रिपोर्ट देखें, तो पाएंगे कि इसके आखिरी अंश में आर्थिक मामलों के जानकार आकाश जिंदल बताते हैं कि ऐसी कोई भी गाइडलाइंस रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से जारी नहीं की गई हैं. साफ पता लग रहा है कि वायरल वीडियो में रिपोर्ट के इस हिस्से को जानबूझकर शामिल नहीं किया गया है.
क्या इस तरह के नोटों के बदले लाखों रुपये मिल सकते हैं?
कई लोग शौकिया पुराने नोट व सिक्के इकट्ठा करते हैं. कुछ खबरों के मुताबिक, स्पेशल नंबर वाले नोटों और पुराने सिक्कों के शौकीन इनकी मुंहमांगी कीमत देते हैं.
क्विकर और कॉइन बाजार जैसी कुछ वेबसाइट्स पर पुराने व दुर्लभ नोट-सिक्कों की खरीद-फरोख्त भी होती है.
लेकिन यहां ये बताना बेहद महत्वपूर्ण है कि इस तरह पुराने नोट-सिक्कों की खरीद-बिक्री के नाम पर कई लोग ठगे भी जा चुके हैं. इसी साल जनवरी में बेंगलुरु में कुछ जालसाजों ने एक व्यक्ति को पुराने सिक्कों के बदले उसे 31 लाख रुपये देने का वादा किया, लेकिन बाद में उससे 2.3 लाख रुपये ठग लिए.
इससे पहले न्यूजचेकर और फैक्टली जैसी वेबसाइट्स भी इस दावे की सच्चाई बता चुकी हैं.