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फैक्ट चेक: छह साल पहले मुर्शिदाबाद में हुई हिंदू परिवार की हत्या की खबर को अब सांप्रदायिक रंग देकर किया जा रहा है शेयर

पश्चिम बंगाल में हाल ही में हुई हिंसा के बीच, मुर्शिदाबाद के रहने वाले एक परिवार की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है. तस्वीर शेयर करते हुए एक शख्स ने लिखा, “सेक्युलरों, तुम कहां हो? प. बंगाल के मुर्शिदाबाद में 35 वर्षीय गोपाल पाल (बंधु प्रकाश पाल), उनकी 30 वर्ष की गर्भवती पत्नी और 8 वर्ष के मासूम बेटे का शांति-दूतों द्वारा धारदार हथियारों से नृशंसतापूर्ण क-त्ल कर दिया गया.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में रहने वाले इस हिन्दू परिवार को मुसलमानों की भीड़ ने मार डाला.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
मुर्शिदाबाद में इस परिवार की हत्या मुस्लिमों की भीड़ ने नहीं, बल्कि एक हिन्दू शख्स ने साल 2019 में की थी.

पश्चिम बंगाल में हाल ही में हुई हिंसा के बीच, मुर्शिदाबाद के रहने वाले एक परिवार की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है. फोटो  में एक सफेद शर्ट पहने हुए आदमी, लाल साड़ी पहने हुए महिला और एक बच्चा शामिल हैं. इसे शेयर करने वालों की मानें तो पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में रहने वाले इस हिन्दू परिवार को मुसलमानों की भीड़ ने मार डाला. 

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तस्वीर शेयर करते हुए एक शख्स ने लिखा, “सेक्युलरों, तुम कहां हो? प. बंगाल के मुर्शीदाबाद में 35 वर्षीय गोपाल पाल (बंधु प्रकाश पाल), उन की 30 वर्ष की गर्भवती पत्नी और 8 वर्ष के मासूम बेटे का शांति-दूतों द्वारा धारदार हथियारों से नृशंसतापूर्ण क-त्ल कर दिया गया. उनका गुनाह सिर्फ यह था कि वो हिन्दू थे और मोमता बानो के प. बंगाल में एक मुस्लिम बहुल इलाके के बिल्कुल पास में रहते थे. अगला नाम कौन होगा? हमारा - आपका नम्बर कब आयेगा? क्या भारत के हिन्दू म्यांमार के बौद्ध लोगों की आधी भी हिम्मत रखते हैं या सबका खून सफेद हो चुका है? ये भी पड़ोसी भाईजान के साथ भाईचारे के भ्रम में रहते थे गए उपर. भगवान आत्म को शांति दे.” 

 

आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि मुर्शिदाबाद में इस परिवार की हत्या मुस्लिमों की भीड़ ने नहीं, बल्कि एक हिन्दू शख्स ने साल 2019 में की थी.  

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कैसे पता लगाई सच्चाई?

तस्वीर को रिवर्स सर्च करने पर हमें एएनआई की एक न्यूज रिपोर्ट मिली, जिसमें वायरल तस्वीर मौजूद है. खबर के मुताबिक 10 अक्टूबर, 2019 को मुर्शिदाबाद के जियागंज इलाके में एक ही परिवार के तीन लोगों की हत्या कर दी गई थी. मरने वालों में बंधु प्रकाश पाल, उनकी पत्नी ब्यूटी मोंडल पाल, और बेटे अंगन बंधु पाल शामिल थे. तीनों लोगों के शव उनके घर में खून से सने हुए मिले थे. 

खबरों के मुताबिक पुलिस ने हत्या के आरोप में उत्पल बेहरा उर्फ मनोज को गिरफ्तार किया था, जिसने अपना जुर्म स्वीकार भी किया था. दरअसल, उत्पल ने बंधु प्रकाश से बीमा करवाया था. किस्त जमा करने के लिए उत्पल ने बंधु प्रकाश को 48 हजार रुपये दिए थे. लेकिन, रसीद मांगने पर बंधु प्रकाश आनाकानी करने लगा. जब उत्पल ने अपने पैसे वापस मांगे तो बंधु प्रकाश ने पैसे लौटाने की जगह सरेआम उसको अपमानित किया. 

इसी बात का बदला लेने के लिए उत्पल ने धारदार हथियार से बंधु प्रकाश की हत्या कर दी. लेकिन, बंधु प्रकाश की पत्नी ब्यूटी ने उत्पल को खून करते हुए देख लिया. इसलिए उत्पल ने ब्यूटी और बेटे अंगन को भी मार डाला. 

उस वक्त, मुर्शिदाबाद में बतौर एसपी तैनात मुकेश कुमार ने भी मामले के बारे में यही जानकारी दी थी. 

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उस वक्त राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की बंगाल शाखा ने दावा किया था कि बंधु प्रकाश पाल संघ के एक कार्यकर्ता थे. लेकिन, बंधु प्रकाश के परिवार वालों का कहना था कि उनका आरएसएस से कोई लेना-देना नहीं है. 

अगस्त 2023 में कोर्ट ने इस मामले में उत्पल बेहरा को मौत की सजा सुनाई थी. 

साफ है, मुर्शिदाबाद में हुई हिन्दू परिवार की हत्या की करीब छह साल पुरानी घटना को सांप्रदायिक एंगल देकर शेयर किया जा रहा है. 
 

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