
बीते दिनों स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक फैसला लिया था कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में 80 फीसदी नर्सिंग के पद महिलाओं के लिए आरक्षित किए जाएंगे. इसकी वजह ये बताई गई थी कि कई विभागों में मरीजों की अच्छी देखभाल के लिए महिलाओं की जरूरत होती है.
इस फैसले के विरोध में नर्सिंग की पढ़ाई कर रहे युवकों ने #Save_male_nurses नाम से हैशटैग चला कर सोशल मीडिया पर इसका विरोध किया था.
इस मामले को लेकर सोशल मीडिया पर अब एक नई बहस छिड़ गई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन के एक कथित ट्वीट का स्क्रीनशॉट तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें लिखा है, “Aiims संस्थानों में 80:20 रेश्यो लागु किया है जो नियमानुसार है भविष्य में इसको बढ़ा कर 90:10 करने का मंथन किया जा रहा है तथा राज्य सरकारों एवं सभी संस्थानों में जल्दी ही इसको लागु किया जायेगा.”
इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि डॉ. हर्षवर्धन के कथित ट्वीट का वायरल स्क्रीनशॉट एडिटिंग सॉफ्टवेयर की मदद से बनाया गया है. उन्होंने एम्स के नर्सिंग पदों की भर्तियों में 90:10 का नियम लागू करने को लेकर अब तक कोई बयान नहीं दिया है.
फेसबुक पर बहुत सारे लोग इस ट्वीट के स्क्रीनशॉट को शेयर कर रहे हैं.
ऐसे ही एक पोस्ट पर कमेंट करते हुए एक यूजर ने लिखा, “अब किसान आंदोलन की तरह छात्र आंदोलन करना पड़ेगा.”
क्या है वायरल ट्वीट का सच
हमने डॉ. हर्षवर्धन के कथित ट्वीट के स्क्रीनशॉट की तुलना उनके एक असली ट्वीट से की. हमें ऐसी कई चीजें दिखीं, जिनसे वायरल स्क्रीनशॉट के नकली होने का पता चलता है, जैसे-
1. वायरल ट्वीट में तारीख ‘29/11/20’ फॉरमैट में लिखी है जबकि असली ट्वीट में तारीख ‘Nov 26, 2020’ फॉरमैट में लिखी है.
2. डॉ. हर्षवर्धन के असली ट्विटर अकाउंट में उनका नाम ‘Dr Harsh Vardhan’ लिखा है जबकि वायरल ट्वीट में उनका नाम ‘dr harsh vardhan’ लिखा है.
3. वायरल ट्वीट का हिंदी फॉन्ट ट्विटर पर इस्तेमाल होने वाले असली हिंदी फॉन्ट से मेल नहीं खाता.
4. वायरल ट्वीट में व्याकरण की कई गलतियां हैं. ‘लागू’ की जगह ‘लागु’ लिखा हुआ है. ‘तथा’ से पहले पूर्ण विराम लगा हुआ है.
डॉ. हर्षवर्धन बोले, फर्जी है ट्वीट
खुद डॉ. हर्षवर्धन ने भी एक ट्वीट के जरिये वायरल ट्वीट को फर्जी बताया है. उन्होंने लिखा है नर्सिंग स्टाफ से संबंधित एक नकली ट्वीट को कुछ शरारती तत्व गलत मंशा से शेयर कर रहे हैं.
सोशल मीडिया का दुरुपयोग !
— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) November 30, 2020
सोशल मीडिया पर मेरे नाम की Twitter ID से नर्सिंग स्टाफ से संबंधित एक Tweet की तस्वीर वायरल की जा रही है।
यह पूरी तरह से #Fake है और शरारती तत्वों द्वारा गलत मंशा से फै़लायी जा रही है। इसका वास्तविकता से कोई संबंध नहीं है।@PIBFactCheck @MoHFW_INDIA pic.twitter.com/OxMNoOFBEf
एम्स के नर्सिंग पदों में आरक्षण का ताजा हाल
कानूनी मामलों की वेबसाइट ‘लाइव लॉ’ की 21 नवंबर की रिपोर्ट के मुताबिक ‘केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण’ ने नर्सिंग पदों पर 80 प्रतिशत महिलाओं की नियुक्ति को सही ठहराया है.
जाहिर है कि एडिटिंग सॉफ्टवेयर की मदद से बनाए गए डॉ. हर्षवर्धन के ट्वीट के जरिये सोशल मीडिया पर नर्सिंग पदों में आरक्षण को लेकर भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा है कि एम्स के नर्सिंग पदों में महिला आरक्षण को 80 से बढ़ाकर 90 प्रतिशत करने पर विचार किया जा रहा है.
डॉ हर्षवर्धन का वायरल ट्वीट नकली है, उन्होंने नर्सिंग पदों में नियुक्ति को लेकर ऐसा कोई बयान नहीं दिया है.