
राष्ट्रपति भवन के अमृत उद्यान फिर से आम जनता के लिए खोल दिया गया है. महीनेभर तक आम लोग अमृत उद्यान में देख सकेंगे.
राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने 14 अगस्त को 'उद्यान उत्सव II' का उद्घाटन किया था. राष्ट्रपति भवन ने बताया कि अमृत उद्यान 16 अगस्त से 17 सितंबर तक आम लोगों के लिए खुला रहेगा.
ये पहली बार है जब राष्ट्रपति भवन का उद्यान एक साल में दूसरी बार आम लोगों के लिए खोला गया है. इससे पहले उद्यान उत्सव-I के तहत 29 जनवरी से 31 मार्च तक अमृत उद्यान खोला गया था. उस समय 10 लाख से ज्यादा लोग इसे देखने आए थे.
अमृत उद्यान देखने वाले विजिटर गेट नंबर-35 के पास बने सेल्फ-सर्विस कियोस्क से पास ले सकते हैं. अमृत उद्यान को पहले मुगल गार्डन के नाम से जाना जाता था. इसी साल जनवरी में इसका नाम बदला गया था.
कब जा सकते हैं अमृत उद्यान?
- राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी प्रेस रिलीज में बताया गया है कि अमृत उद्यान महीनेभर तक आम लोगों के लिए खुला रहेगा.
- आम लोगों के लिए ये उद्यान सुबह के 10 बजे से शाम 5 बजे तक खुला रहेगा. हालांकि, शाम 4 बजे के बाद किसी को एंट्री नहीं दी जाएगी.
- सोमवार को ये उद्यान बंद रहेगा. 5 सितंबर को टीचर्स डे के मौके पर ये उद्यान खासतौर पर शिक्षकों के लिए खुला रहेगा.
Amrit Udyan opens once again for visitors for one month! President Droupadi Murmu inaugurated the Udyan Utsav II on 14th August 2023.
— President of India (@rashtrapatibhvn) August 16, 2023
All are invited to visit the Amrit Udyan from August 16, 2023 to September 17, 2023.@RBVisit pic.twitter.com/Bg3RcCN1nz
टिकट कैसे मिलेगी?
- इस उद्यान में सभी की एंट्री फ्री ही होगी. हालांकि, बुकिंग करवानी होगी. ये बुकिंग ऑनलाइन के साथ-साथ राष्ट्रपति भवन के गेट नंबर-35 के पास से भी करवा सकेंगे.
- ऑनलाइन बुकिंग के लिए राष्ट्रपति भवन की वेबसाइट visit.rashtrapatibhavan.gov.in/ पर जाना होगा.
- हर घंटे स्लॉट निकलेंगे और उसी आधार पर बुकिंग होगी. ऑनलाइन बुकिंग के लिए मोबाइल नंबर जरूरी होगा. एक मोबाइल नंबर से एक ही बुकिंग होगी.
- ऑनलाइन बुकिंग विजिट से 10 दिन पहले करनी होगी. उदाहरण के लिए, 30 अगस्त को विजिट करना है तो बुकिंग 20 अगस्त को करनी होगी.
एंट्री कैसे होगी?
- राष्ट्रपति भवन के गेट नंबर-35 से विजिटर्स की एंट्री होगी. ऑनलाइन बुकिंग करने वालों को डिजिटल विजिटर पास दिखाना होगा. विजिटर पास के साथ-साथ सरकारी आईडी प्रूफ भी दिखाना होगा.
- आप जिस स्लॉट में अपनी बुकिंग करेंगे, उसी समय एंट्री होगी. मसलन, आपने 2 से 3 बजे का स्लॉट चुना है, तो उसी वक्त उद्यान में जा सकेंगे. उसके पहले या बाद में नहीं.

क्या नहीं ले जा सकेंगे उद्यान में?
- अमृत उद्यान देखने वाले विजिटर्स अपने साथ मोबाइल फोन के साथ-साथ वॉलेट, पर्स, हैंड बैग, पानी की बोतल, छाता, बच्चों के लिए दूध की बोतल ले जा सकेंगे.
- खाने का सामान, पान, गुटखा, सिगरेट, कैमरा, वीडियो कैमरा और बैकपैक के साथ अंदर नहीं जा सकेंगे. कोई हथियार भी नहीं रख सकते.
अमृत उद्यान में क्या है खास?
- साल 1911 में अंग्रेजों ने अपनी राजधानी को कलकत्ता से दिल्ली शिफ्ट किया था. तब रायसीना की पहाड़ियों को काटकर वायसराय हाउस बनाया गया था, जिसे आज राष्ट्रपति भवन कहते हैं.
- इस वायसराय हाउस को एडविन लुटियंस ने डिजाइन किया था. लुटियंस ने 1917 में इस गार्डन की डिजाइन तैयार की. हालांकि, प्लांटेशन का काम यहां 1928-29 में शुरू हुआ.
- ये पूरा गार्डन 15 एकड़ में फैला हुआ है. ये गार्डन इतना खूबसूरत है कि इसे राष्ट्रपति भवन की 'आत्मा' कहा जाता है.
- मुगलों के शासन में जो बाग बने थे, उसी से प्रेरित होकर लुटियंस ने इस गार्डन को डिजाइन किया था. क्रिस्टोफर हसी की ‘द लाइफ ऑफ सर एडविन लुटियंस’ में सर लुटियंस की पत्नी ने इस गार्डन को ‘स्वर्ग’ बताया था.

गुलाब की 150 से ज्यादा वेरायटी
- अमृत उद्यान में जो घास लगी है, उसे 1928 में कलकत्ता (अब कोलकाता) से लाया गया था. इस गार्डन की खासियत यहां लगे गुलाब के फूल हैं.
- यहां गुलाब के फूल की 159 वेरायटी है. एडोरा, मृणालिनी, ताज महल, एफिल टावर, मॉडर्न आर्ट, सेंटिमेंटल, ओक्लाहोमा (ब्लैक रोज़), बेलामी, ब्लैक लेडी, पैराडाइज, ब्लू मून और लेडी एक्स जैसी गुलाब की वेरायटी हैं.
- गार्डन में गुलाबों के नाम कई चर्चित हस्तियों के नाम पर भी रखे गए हैं. जैसे मदर टेरेसा, राजाराम मोहन राय, अब्राहम लिंकन, जॉन एफ केनेडी, जवाहर, क्वीन एलिजाबेथ, क्रिश्चियन डियोर.
- गुलाब के अलावा ट्यूलिप, एशियेटिक लिलि, डेफोडिल, दूसरे फूल के भी कई पौधे हैं. और इन सबकी कई वेरायटी हैं.
- पहले इस उद्यान को आम लोगों के लिए साल में सिर्फ एक बार खोला जाता था. ये पहली बार है जब साल में दूसरी बार इसे खोला गया है. राष्ट्रपति भवन ने इसका कारण बताते हुए कहा है कि ऐसा इसलिए ताकि लोग इस मौसम में खिलने वाले पौधों को देख सकें.