6 मई की देर रात भारतीय सेना ने जॉइंट एक्शन लेते हुए पाकिस्तान और पीओके में हवाई हमले किए. इसमें कई आतंकी संगठनों के ठिकाने ध्वस्त हो गए. मान सकते हैं कि आतंक की जड़ों से कटाई का बड़ा हिस्सा पूरा हो चुका. हालांकि लश्कर, जैश और हिजबुल पर अटैक से अलकायदा भी तिलमिलाया हुआ है. एक बयान देते हुए उसने भारत के खिलाफ जेहाद फी सबीलिल्लाह की धमकी दी.
यहां कई सवाल आते हैं-
- दूसरे आतंकी गुटों की कमर टूटने पर अलकायदा को गुस्सा क्यों आया.
- पाकिस्तान में अगर ये संगठन भी एक्टिव है, जो बचा क्यों रहा.
- क्या है जेहाद फी सबीलिल्लाह जिसकी धमकी वो दे रहा है.
इंडियन एग्रेशन ऑन द लैंड ऑफ पाकिस्तान- इस टाइटल से जारी बयान में अलकायदा इन इंडियन सबकॉन्टिनेंट (AQIS) ने बमबारी को बुरा-भला कहते हुए भारत पर इस्लाम के खिलाफ युद्ध छेड़ने का आरोप लगाया और कहा कि ये लंबे वक्त से हो रहा है. यहां तक कि पहलगाम हमले को लगभग नजरअंदाज करते हुए उसने कहा कि हालिया एयर स्ट्राइक उसी अभियान का हिस्सा है. उकसाने वाला स्टेटमेंट देते हुए अलकायदा ने कहा कि सभी को इस्लाम और मुसलमानों के खिलाफ छिड़ी इस लड़ाई का जवाब देना चाहिए.
ये तो हुआ बयान. लेकिन अलकायदा आखिर दूसरों पर आतंकी हमलों से क्यों घबराया हुआ है? दरअसल ये पड़ोसी के घर में लगी आग से आया डर है. उसे चिंता है कि यही हाल रहा तो उसका घर फुंकते भी देर नहीं लगेगी.
क्या कनेक्शन है तमाम आतंकी संगठनों का
अलकायदा का जैश-ए-मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तैयबा से पुराना रिश्ता रहा. भले ही सबके नाम अलग हैं, लेकिन मकसद कम-ज्यादा एक सा ही है. भारत में कश्मीर को लेकर आतंक मचाना और धर्म के नाम पर लोगों को बहकाना. अलकायदा इन संगठनों को अपना लोकल साथी मानता है.
दरअसल फिलहाल हमलों का शिकार हुए तीनों ही आतंकी गुट कश्मीर में पहले से मौजूद हैं. अलकायदा ने खुद नए सिरे से काम शुरू करने की बजाय जैश, हिजबुल और लश्कर के साथ रिश्ते बनाए, और उन्हें ट्रेनिंग, फंडिंग और लड़ाके देने लगा. कई बार वे आपस में रणनीति भी मुहैया कराते हैं. अब भी इन सारे गुटों के लीडर आपस में जुड़े हुए हैं और आतंकी मकसद का लेनदेन करते हैं.
पाकिस्तान में जो आतंकी स्ट्रक्चर बना है, उसमें ये सभी मिलकर काम कर रहे हैं. फर्क सिर्फ इतना है कि कौन कहां से ऑपरेट करता है और किसका नाम किस ऑपरेशन में सामने आएगा. यही वजह है कि अलकायदा चोट खाए सांप की तरह फनफना उठा है.
क्या पाकिस्तान में सक्रिय है अलकायदा
पाकिस्तान में अलकायदा के कैंप उतने खुले तौर पर मौजूद नहीं, जितने पहले थे. लेकिन PoK और खैबर पख्तूनख्वा में अब भी कुछ सक्रियता दिख जाती है. चूंकि ये काफी हल्के तौर पर सक्रिय दिखते हैं और स्ट्राइक का मकसद बड़े गुटों पर वार था, लिहाजा ये बचे रहे.
अब 6 मई की रात जब भारत ने पाकिस्तान के टैरर कैंप पर हमला किया, अलकायदा परेशान हो उठा. उसने आननफानन एक ऑनलाइन स्टेटमेंट जारी किया, जिसमें साफ तौर पर जेहाद फी सबीलिल्लाह की घोषणा थी. बयान को अल-कायदा समर्थक वेबसाइटों समेत टेलीग्राम पर भी शेयर किया गया.
क्या है नए एलान का मतलब
जेहाद फी सबीलिल्लाह का मतलब है, अल्लाह के रास्ते में जेहाद. आसान तरीके से समझें तो इस्लाम की रक्षा के लिए जो लड़ाई की जाए वो यही है. वैसे तो इसका मतलब काफी अच्छा है, लेकिन इसी सोच का इस्तेमाल कट्टरपंथी और आतंकी संगठन हथियार की तरह करते रहे. वे यह प्रचार करते हैं कि जिसकी भी सोच उनकी सोच से मेल नहीं खाती, वो मजहब का दुश्मन है और उसके खिलाफ जंग होनी चाहिए. कुल मिलाकर ये धार्मिक आस्था की आड़ में आतंक को वैधता देने की कोशिश है. इसे वेपन बनाकर आतंकी गुट मासूम लड़कों को उकसाते और दूसरे मासूम लोगों पर हमला करवाते रहे.
जेहाद फी सबीलिल्लाह वाली धमकी कितनी गंभीर
इसे हल्के तौर पर लेना मुश्किल ला सकता है, जबकि कई पड़ोसियों से हमारे संबंध उतने अच्छे नहीं. अलकायदा अपने पैर पिछले कुछ समय से भारत में भी खासकर पूर्वोत्तर और पश्चिम बंगाल में फैलाने की फिराक में है. कश्मीर में भी ये एक्टिव हो रहे हैं. वे कुछ छोटे मॉड्यूल बना चुके, जो लोन वुल्फ अटैक करते हैं. इससे असल आका तक सुरक्षा बल नहीं पहुंच पाते और आम नागरिकों और सेना के बीच भी दूरी बढ़ सकती है.
अब जब उन्होंने खुलेआम जेहाद की धमकी दी तो ये उन युवाओं के लिए कॉल-टू-एक्शन है जो पहले से कट्टरपंथी हैं. इसमें एक एंगल ये भी है कि अलकायदा भारत को इस्लाम के दुश्मन की तरह दिखा रहा है ताकि इंटरनेशनल स्तर पर काम कर रहे तमाम आतंकी गुट उसके खिलाफ मोर्चा खोल लें.