हवा में प्रदूषण का स्तर को बढ़ने से रोकने के लिए दिल्ली-एनसीआर में अब ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान यानी GRAP को लागू करने की तैयारी चल रही है. इसे 1 अक्टूबर से लागू किया जा सकता है. इसके लागू होने के बाद दिल्ली-एनसीआर में कई तरह की पाबंदियां भी लागू हो जाएंगी.
मॉनसून की वापसी के बाद दिल्ली की हवा में प्रदूषण बढ़ने लगा है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के मुताबिक, मंगलवार को दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) का स्तर 130 रहा. सोमवार की तुलना में मंगलवार को हवा थोड़ी साफ हुई है. सोमवार को AQI का स्तर 182 पर था.
कमिशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने GRAP के नियमों में कुछ संशोधन किए थे. इन नियमों के तहत कई सारे प्रतिबंध लगा दिए जाते हैं. GRAP को पर्यावरण मंत्रालय ने 2017 में नोटिफाइड किया था. इसे 15 अक्टूबर से लागू किया जाता है. लेकिन CAQM के निर्देशों के तहत इसे 15 दिन पहले से भी लागू किया जा सकता है, ताकि हवा में प्रदूषण बढ़ाने वाले तत्वों को रोका जा सके.
लागू हुआ तो क्या पाबंदियां लगेंगी? ये जानने से पहले ये समझना जरूरी है कि GRAP लागू कब होता है? CAQM के मुताबिक, GRAP को चार कैटेगरी में लागू किया जाता है. हर कैटेगरी में अलग-अलग प्रतिबंध होते हैं. अगर AQI का स्तर 201 से 300 के बीच है तो स्टेज-1 लागू होती है. 301 से 400 के बीच होने पर स्टेज-2 और 401 से 450 के बीच होने पर स्टेज-3 लागू होती है. जबकि, AQI का स्तर 450 के ऊपर होने पर स्टेज-4 लागू कर दी जाती है. स्टेज बढ़ने के साथ-साथ पाबंदियां और सख्त होती जाती हैं.
किस स्टेज पर क्या-क्या पाबंदियां?
स्टेज-1: प्रदूषण का स्तर 'खराब' की श्रेणी में होने पर
- कंस्ट्रक्शन और डिमोलिशन से निकलने वाली धूल और मलबे के प्रबंधन को लेकर निर्देश लागू होंगे.
- सड़कों पर जमी धूल को उड़ने से रोकने के लिए पानी का छिड़काव किया जाएगा.
- खुले में कचरा जलाने पर प्रतिबंध रहेगा. ऐसा करने पर जुर्माना वसूला जाएगा.
- जहां ट्रैफिक ज्यादा होता है, वहां ट्रैफिक पुलिस की तैनाती होगी.
- PUC के नियमों को सख्ती से लागू किया जाएगा. गाड़ियां बिना PUC के नहीं चलेंगी.
- एनसीआर में कम से कम बिजली कटौती होगी. डिजल जनरेटर का इस्तेमाल बिजली के लिए नहीं होगा.
आपको क्या ध्यान रखना है?
- अपनी कार या बाइक की प्रॉपर सर्विसिंग रखें.
- अपनी गाड़ी में एयर प्रेशर को मेंटेन रखें.
- PUC सर्टिफिकेट को अप-टू-डेट रखें.
- रेड लाइट होने पर गाड़ी के इंजन को बंद कर दें.
- खुले में कचरा न जलाएं और न ही उसे फेंके.
स्टेज-2: प्रदूषण का स्तर 'बहुत खराब' की श्रेणी में होने पर
- हर दिन सड़कों की सफाई होगी. जबकि, हर दूसरे दिन पानी का छिड़काव किया जाएगा.
- होटल या रेस्टोरेंट में कोयले या तंदूर का इस्तेमाल नहीं होगा.
- अस्पतालों, रेल सर्विस, मेट्रो सर्विस जैसी जगहों को छोड़कर कहीं और डिजल जनरेटर का इस्तेमाल नहीं होगा.
- लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें, इसके लिए पार्किंग फीस बढ़ा दी जाएगी.
- इलेक्ट्रिक या CNG बसें और मेट्रो सर्विस के फेरे बढ़ाए जाएंगे.
आपको क्या ध्यान रखना है?
- पर्सनल गाड़ी की बजाय पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करें.
- समय-समय पर अपनी गाड़ियों के एयर फिल्टर बदलते रहें.
- अक्टूबर से जनवरी तक कंस्ट्रक्शन करवाने से बचें.
स्टेज-3: प्रदूषण का स्तर 'गंभीर' की श्रेणी में होने पर
- हर दिन सड़कों की सफाई होगी. साथ ही पानी का छिड़काव भी होगा.
- अस्पताल, रेल सर्विस, मेट्रो सर्विस जैसी कुछ जगहों को छोड़कर पूरे दिल्ली-एनसीआर में कंस्ट्रक्शन और डिमोलिशन एक्टिविटी बंद हो जाएगी.
- ईंधन पर नहीं चलने वालीं इंडस्ट्रियां भी बंद हो जाएंगी. मिल्क-डेरी यूनिट और दवा और मेडिसिन बनाने वाली इंडस्ट्रियों-फैक्ट्रियों को छूट रहेगी.
- दिल्ली-एनसीआर में माइनिंग भी बंद हो जाएगी. स्टोन क्रशर और ईंट भट्टियों का काम भी बंद हो जाएगा.
- BS III पेट्रोल और BS IV डीजल पर चलने वाली कारों को लेकर प्रतिबंध आ सकते हैं.
आपको क्या ध्यान रखना है?
- पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करें. पैदल या साइकिल से यात्रा करें.
- जो घर से काम कर सकते हैं, वो घर से ही काम करें.
- अलाव जलाने के लिए कोयले या लकड़ी का इस्तेमाल न करें.
स्टेज-4: प्रदूषण का स्तर 'बहुत गंभीर' की श्रेणी में होने पर
- दिल्ली में ट्रकों की एंट्री बंद हो जाएगी. सिर्फ जरूरी सामान लाने-ले जाने वाले ट्रक आ सकेंगे.
- दिल्ली में रजिस्टर्ड मीडियम और हेवी गुड व्हीकल्स के चलने पर प्रतिबंध. जरूरी सामान ढोने वाले व्हीकल को छूट रहेगी.
- दिल्ली में रजिस्टर्ड डीजल पर चलने वाली कारों पर प्रतिबंध रहेगा. सिर्फ BS VI इंजन गाड़ियों और जरूरी सेवा में लगी गाड़ियों को छूट रहेगी.
- इंडस्ट्री और फैक्ट्रियां बंद हो जाएंगी. कंस्ट्रक्शन और डिमोलिशन एक्टिविटी पर भी रोक रहेगी. सिर्फ हाईवे, सड़क, फ्लाईओवर, ब्रिज, पाइपलाइन बनाने का काम चलता रहेगा.
- एनसीआर में राज्य सरकार के दफ्तरों में सिर्फ 50% कर्मचारी ही आ सकेंगे. बाकी घर से काम करेंगे. केंद्र के कर्मचारियों का फैसला केंद्र सरकार करेगी.
- स्कूल, कॉलेज या शिक्षण संस्थान और गैर-जरूरी कमर्शियल एक्टिविटी को बंद या चालू रखने पर सरकार फैसला लेगी.
आपको क्या ध्यान रखना है?
- बच्चों, बुजुर्गों और वो सभी लोग, जिन्हें कोई गंभीर बीमारी है, वो घर से बाहर निकलने से बचें.