देश में कोरोना के चलते लगे लॉकडाउन का दूसरा फेज चल रहा है. इस दौरान आम लोगों और सरकारी अमले के सामने आ रही तमाम दुश्वारियों पर चर्चा और उनका समाधान तलाशने के लिए 'आजतक' ने ई-एजेंडा कार्यक्रम आयोजित किया है. इस कार्यक्रम में ऐसे सवालों का हल तलाशने की कोशिश की जा रही है, जो आम लोगों के दिमाग में हैं. शनिवार को इस कार्यक्रम में शामिल हुए बिहार के कैबिनेट मंत्री संजय झा ने कहा कि राजस्थान के कोटा में फंसे बिहार के छात्र सरकार की पहली प्राथमिकता में हैं. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन खत्म होते ही सबसे पहले कोटा से बच्चों को लाया जाएगा. मंत्री ने यह भी कहा कि बाहर के राज्यों में बिहार के 17 लाख लोग हैं और सरकार का ध्यान इन पर भी है. सरकार इनकी भलाई और कल्याण के लिए बराबर सोच रही है.
बिहार के मंत्री ने कहा कि लॉकडाउन खत्म होने का इंतजार है. उसके बाद सरकार पहली प्राथमिकता के तहत कोटा में फंसे बच्चों को घर लाने का काम करेगी. बता दें, कुछ दिन पहले इस मामले पर राजनीति शुरू हो गई थी. अभी हाल में यूपी, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों ने अपने-अपने छात्रों को वापस बुलाया है लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद ही इस पर सोचा जाएगा. उनका कहना था कि बाहर के राज्यों में बिहार के कई लोग फंसे हैं, उन पर भी ध्यान देना जरूरी है. सिर्फ एक पक्ष पर सोचना एक तरह से 'इनजस्टिस' होगा.
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कोटा में फंसे बिहार के छात्रों के मामले में ई-एजेंडा कार्यक्रम में राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने साफ किया कि राजस्थान सरकार बच्चों को आराम से रख रही है. उन्होंने कहा, मध्य प्रदेश के बच्चे जा रहे हैं. बिहार सरकार ने कहा है कि हम अपने बच्चों को नहीं ले जाएंगे. राजस्थान सरकार ने बच्चों के खाते में ढाई हजार रुपये डाला है. उत्तराखंड और यूपी के बच्चे चले गए, सिर्फ बिहार के रह गए हैं.
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इसी कार्यक्रम में बिहार के मंत्री संजय झा ने कहा कि बिहार सरकार बाहर फंसे या बिहार पहुंचे मजदूरों और कोटा में फंसे छात्रों के बारे में लगातार सोच रही है. उन्होंने कहा, जो भी मजदूर बाहर से आया है, उनके काम का इंतजाम किया जा रहा है. कई मजदूर काम पर पर लग भी गए हैं. जिनका जॉब कार्ड नहीं आया है, उनका बनाया जा रहा है, ताकि उनकी मदद हो सके. मंत्री ने कहा, लॉकडाउन खुलते ही जो भी लोग बाहर से आएंगे, उनके काम का इंतजाम होगा. बिहार सरकार ने अब तक मजदूरों के लिए छह हजार करोड़ रुपये जारी किए हैं. संजय झा ने कहा, 20 लाख से ज्यादा मजदूरों के खाते में पैसा जाएगा. जो मजदूर प्रदेश से बाहर हैं, उनके खाते में भी पैसा डाला जा रहा है.