दिग्गज साहित्यकार, अभिनेता, रंगकर्मी और एक्टिविस्ट गिरीश कर्नाड ने सोमवार को बेंगलुरु में आखिरी सांस ली. गिरीश कर्नाड का अंतिम संस्कार बेंगलूरु में परिवार के सदस्यों ने किया. उनके अंतिम संस्कार में सिनेमा का कोई दिग्गज नजर नहीं आया.
द वीक की रिपोर्ट के मुताबिक गिरीश कर्नाड का अंतिम संस्कार धार्मिक परंपरा के मुताबिक नहीं किया गया. यानी अंतिम संस्कार से पहले की कोई धार्मिक प्रक्रिया नहीं की गई. उनका अंतिम संस्कार इलेक्ट्रिक क्रिमेटोरियम में हुआ.
सोमवार को गिरीश कर्नाड का मल्टीपल ऑर्गन फेलियर हो जाने की वजह से निधन हुआ. वे लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे.
गिरीश कर्नाड के निधन पर उनके साथ फिल्मों में काम कर चुकीं शबाना आजमी
ने दुख जताया. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, गिरीश कर्नाड के बारे में
सुनकर बहुत दुख हुआ. अभी भी उनके परिवार से बात कर पाने में असमर्थ हूं.
हमारी 43 साल की दोस्ती थी, उनका शोक जताने के लिए एकांत चाहिए. मीडिया से
प्रार्थना है कि टिप्पणी के लिए मुझसे न कहे.
गिरीश कर्नाड एकमात्र ऐसे साहित्यकार हैं, जो सिनेमा और साहित्य दोनों क्षेत्रों में शीर्ष पर रहे और हर तरह की भूमिकाओं में काम किया. गिरीश जीवन के आखिरी वर्षों तक समाज और राजनीति को लेकर एक एक्टिविस्ट के तौर पर भी अपनी बेबाक राय रखते रहें. उनकी एक तस्वीर काफी वायरल हुई थी जब वो सीनियर जर्नलिस्ट गौरी लंकेश के मर्डर के एक साल बाद हुई डेथ एनिवर्सिरी में वो #MeTooUrbanNaxal प्ले कार्ड गले में पहनकर सभा में पहुंचे थे. उनके नाक में ऑक्सीजन की पाइप लगी थी.
गिरीश कर्नाड के निधन पर एक्टर अनिल कपूर और उनकी बेटी सोनम कपूर ने भी शोक व्यक्त किया. सोनम ने लिखा, आपका काम याद किया जाएगा.
कमल हासन ने लिखा, गिरीश कर्नाड, उनकी पटकथाएं मुझे अचंभित भी करती थीं और
प्रोत्साहित भी. वह अपने पीछे कई प्रोत्साहित प्रशंसक छोड़ गए हैं जो लेखक
हैं. उनके जाने से जो क्षति हुई है, शायद इन प्रशंसकों के कामों से वह
थोड़ी कम हो जाए.
मधुर भंडारकर ने लिखा, गिरीश कर्नाड जी के निधन की खबर सुनकर काफी दुख
हुआ. थियेटर पर्सनालिटी, फिल्म अभिनेता व निर्देशक के तौर पर किए गए उनके
कार्यों को हमेशा याद किया जाएगा. उनके परिवार, मित्रों और प्रशंसकों के
साथ मेरी गहरी सहानुभूति है.