कौन बनेगा करोड़पति, ये शब्द सुनते ही एक आवाज कानों में गूंजती है, जो कहती है, "आदर, अभिनंनदन, आभार. आप देख रहे हैं कौन बनेगा करोड़पति, मैं हूं अमिताभ बच्चन."
फिर शुरू होता है एक गेम शो, जो असल मायनों में देश के जज्बे को दिखाता है. एक ऐसा खेल जो पिछले 10 साल से पूरे देश को जोड़े हुए है. ये जुड़ाव होता है भावनाओं का, संघर्ष की उस दांस्तान का जो लाखों लोगों को कभी न हारने का हौसला देती है. हर बार सिर्फ कंटेस्टेंट ही नहीं, खुद अमिताभ बच्चन भी अपने जीवन के किस्से कहानियों को सुनाते हैं. कभी ये मजेदार किस्से ठहाकों में तालियों की गूंज बन जाते हैं. तो कभी आंखो से आंसू बनकर बह जाते हैं. लेकिन जब खुद सदी का महानायक किसी बात पर भावुक हो जाए तो एक पल को ही सही लेकिन वक्त थम सा जाता है. कुछ ऐसा ही नजारा देखने को KBC के मंच पर मिला, जब अमिताभ बच्चन भावुक हो गए.