बॉलीवुड के बादशाह कहलाने वाले शाहरुख खान ने अपनी जिंदगी में कई चैलेंज का सामना किया है. शाहरुख ने महज 14 साल की उम्र में अपने पिता मीर ताज मोहम्मद खान को खो दिया था. इसके बाद उनकी बहन शहनाज लालारुख खान सदमे में चली गई थी, जिससे वो आज तक उबर नहीं पाई हैं. पिता के जाने के 10 साल बाद शाहरुख की मां का भी इंतकाल हो गया था, जिससे शहनाज की हालत और खराब हो गई. एक इंटरव्यू में एक्टर ने बहन के बारे में बात की थी, जो अब वायरल हो रहा है.
पिता की मौत के सदमे से नहीं निकल पाईं शहनाज
शाहरुख खान अपनी बहन शहनाज लालारुख खान के बारे में बहुत ही कम बात करते हैं. सालों पहले उन्होंने एक इंटरव्यू में बहन के सदमे में जाने को लेकर बात की थी. सुपरस्टार ने ये भी बताया था कि जब वो फिल्म 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' की शूटिंग कर रहे थे, तब उनकी बहन लगभग मरने की हालत में थीं.
शाहरुख ने कहा था, 'मुझे याद है मेरे पिता के निधन के बाद मेरी बहन उनके पार्थिव शरीर के सामने खड़ी थीं. उन्होंने बस उन्हें देखा, वो रोई नहीं. उन्होंने कुछ नहीं कहा. फिर वो गिर गईं और उनका सिर जोर से जमीन में जाकर लगा था. उसके बाद अगले दो सालों तक वो रोई नहीं, उन्होंने कुछ नहीं बोला, वो बस शून्य में ताकती रहती थीं. इससे उनकी दुनिया बदल गई थी.'
'मेरी फिल्म दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे के दौरान वो फिर से अस्पताल में भर्ती हुई थीं. डॉक्टर्स ने कहा था कि वो नहीं बचेंगी. मैं उन्हें स्विट्जरलैंड ले गया था. जब मैं 'तुझे देना तो ये जाना सनम' गाना शूट कर रहा था, तब अस्पताल में उनका इलाज हो रहा था. लेकिन हमारे पिता के दुनिया छोड़ जाने से वो कभी उबर नहीं पाईं. फिर वो दर्द और बढ़ गया क्योंकि 10 साल बाद हमारे मां भी गुजर गईं.'
बहादुरी का दिखावा करते हैं शाहरुख
शाहरुख ने बताया कि उनकी बहन ने लॉ की पढ़ाई की थी. सफल और पढ़ी-लिखी होने के बावजूद वो अपने पेरेंट्स का दुनिया से जाना सहन नहीं कर पाईं. ये देखते हुए शाहरुख ने खुद अपने पेरेंट्स की मौत से कुछ हद तक खुद को अलग कर लिया. उन्होंने कहा, 'मैंने किसी तरह उससे अलग होना, नकली बहादुरी दिखाना सीख लिया, जो मैं दुनिया को दिखाता हूं, मेरा सेंस ऑफ ह्यूमर. बहुत-सी चीजें जो मैं करता हूं जो लोगों को तेजतर्रार और बहुत फिल्मी लगती है, वो असल में मेरा तरीका है मेरी जिंदगी के दर्द को छुपाने और अपनी बहन जैसे न बनने का.'
सुपरस्टार ने ये भी कहा था कि वो अपनी बहन से बेहद प्यार करते हैं और उनकी इज्जत करते हैं. शाहरुख खान के मुताबिक, उनके बच्चे उनसे और गौरी से ज्यादा शहनाज को चाहते हैं. एक्टर ने आगे कहा था, 'मेरे अंदर हिम्मत नहीं है इतना सिंपल, इतना दुखी, इतना परेशान होने की. तो मेरा एक हिस्सा हमेशा काम करता रहता है, चीजों को लेकर खुश रहता है क्योंकि उसे ऐसा करने को कहा गया है या फिर जो भी मैं करता हूं उसपर मजाक करता रहता है. अगर मैं ऐसा नहीं करूंगा, तो मैं भी पोटैशियम की कमी और डिप्रेशन का शिकार हो जाऊंगा.' शाहरुख ने आगे कहा था कि वो डिप्रेशन से बचने के लिए एक्टिंग करते हैं. उनका मकसद पैसे और फेम से बड़ा है.