'चंबल में बागी होते हैं डकैत तो...', आपने ये डायलॉग तो सुना ही होगा. हम आपको उसी इलाके की जानकारी देने जा रहे हैं जो चंबल के बीहड़ों के बीच बसा है. आजादी के बाद से अब तक भदावर राजघराने का जलवा भी इस क्षेत्र में कायम है. भदावर के महाराजा कभी भी यहां हाथ जोड़कर वोट नहीं मांगते. इलाके के मतदाताओं के बीच गांव-गांव वे जाते जरूर हैं लेकिन यहां प्रचार का अलग अंदाज नजर आता है. ये सीट भदावर राजघराने की परंपरागत सीट मानी जाती है. हम बात कर रहे हैं आगरा जिले की बाह विधानसभा सीट की.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
आगरा जिले की बाह विधानसभा सीट पर भदावर राजघराने का वर्चस्व रहा है. भदावर के महाराजा महेंद्र रिपुदमन सिंह इस सीट से चार बार विधायक रहे हैं. महाराजा अरिदमन सिंह भी अलग-अलग दल के टिकट पर विधायक चुने गए थे. दिल्ली और लखनऊ की सियासत अब तक जानें कितनी करवटें ले चुकी हैं लेकिन बाह विधानसभा क्षेत्र की सियासत में कोई परिवर्तन नहीं हुआ.
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भदावर के महाराजा महेंद्र रिपुदमन सिंह ने 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुआ विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा था. तब पहली बार कांग्रेस के उम्मीदवार अमर चंद शर्मा बाह विधानसभा सीट से विधायक बन पाए थे. इस सीट से भदावर राजघराने का ही कोई सदस्य विधायक निर्वाचित होता रहा है. साल 2007 में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के मधुसूदन शर्मा ने महाराज साहब के नाम से पहचान रखने वाले अरिदमन सिंह को हरा दिया था. 2012 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर महाराजा महेंद्र अरिदमन सिंह चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे.
2017 का जनादेश
बाह विधानसभा सीट से सपा के विधायक राजा महेंद्र अरिदमन सिंह साल 2017 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी में शामिल हो गए थे. 2017 के चुनाव में बीजेपी ने महाराजा महेंद्र अरिदमन सिंह की पत्नी महारानी पक्षालिका सिंह को टिकट दिया. महारानी पक्षालिका सिंह ने बसपा के मधुसूदन शर्मा को हरा दिया. पक्षालिका सिंह को 80570 वोट मिले जबकि दूसरे नंबर पर रहे बसपा के मधुसूदन शर्मा को 57427 वोट मिले थे. सपा की अंशु रानी निषाद को 46,885 वोट मिले थे.
सामाजिक ताना-बाना
बाह विधानसभा सीट की गिनती उन सीटों में होती है जहां ठाकुर, ब्राह्मण और मल्लाह बिरादरी के मतदाताओं की बहुलता है. हालांकि, इस सीट पर भदावर के महाराज का सिक्का चलता है. यहां जातिगत समीकरणों का कोई खास असर नहीं नजर आता. इस विधानसभा क्षेत्र में प्रचार का अनोखा अंदाज भी नजर आता है. भदावर राजपरिवार के सदस्य गांव में जाते हैं तो इनका सम्मान किया जाता है. इसके बाद एक व्यक्ति चुनाव की सभी को जानकारी दे देता है कि अबकी बार भदावर राजघराने से कौन चुनाव लड़ रहा है? सूचना के बाद कुछ बातें सम्मान में कही जाती हैं. इस वायदे के साथ कि मतदाता भदावर राजघराने के उम्मीदवार को ही वोट देंगे, सभा विसर्जित हो जाती है.
विधायक का रिपोर्ट कार्ड
बाह विधानसभा सीट से विधायक महारानी पक्षालिका सिंह के समर्थक उनके कार्यकाल में काफी विकास कार्यों का दावा करते हैं. विधायक के समर्थकों और बीजेपी के नेताओं का दावा है कि पक्षालिका सिंह के कार्यकाल में इलाके में विकास की गंगा बही है. वहीं, विरोधी दलों की ओर से विधायक समर्थकों के दावे को हवा-हवाई बताया जा रहा है.