तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने 1970 में कांग्रेस (आई) के साथ अपना राजनीतिक करियर शुरू किया. 1976 से 1980 तक ममता राज्य महिला कांग्रेस की महासचिव रहीं.
1984 के आम चुनावों में, ममता बनर्जी सबसे युवा लोकसभा सांसद चुनी गईं. चुनाव में उन्होंने दक्षिणी कोलकाता के जादवपुर सीट से सीपीआई नेता सोमनाथ चटर्जी को हराया था.
1984 के बाद ममता ऑल इंडिया यूथ कांग्रेस की महासचिव बनीं.
1989 के लोकसभा चुनाव में ममता बनर्जी को जादवपुर सीट से शिकस्त का सामना करना पड़ा.
1991 में कांग्रेस की चुनावी रैली के दौरान सीपीआई-एम समर्थक लालू आलम ने ममता बनर्जी पर हमला किया था. ममता के सिर पर चोट आई थी. यह घटना कोलकाता के दक्षिणी हिस्से के हाजरा क्रॉसिंग पर हुई थी.
'मां, माटी, मानुष' के विचार पर चलने वाली ममता ने सिंगुर और नंदीग्राम में किसानों के हक के लिए अपनी आवाज बुलंद की.
1993 में ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल के तत्कालीन मुख्यमंत्री ज्योति बसु के ऑफिस के सामने प्रदर्शन कर रही थीं. तब पुलिस ने उन्हें राइटर्स बिल्डिंग (सचिवालय) से जबरन बाहर कर दिया था.
कोलकाता में एक चुनावी रैली के दौरान ममता बनर्जी. ममता ने 1997 में तृणमूल कांग्रेस पार्टी बनाई. 1999 में ममता ने नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (NDA) ज्वॉइन किया और रेल मंत्री बनीं.
2008 में नंदीग्राम हिंसा में पीड़ितों से मिलने बाइक से जाती ममता बनर्जी.
ममता बनर्जी एक पॉलिटिशियन होने के साथ ही एक पेंटर भी हैं. फुर्सत के पलों में ममता घर में पेंटिंग करना पसंद करती हैं.
1991 के बाद ममता बनर्जी केंद्र सरकार में मानव संसाधन एंव विकास राज्यमंत्री, युवा मामले एवं खेल, महिला एवं बाल विकास मंत्री बनीं.
1991 में दक्षिणी कोलकाता सीट के लिए इलेक्शन कैम्पेन करतीं ममता बनर्जी.
ममता बनर्जी को टेनिस खेलना सिखातीं सानिया मिर्जा.
1991 में दक्षिणी कोलकाता सीट से ममता ने लोकसभा में वापसी की.
2011 मे पश्चिम बंगाल में ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस ने लेफ्ट को हराकर सरकार बनाई. 2011 में ममता के मुख्यमंत्री बनने के बाद बंगाल में लेफ्ट का 34 साल करा शासन खत्म हुआ.
साल 2000 में ममता ने अपना पहला रेल बजट पेश किया, जिसमें उन्होंने पश्चिम बंगाल में कई एक्सप्रेस ट्रेनों के शुरुआत की घोषणा की. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ ममता बनर्जी.