लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण के लिए आज नामांकन का आखिरी दिन है. यूपी की अमेठी और रायबरेली सीट पर शुक्रवार को कांग्रेस ने उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए हैं. कांग्रेस नेता राहुल गांधी इस बार रायबरेली सीट से चुनाव लड़ेंगे. जबकि अमेठी सीट पर पार्टी ने किशोरी लाल शर्मा को उम्मीदवार बनाया है. किशोरी लाल को सोनिया गांधी का करीबी माना जाता है. वे पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं. जबकि राहुल गांधी इससे पहले अमेठी सीट से चुनाव लड़ते आए हैं. पहले चर्चा थी कि अमेठी से राहुल गांधी चुनाव लड़ेंगे और रायबरेली से प्रियंका गांधी चुनावी मैदान में उतर सकती हैं. हालांकि, पार्टी ने अचानक रणनीति बदली और दोनों सीटों पर नए चेहरे उतारने का फैसला लिया. इस पर कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश की प्रतिक्रिया आई है.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, राहुल गांधी जी की रायबरेली से चुनाव लड़ने की खबर पर बहुत सारे लोगों की बहुत सारी राय हैं. लेकिन वह राजनीति और शतरंज के मंजे हुए खिलाड़ी हैं और सोच समझ कर दांव चलते हैं. ऐसा निर्णय पार्टी के नेतृत्व ने बहुत विचार विमर्श करके बड़ी रणनीति के तहत लिया है. इस निर्णय से BJP, उनके समर्थक और चापलूस धराशायी हो गये हैं. बेचारे स्वयंभू चाणक्य जो ‘परंपरागत सीट’ की बात करते थे, उनको समझ नहीं आ रहा अब क्या करें?
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कांग्रेस का एक साधारण कार्यकर्ता ही बड़े बड़ों पर भारी...
जयराम रमेश ने कहा, रायबरेली सिर्फ सोनिया जी की नहीं, खुद इंदिरा गांधी जी की सीट रही है. यह विरासत नहीं, जिम्मेदारी है, कर्तव्य है. रही बात गांधी परिवार के गढ़ की तो अमेठी-रायबरेली ही नहीं, उत्तर से दक्षिण तक पूरा देश गांधी परिवार का गढ़ है. राहुल गांधी तो तीन बार उत्तर प्रदेश से और एक बार केरल से सांसद बन गए, लेकिन मोदी जी विंध्याचल से नीचे जाकर चुनाव लड़ने की हिम्मत क्यों नहीं जुटा पाये? एक बात और साफ है कि कांग्रेस परिवार लाखों कार्यकर्ताओं की अपेक्षाओं उनकी आकांक्षाओं का परिवार है. कांग्रेस का एक साधारण कार्यकर्ता ही बड़े बड़ों पर भारी है. कल एक मूर्धन्य पत्रकार अमेठी के किसी कार्यकर्ता से व्यंग में कह रही थीं कि आप लोगों का नंबर कब आएगा टिकट मिलने का? लीजिए, आ गया. कांग्रेस का एक आम कार्यकर्ता अमेठी में BJP का भ्रम और दंभ दोनों तोड़ेगा.
'अब स्मृति ईरानी से वो शोहरत भी छिन गई'
जयराम रमेश का कहना था कि प्रियंका जी धुआंधार प्रचार कर रही हैं और अकेली नरेंद्र मोदी के हर झूठ का जवाब सच से देकर उनकी बोलती बंद कर रही हैं, इसीलिए यह जरूरी था कि उन्हें सिर्फ अपने चुनाव क्षेत्र तक सीमित ना रखा जाए. प्रियंका जी तो कोई भी उपचुनाव लड़कर सदन पहुंच जायेंगी. आज स्मृति ईरानी की सिर्फ यही पहचान है कि वो राहुल गांधी के खिलाफ अमेठी से चुनाव लड़ती हैं. अब स्मृति ईरानी से वो शोहरत भी छिन गई. अब बजाय व्यर्थ की बयानबाजी के, स्मृति ईरानी स्थानीय विकास के बारे में जवाब दें, जो बंद किए अस्पताल, स्टील प्लांट और IIIT हैं, उस पर जवाब देना होगा. शतरंज की कुछ चालें बाकी हैं, थोड़ा इंतजार कीजिए.