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महागठबंधन पर सीट शेयरिंग का प्रेशर, कौन-कितने पर लड़ेगा अभी फाइनल नहीं... दिल्ली पहुंच रहे लालू-तेजस्वी

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. आरजेडी, कांग्रेस और वीआईपी के बीच सहमति नहीं बन सकी है, जबकि कांग्रेस ने 13 अक्टूबर तक फैसला करने की चेतावनी दी है. इसी बीच ओवैसी की AIMIM ने 32 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर महागठबंधन की चिंता बढ़ा दी है.

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लालू यादव और तेजस्वी यादव दिल्ली के लिए रवाना हो रहे हैं. (File Photo)
लालू यादव और तेजस्वी यादव दिल्ली के लिए रवाना हो रहे हैं. (File Photo)

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन के अंदर सीट बंटवारे को लेकर घमासान मचा हुआ है. चुनावी तैयारियों के बीच गठबंधन दलों के बीच अब तक पूरी सहमति नहीं बन सकी है. पहले यह संकेत मिले थे कि सीटों का फॉर्मूला तय हो गया है और कुछ सीटों पर मामूली मतभेद बाकी हैं, लेकिन अब मामला फिर उलझता दिखाई दे रहा है. आरजेडी, कांग्रेस और वीआईपी सहित अन्य दलों के बीच कई सीटों को लेकर मंथन जारी हैं.

सूत्रों की मानें तो, महागठबंधन में जिन सीटों पर पेंच फंसा है, उन पर बातचीत लगातार चल रही है, लेकिन अब तक कोई अंतिम नतीजा नहीं निकला है. कांग्रेस ने आरजेडी को साफ संदेश दिया है कि किसी भी हाल में 13 अक्टूबर तक सीट बंटवारे का फैसला कर लिया जाए, वरना पार्टी अपने उम्मीदवारों की घोषणा खुद करेगी.

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इस बीच आरजेडी ने भी पहले चरण के उम्मीदवारों को नामांकन की तैयारी शुरू करने के निर्देश दे दिए हैं, जिससे यह स्पष्ट है कि पार्टी किसी भी सूरत में अपनी रफ्तार धीमी नहीं करना चाहती.

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इधर, महागठबंधन के भीतर मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर भी स्थिति साफ नहीं है. वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने डिप्टी सीएम पद की मांग दोहराई है, जबकि आरजेडी सूत्रों के अनुसार, बिना सीएम उम्मीदवार तय किए इस मांग को मानना मुश्किल है.

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दिल्ली पहुंच रहे लालू यादव-तेजस्वी यादव

इसी राजनीतिक उथल-पुथल के बीच राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव दिल्ली रवाना हो रहे हैं. माना जा रहा है कि यहां उनकी कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात हो सकती है, जिससे सीट बंटवारे का फॉर्मूला और गठबंधन की रणनीति पर आखिरी फैसला लिया जा सकता है.

राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि अगर दिल्ली दौरे में सहमति बन गई, तो महागठबंधन अगले हफ्ते तक सीटों का ऐलान कर सकता है लेकिन अगर बातचीत असफल रही, तो कांग्रेस अपने उम्मीदवारों की सूची अलग से जारी कर सकती है, जिससे गठबंधन में दरार गहराने की संभावना बढ़ जाएगी.

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बिहार में चुनावी माहौल तेजी से गरमाता जा रहा है, और ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि विपक्षी गठबंधन कितनी जल्दी अपने मतभेद सुलझा पाता है.

AIMIM बिगाड़ सकती है महागठबंधन का खेल!

बिहार में महागठबंधन के किले में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM सेंध लगा सकती है. चुनाव में ओवैसी की पार्टी 16 जिले की 32 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमाम ने 32 सीटों की सूची जारी कर दी है.

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हलांकि उम्मीदवारों के नाम की घोषणा पार्टी ने अभी नहीं की गई है. सीमांचल के अलावा अन्य मुस्लिम बहुल इलाकों में पार्टी अपने उम्मीदवार उतारेगी. पिछले चुनाव में AIMIM को पांच सीटों पर सफलता मिली थी, लेकिन चार विधायक आरजेडी में शामिल हो गए थे.

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