बिहार में कुछ ही महीने बाद विधानसभा चुनाव होने हैं और उससे ठीक पहले राज्य में अलग-अलग जाति-वर्ग से जुड़े आयोगों के पुनर्गठन का सिलसिला सा चला. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाली सरकार ने पिछले कुछ दिनों में आधा दर्जन से अधिक आयोग, बोर्ड और निगमों का पुनर्गठन किया.
इस पर अब सियासी संग्राम छिड़ गया है. बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने आयोग में नेताओं के परिजनों और रिश्तेदारों को एडजस्ट कराने का आरोप लगाते हुए कहा है कि नीतीश कुमार जमाई आयोग बना दें. वहीं सत्ताधारी एनडीए की ओर से नीतीश सरकार में मंत्री अशोक चौधरी ने तेजस्वी को अपना घर देखने की नसीहत दी है.
अशोक चौधरी का तेजस्वी पर पटवार
नीतीश कुमार के करीबी माने जाने वाले जेडीयू कोटे के मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि तेजस्वी यादव 'चलनी दूसे सूप के...' वाली कहावत को चरितार्थ कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सायन कुणाल तो पिछले डेढ़ साल से मेरे दामाद बने हैं, पहले वह आचार्य किशोर कुणाल के बेटे हैं. सायन की पहचान उनके पिता से है. अशोक चौधरी ने कहा कि आचार्य किशओर कुणाल ने पटना के महावीर मंदिर को लालू यादव की सरकार से बचाया था. तेजस्वी यादव की माता जी किस योग्यता से बिहार की मुख्यमंत्री बनीं?
उन्होंने कहा कि नौवीं तक पढ़ाई करने वाले तेजस्वी यादव किस योग्यता से दो बार डिप्टी सीएम बने और उनके भाई मंत्री बने? लालू परिवार में तेजस्वी के मामा सांसद बने. अशोक चौधरी ने कहा कि लालू यादव का सामाजिक न्याय यही है कि वह बाबा साहब का अपमान करते हैं. सायन कुणाल, मंत्री अशोक चौधरी के दामाद हैं और उन्हें राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड में सदस्य बनाया गया है. इसी तरह स्वर्गीय रामविलास पासवान के दामाद, केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के बहनोई मृणाल पासवान अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष बनाए गए हैं.
मांझी के दामाद बोले- डराना चाहते हैं
जीतनराम मांझी के दामाद देवेंद्र मांझी को अनुसूचित जाति आयोग का उपाध्यक्ष बनाया गया है. मुख्यमंत्री के सचिव और रिटायर्ड आईएएस अधिकारी पूर्व मुख्य सचिव दीपक कुमार की पत्नी रश्मि रेखा सिन्हा को राज्य महिला आयोग का सदस्य बनाया गया है. तेजस्वी यादव के आरोप पर जीतनराम मांझी के दामाद देवेंद्र कुमार मांझी ने भी पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव एक दलित के बेटे को डराना चाहते हैं. 15 साल से समाज की सेवा कर रहा हूं, एक इंजीनियर रहा हूं. उन्होंने कहा कि एक दलित के बेटे को इस पद पर तेजस्वी पचा नहीं पा रहे हैं.
देवेंद्र कुमार मांझी ने कहा कि वायरल वीडियो में लालू यादव बाबा साहब की तस्वीर का अपमान करते नजर आ रहे हैं. इस वीडियो के आधार पर लालू यादव को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है. जवाब नहीं आया तो आयोग पुलिस से एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई के लिए कहेगा. गौरतलब है कि पिछले दिनों नीतीश सरकार ने बाल संरक्षण अधिकार आयोग, अल्पसंख्यक आयोग, सवर्ण आयोग, मछुआरा आयोग और अनुसूचित जाति आयोग का पुनर्गठन किया था. एक के बाद इन आयोगों के पुनर्गठन की अधिसूचना जारी कर दी गई थी.
आयोगों में ज्यादातर चेहरे टिकट के दावेदार
आयोगों के पुनर्गठन में जिन चेहरों को जगह दी गई है, उनमें से ज्यादातर ऐसे हैं जो आगामी विधानसभा चुनाव में कहीं ना कहीं से टिकट के दावेदार थे. राज्य अल्पसंख्यक आयोग से शुरुआत करें तो वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ आपत्ति जताने वाले जेडीयू के पूर्व राज्यसभा सांसद और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव गुलाम रसूल बलियावी को अल्पसंख्यक आयोग का अध्यक्ष बना दिया गया. बलियावी को ये जिम्मेदारी देकर उन्हें वक्फ संशोधन कानून पर ज्यादा आक्रामक न होने का संदेश दे दिया गया है.
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यह भी संभव है कि बलियावी भी इस नई जिम्मेदारी से संतुष्ट हों. एनडीए में शामिल घटक दलों से संबंध रखने वाले दूसरे नेताओं को भी अल्पसंख्यक आयोग में एडजस्ट किया गया है. आयोग में लखविंदर सिंह और मौलाना उमर नूरानी को उपाध्यक्ष बनाया गया है. वहीं, सवर्ण आयोग का गठन कर सरकार ने पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता महाचंद्र प्रसाद सिंह के आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने के कयासों पर विराम लगा दिया. महाचंद्र प्रसाद सिंह को सवर्ण आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है. जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन को इसी आयोग का उपाध्यक्ष बनाया गया, जो उनके लिए किसी एडजेस्टमेंट की तरह ही है.
नेताओं के रिश्तेदारों की भी बल्ले-बल्ले
बीजेपी के एक और नेता राजकुमार सिंह को सवर्ण आयोग का सदस्य बनाया गया है. राजकुमार सिंह राजपूत बिरादरी से आते हैं और उनकी भी चाहत टिकट पाने की थी. आयोगों के पुनर्गठन में केवल पॉलिटिकल एडजस्टमेंट हुआ हो, ऐसा भी नहीं है. कई नेताओं के परिवार वाले और रिश्तेदारों को भी इसमें एडजस्ट किया गया है. राज्य सरकार ने रामविलास पासवान के दामाद और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के बहनोई मृणाल पासवान को अनुसूचित जाति आयोग का अध्यक्ष बनाया है.
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अनुसूचित जाति आयोग में उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी के दामाद देवेंद्र कुमार को दी गई है. राज्य मछुआरा आयोग में पूर्व विधायक अजीत चौधरी को उपाध्यक्ष की कुर्सी मिली है। अजीत चौधरी बक्सर जिले की ब्रह्मपुर विधानसभा सीट से टिकट के दावेदार माने जाते हैं. कुल मिलाकर देखा जाए तो आयोगों के पुनर्गठन ने एक तरफ जहां टिकट के दावेदारों की संख्या में कटौती की है, वहीं नेताओं के रिश्तेदारों की भी बल्ले बल्ले रही है.