बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस इस बार अपने सबसे खराब प्रदर्शन की ओर बढ़ती दिख रही है. चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा और चुनाव आयोग की मतदाता सूची में स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (SIR) को लेकर चलाए गए 'वोट चोरी' अभियान ने महागठबंधन के हक में कोई माहौल नहीं बनाया.
ये यात्रा 17 अगस्त को सासाराम से शुरू हुई और एक सितंबर को पटना में खत्म हुई. 16 दिनों की इस यात्रा में 25 जिलों को कवर किया गया और महागठबंधन के सभी दलों के नेता शामिल हुए. लेकिन इसके बावजूद 'वोट चोरी' का नारा जनता में असर नहीं छोड़ पाया.
भीड़ नहीं मिली, मुद्दा नहीं चला
इंडिया टुडे से बात करते हुए महागठबंधन के एक वरिष्ठ नेता ने माना कि शुरुआत से ही इस मुद्दे को लोगों का समर्थन नहीं मिला. उधर चुनाव आयोग ने SIR को पूरी तरह सफल बताया और कहा कि एक भी अपील लंबित नहीं है. महागठबंधन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दाखिल की थी कि SIR की वजह से कुछ वर्गों के मतदान अधिकार प्रभावित होंगे लेकिन वो भी काम नहीं आया.
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महागठबंधन के एक बड़े नेता ने कहा कि हम SIR और वोट चोरी को लेकर कोई बड़ा उदाहरण जनता के सामने नहीं रख पाए. हम ये भी दिखा नहीं पाए कि आखिर कितने बिहारी मताधिकार से वंचित हुए. इससे हमारा पूरा अभियान कमजोर पड़ गया. उन्होंने ये भी माना कि चुनाव से पहले बहुत समय, ऊर्जा और संसाधन ऐसे मुद्दों पर खर्च हो गए जो जनता ने गंभीरता से लिए ही नहीं.
एनडीए को मिला फायदा
कई राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि ये मुद्दा उठाने से फायदा उलटा एनडीए को मिल गया जो 20 साल की सरकार के बाद एंटी-इनकंबेंसी का सामना कर रहा था. राहुल गांधी ने अपनी लगभग 70-80% रैलियों और प्रेस कॉन्फ्रेंस में SIR और 'वोट चोरी' पर ही बात की, जबकि बेरोजगारी, पलायन, कानून-व्यवस्था और भ्रष्टाचार जैसे मुख्य मुद्दे पीछे रह गए.
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि हमें JDU-BJP को बेरोजगारी और भ्रष्टाचार पर घेरना चाहिए था लेकिन हमारी पूरी ऊर्जा वोटर अधिकार यात्रा में ही खर्च हो गई.
कांग्रेस अभी भी मुद्दा नहीं छोड़ेगी
हालांकि कांग्रेस इस मुद्दे को छोड़ने के मूड में नहीं है. पार्टी स्रोतों ने इंडिया टुडे को बताया कि चुनाव आयोग SIR को सफल बताए लेकिन उनके मुताबिक प्रक्रिया पारदर्शी नहीं थी. एक कांग्रेस पदाधिकारी ने कहा कि चुनाव आयोग कुछ भी कहे लेकिन हम SIR को समझ नहीं पा रहे हैं. मतदाता सूची से लाखों नाम हटाए गए और ये हमारे लिए बड़ा मुद्दा रहेगा.