बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले सियासी समीकरण तेजी से बदल रहे हैं. इसी कड़ी में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने आजाद समाज पार्टी और अपनी जनता पार्टी के साथ रणनीतिक गठबंधन कर लिया है. तीनों दल मिलकर राज्य की 64 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे.
सीट बंटवारे के तहत AIMIM 35 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी, जबकि आजाद समाज पार्टी 25 और अपनी जनता पार्टी 4 सीटों पर मैदान में उतरेगी. इस गठबंधन को बिहार की राजनीति में नया प्रयोग माना जा रहा है, जो अल्पसंख्यक और सामाजिक न्याय के मतदाताओं को साधने की कोशिश करेगा.
ओवैसी की पार्टी ने 2020 में किया था अच्छा प्रदर्शन
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ने 2020 में सीमांचल क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन किया था, और अब वह आजाद समाज पार्टी के दलित आधार और अपनी जनता पार्टी के स्थानीय नेटवर्क के साथ मिलकर प्रभाव बढ़ाने की रणनीति पर काम कर रही है.
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गठबंधन से तीसरा मोर्चा बनाने की तैयारी
राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, यह गठबंधन पारंपरिक सत्ताधारी दलों की पकड़ को चुनौती देने की कोशिश है. गठबंधन का फोकस सामाजिक समानता, अल्पसंख्यक सशक्तिकरण और जमीनी राजनीति पर होगा। फिलहाल उम्मीदवारों के नामों की घोषणा बाकी है, जिसे लेकर सियासी हलकों में खासा उत्साह है.
गठबंधन के उम्मीदवारों की लिस्ट आने के बाद यह साफ होगा कि ये दल किन इलाकों में एक-दूसरे के जनाधार को मजबूत कर सकते हैं. बिहार के चुनावी परिदृश्य में यह नया गठबंधन वोटों का समीकरण बदल सकता है या नहीं- यह आने वाले दिनों में साफ होगा.