बिहार में होने वाले इस साल विधानसभा चुनाव से पहले परिवारवाद की जगह अब 'दामादवाद' का जिक्र ज्यादा हो रहा है. बिहार में कई बड़े-बड़े नेताओं और मंत्रियों के बेटे-बेटियां राजनीति में हैं और उनमें से कई मंत्री, विधायक और सांसद हैं लेकिन इस बार चुनावी मौसम दामादों के लिए बड़ा खुशनुमा बना हुआ है. अगर आप किसी बड़े नेता के दामाद हैं तो आपका भी बंपर ऑफर निकल सकता है और आप भी किसी आयोग, निगम या परिषद में जगह का सकते हैं.
जिस तरीके से इस बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के विभिन्न आयोग, निगम और परिषद में बड़े-बड़े नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों के दामादों को तरजीह दी है, उसको लेकर लगातार विवाद चल रहा है.
सवाल उठता है कि आखिर नीतीश कुमार की ऐसी क्या मजबूरी थी कि इस बार धड़ल्ले से बड़े- बड़े नेताओं के दामाद पर वो इतने मेहरबान हो गए और विभिन्न आयोग निगम और परिषदों में उन्हें जगह दे दी.
नीतीश कुमार हमेशा से ही परिवारवाद के सख्त विरोधी रहे थे उन्हें आखिर क्यों इस बार परिवारवाद और खासकर इस बार चुनाव से पहले 'दामादवाद' नजर नहीं आ रहा है.
'नीतीश कुमार का दामादों' को प्रसाद'
चुनावी मौसम में इस बार 3 नेताओं की बल्ले-बल्ले हो गई है जिसमें केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी और चिराग पासवान समेत बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी शामिल हैं.
एक तरफ जहां जीतन राम मांझी के दामाद देवेंद्र मांझी को अनुसूचित जाति आयोग में उपाध्यक्ष के पद से नवाजा गया है, वहीं दूसरी तरफ स्व. रामविलास पासवान के दामाद और चिराग पासवान के जीजा मृणाल पासवान को अनुसूचित जाति आयोग में अध्यक्ष के पद से नवाजा गया है.
बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी के दामाद सायन कुणाल को बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद का सदस्य बनाया गया है.
मांझी का परिवारवाद और दामादवाद
नीतीश कुमार के इस बार आयोग में दामादों पर मेहरबानी की सबसे ज्यादा चर्चा अगर हो रही है तो वो है- जीतन राम मांझी के दामाद देवेंद्र मांझी को लेकर. जीतन राम मांझी खुद केंद्र सरकार में मंत्री हैं. दूसरी तरफ उनकी बहू दीपा मांझी इमामगंज सीट से विधायक हैं और अब दामाद को अनुसूचित जाति आयोग का उपाध्यक्ष बना दिया गया.
पासवान का परिवारवाद और दामादवाद
जीतन राम मांझी के बाद चर्चा हो रही है- केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की जो खुद इस वक्त नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री हैं. दूसरी तरफ उनके जीजा अरुण भारती पार्टी के सांसद हैं. नीतीश कुमार की मेहरबानी से अब स्व. रामविलास पासवान के दामाद और चिराग पासवान के जीजा मृणाल पासवान को अनुसूचित जाति आयोग में अध्यक्ष बना दिया गया है.
मंत्री अशोक चौधरी के दामाद
दामाद की लिस्ट में जो तीसरा नाम है, वो है- बिहार सरकार के वरिष्ठ मंत्री और नीतीश कुमार के करीबी अशोक चौधरी के दामाद सायन कुणाल का. अशोक चौधरी खुद नीतीश सरकार में बड़े ओहदे के मंत्री हैं. उनकी बेटी शांभवी चौधरी चिराग पासवान के पार्टी से सांसद हैं. नीतीश कुमार ने अब अशोक चौधरी के दामाद सायन कुणाल को बिहार राज्य धार्मिक न्यायाधीश परिषद का सदस्य बना दिया है.
नीतीश कुमार इस बार जिस तरीके से दामादों पर मेहरबान हुए हैं, उसे लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि इतनी ज्यादा कवायद करने से अच्छा था कि नीतीश कुमार अलग से जमाई आयोग बनाकर सभी दामादों को उसी में एडजस्ट कर लेते.
एक बात तो साफ है कि नीतीश कुमार ने जिस तरीके से विभिन्न नेताओं के दामाद को आयोग निगम और परिषदों में एडजस्ट किया है उसके बाद वो इन लोगों के बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने की संभावना समाप्त हो गई है.