केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की ओर से कक्षा 12वीं के नतीजे जारी कर दिए गए हैं. इस साल जारी परिणाम में अहमदाबाद की ईशानी देबनाथ ने ह्यूमैनिटीज में 500 में से 500 यानी 100 प्रतिशत नंबर हासिल कर सभी का ध्यान आकर्षित किया है. अहमदाबाद के डीपीएस बोपल में पढ़ने वाली ईशानी देबनाथ ने ह्यूमैनिटीज के सभी पांच सब्जेक्ट- इंग्लिश कोर, हिस्ट्री, पॉलिटिकल साइंस, इकोनॉमिक्स और साइकोलॉजी के लिखित और प्रायोगिक परीक्षा में मिलाकर सभी में 100 में से 100 अंक हासिल किए हैं.
ईशानी के पिता शांतनु देबनाथ ने बीई, एमबीए की पढ़ाई की है और कंसलटेंट के तौर पर काम कर रहे हैं. ईशानी की माता राजेश्वरी देबनाथ मास्टर की डिग्री हासिल कर चुकी हैं और गृहिणी हैं. ईशानी का एक भाई है, जो डीपीएस स्कूल में ही पढ़ाई करता है.
ऐसे की थी तैयारी
ह्यूमैनिटीज में 500 में से 500 अंकों के साथ पूरे 100 फीसदी अंक हासिल करने वाली ईशानी देबनाथ ने कहा, बोर्ड की परीक्षाओं में ध्यान रखने के अलावा स्कूल में पढ़ाए गए विषयों का रिविजन किया, समय पर डाउट्स का ध्यान रखा, शिक्षकों की ओर से दिए गए असाइनमेंट को समय पर पूरा किया और पिछले साल के प्रश्नपत्रों को हल किया.
ईशानी का कहना है, 'अब आगे देश के टॉप कॉलेज में एडमिशन लेकर साइकोलॉजी की पढ़ाई करने की इच्छा है. 500 में से 500 अंक हासिल करने में स्कूल के प्रिंसिपल की प्रेरणा और शिक्षकों का मार्गदर्शन महत्वपूर्ण साबित हुआ. मेरे माता-पिता ने भी मुझे अपने लक्ष्यों के प्रति दृढ़ रहने और लगन से काम करने के लिए हमेशा प्रेरित किया है.'
मां ने बताया- फिल्में भी देखती थी
ईशानी की माता राजेश्वरी कहती हैं, 'बेटी ने पहले ही पढ़ाई के लिए सुनिश्चित योजना बनाई थी. ईशानी ने अपने कमरे की दीवार पर कैलेंडर प्लानर लगाकर और अपनी दिनचर्या का पालन करके अपने दिन की योजना बनाई थी. ईशानी ने परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताने के लिए समय सुनिश्चित किया था, साथ ही रिलेक्स होने के लिए कुछ फिल्में भी देखीं. लेकिन, जो भी लक्ष्य बेटी ने रखा था उसे उसने पाया है. माता पिता के तौर पर हमें बेटी पर गर्व है. आगे जो भी पढ़ाई बेटी करना चाहे उसमें पूरा सहयोग करके उसका सपना पूरा करेंगे.'
साइंस की जगह ह्यूमैनिटीज ली
ईशानी के पिता शांतनु देबनाथ ने कहा कि बेटी ने दसवीं में 97.20 प्रतिशत हासिल किए थे, तब सब उसे साइंस में ही आगे बढ़ने के लिए कहते थे लेकिन माता पिता के तौर पर हमने कभी उसे साइंस में आगे बढ़ने के लिए नहीं कहा. बेटी ने हमेशा जिन विषयों के साथ पढ़ाई करनी चाही उसमें मदद की.
उनके पिता ने बताया, 'ईशानी स्कूल के अलावा कभी ट्यूशन में नहीं गई. ईशानी को पढ़ाई के दौरान स्कूल से जो भी मार्गदर्शन मिलता उसके बाद घर पर तीन से चार घंटे की पढ़ाई करती थी बाकी छुट्टियों के समय में जो शेड्यूल बनाया था उसे फॉलो करके पढ़ाई करती थी. अब उसका गोल एंट्रेंस टेस्ट देकर देश की टॉप कॉलेज में साइकोलॉजी की पढ़ाई करना है.
दिल्ली और मुंबई की कुछ कॉलेज में एडमिशन उसका लक्ष्य है. एक माता पिता के तौर पर बेटी ने हमें भी गौरवान्वित किया है. बेटी को आगे उसकी इच्छाओं के मुताबिक पढ़ने में सहयोग करेंगे और उसका सपना पूरा करना ही लक्ष्य है. बता दें कि 12वीं बोर्ड परीक्षा में 88.39 फीसदी स्टूडेंट पास हुए हैं. बात करें गुजरात की तो 4.57 प्रतिशत अधिक यानी 92.96 प्रतिशत स्टूडेंट इस साल पास हुए हैं.