School Reopen after Summer Vacation: कर्नाटक के स्कूल 35 दिनों की गर्मी की छुट्टी खत्म होने के साथ 16 मई से दोबारा नई सेशन के लिए शुरू हो गए हैं. लंबे समय से बंद स्कूल एक खुशनुमा माहौल में फिर से खुले हैं. छात्रों के स्कूल में वापस स्वागत करने के लिए, कर्नाटक शिक्षा विभाग और सरकारी स्कूल के अधिकारियों दोनों ने स्कूल परिसर में लौटने वाले कोरस एंथम और गानों के अलावा अन्य व्यवस्थाएं भी कीं.
मुख्यमंत्री ने दी बधाई
कर्नाटक में शैक्षणिक सत्र शुरू होने के साथ ही स्कूलों में लौटने वाले छात्रों को भी कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने बधाई दी. एजेंसी के अनुसार, पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, ''लंबे समय के बाद स्कूल शुरू हुए हैं. शिक्षा विभाग ने पूरी व्यवस्था कर ली है. वे सीखने के लिए अनुकूल माहौल बनाने के लिए पारंपरिक तरीके से बच्चों का स्वागत कर रहे हैं.''
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूलों में पढ़ाई हमेशा प्रभावी और परिणामोन्मुखी रही है. उन्होंने कहा, ''हम पाठ्यपुस्तक, कपड़े और साइकिल उपलब्ध कराने के लिए तैयार हैं. कक्षाएं फिर से शुरू होना जरूरी है क्योंकि स्कूलों के फिर से शुरू होने को लेकर लंबे समय से अनिश्चितता थी. हमारी इच्छा बच्चों को वैसे ही स्कूलों में जाते हुए देखने की है जैसा कि वे कोरोना महामारी से पहले जाया करते थे.''
स्कूलों में हुआ बच्चों का स्वागत
बेंगलुरु के बन्नेरघट्टा रोड के देवरचिक्कनहल्ली में एक स्कूल के प्रधानाचार्यों, शिक्षकों और छात्रों ने स्कूल और कक्षा के प्रवेश द्वार पर 'तोरण' (आम के पत्तों की माला) बांधी. शहर के एक अन्य स्कूल में शिक्षकों द्वारा छात्रों का स्वागत किया गया और प्रत्येक छात्र की 'आरती' करने के अलावा उनके माथे पर सिंदूर लगाया गया.
बांटी गईं मिठाईयां
कई स्कूलों में छात्रों को मिड-डे मील के अलावा मिठाईयां भी दी गईं. अक्षय पात्र फाउंडेशन ने सोमवार को घोषणा की कि उसने बेंगलुरु में मिड-डे मील योजना को फिर से शुरू कर दिया है. फाउंडेशन ने एक बयान में कहा कि वह सोमवार से राजाजीनगर, गुनियाग्राहारा और जिगनी में तीन रसोई के माध्यम से शहर और उसके आसपास के 1200 स्कूलों में इनरोल 1,50,000 से अधिक बच्चों की सेवा करने जा रहा है.
फाउंडेशन ने आगे कहा कि उसके कर्मचारियों को वैक्सीन की सभी डोज़ लगी हुई हैं और खाना तैयार करने, पैकेजिंग करने और मैप किए गए स्कूलों में पहुंचाने के लिए कोरोना सुरक्षा प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया जा रहा है. सभी कर्मचारी इसके लिए प्रशिक्षित किए गए हैं.
फाउंडेशन ने कहा, ''35 दिनों के बाद स्कूलों को फिर से शुरू करने के साथ, हमने लाभार्थियों के लिए एक विशेष मेन्यू तैयार किया है, यानी सफेद चावल, हरी पत्ती वाला सांबर, और मूंग दाल पायसम के साथ एक मिठाई भी दी जा रही है. कर्नाटक के सभी केंद्रों ने आज मध्याह्न भोजन मेनू में मिठाई परोसी है.''