शहीद फ्लाइट लेफ्टिनेंट मोहित कुमार गर्ग स्कूल ऑफ एमिनेंस समाना के छात्र अर्शदीप सिंह की कहानी दिल छूने वाली है. अर्शदीप ने जेईई (मेन्स) में शानदार 97.79 यानी लगभग 98 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं. वो अब जेईई (एडवांस्ड) परीक्षा में बैठने के लिए तैयार हैं. पंजाब के शिक्षा मंत्री ने गुरुवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में एक स्टूडेंट की कहानी साझा करते हुए पंजाब के सरकारी स्कूलों में शिक्षा के सुधरते स्तर पर बात की.
पटियाला जिले के एक छोटे से गांव का रहने वाला छात्र अर्शदीप एक सरकारी स्कूल में पढ़ता था. राज्य के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि राज्य के सरकारी स्कूलों के 260 विद्यार्थियों ने प्रतिष्ठित जेईई (मेन्स) परीक्षा पास की है, जो कि सरकारी स्कूलों में दी जा रही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की गवाही है. यह सफलता न केवल विद्यार्थियों की मेहनत का परिणाम है, बल्कि सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर में हो रहे सुधारों का भी प्रमाण है.
सरकारी स्कूलों में शिक्षा का सुधरता स्तर
पंजाब के शिक्षा मंत्री ने कहा कि यह सफलता सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किए गए सुधारों का नतीजा है. सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए पिछले कुछ वर्षों में कई ठोस कदम उठाए गए हैं. मंत्री ने यह भी बताया कि अब ये 260 विद्यार्थी जेईई (एडवांस्ड) परीक्षा में बैठेंगे और इसके लिए सरकार ने उनके लिए समर कैंप और मुफ्त कोचिंग कक्षाओं का आयोजन किया है.
उन्होंने बताया कि इन विद्यार्थियों के लिए एसएएस नगर में समर कैंप आयोजित किया गया है, जहां उन्हें जेईई (एडवांस्ड) परीक्षा की तैयारी के लिए मुफ्त कोचिंग दी जाएगी. इस पहल से इन विद्यार्थियों को उत्कृष्ट शिक्षा का अवसर मिलेगा, जिससे वे अपनी मेहनत और समर्पण के साथ इस चुनौतीपूर्ण परीक्षा में सफलता प्राप्त कर सकें. मंत्री ने इस कदम को पंजाब सरकार की शिक्षा सुधार योजना का हिस्सा बताया और कहा कि सरकार का उद्देश्य राज्य के प्रत्येक विद्यार्थी को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करना है.
विद्यार्थियों की कड़ी मेहनत का परिणाम
हरजोत सिंह बैंस ने इन विद्यार्थियों की सफलता को उनके अध्यापकों, माता-पिता और स्वयं विद्यार्थियों की कड़ी मेहनत का परिणाम बताया. उन्होंने कहा कि यह सफलता इन विद्यार्थियों की न केवल मेहनत, बल्कि उनके परिवारों की भी मेहनत का परिणाम है. उन्होंने विद्यार्थियों की यह सफलता उन परिवारों के लिए एक प्रेरणा बताया जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों के बावजूद अपने बच्चों को शिक्षा के लिए प्रेरित किया.
अर्शदीप सिंह की प्रेरक कहानी
इसी कड़ी में उन्होंने अर्शदीप की कहानी साझा करते हुए बताया कि अर्शदीप के पिता सुखविंदर सिंह की मृत्यु के बाद, उसकी मां सुनीता रानी ने एक स्थानीय प्राइवेट स्कूल में काम करके परिवार का पालन-पोषण किया. उनकी सालाना आय एक लाख से भी कम थी, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी. अपनी कठिनाईयों के बावजूद, उन्होंने अपने बेटे को शिक्षा और कड़ी मेहनत का महत्व सिखाया और आज अर्शदीप ने उस शिक्षा और मेहनत को अपने जीवन में लागू करके इस सफलता को प्राप्त किया है.
पेस प्रोग्राम से मिली मदद
उन्होंने बताया कि अर्शदीप की सफलता में शहीद फ्लाइट लेफ्टिनेंट मोहित कुमार गर्ग स्कूल ऑफ एमिनेंस और पंजाब सरकार के 'पेस' प्रोग्राम का अहम योगदान रहा. इस प्रोग्राम के तहत अर्शदीप को अकादमिक मार्गदर्शन तो मिला ही, साथ ही उसे बड़े सपने देखने और उन्हें साकार करने का हौसला भी मिला. मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि हमारी सरकार सरकारी स्कूलों के लिए बुनियादी ढांचे और संसाधनों को और बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है ताकि अधिक से अधिक विद्यार्थी सफलता की नई ऊंचाइयों तक पहुंच सकें. सरकार के इस प्रयास से न केवल सरकारी स्कूलों का स्तर बेहतर हुआ है, बल्कि विद्यार्थियों के लिए नए अवसर भी उत्पन्न हुए हैं.