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NEET एग्जाम से पहले कोटा में दूसरा स्टूडेंट सुसाइड, 1 साल और चाहता था दिल्ली का रोशन!

Kota Student Suicide News: रोशन के माता-पिता ने बताया कि वह तीन साल से नीट की तैयारी कर रहा था. 4 मई 2025 को होने वाली नीट-यूजी परीक्षा से कुछ हफ्ते पहले उसने कहा कि वह इस साल परीक्षा नहीं देगा और उसे एक साल और चाहिए. उसकी बहन से भी उसने फोन पर यही बात कही थी.

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कोटा में स्टूडेंट सुसाइड (सांकेतिक तस्वीर)
कोटा में स्टूडेंट सुसाइड (सांकेतिक तस्वीर)

दिल्ली के तुगलकाबाद के रोशन शर्मा (23) की कोटा में संदिग्ध आत्महत्या से मौत हो गई. गुरुवार तड़के उनका शव रेलवे ट्रैक के पास झाड़ियों में मिला. पुलिस की शुरुआती जांच में पता चला कि रोशन ने जहरीला पदार्थ खाया था. रोशन के पिता रंजीत शर्मा, जो बढ़ई का काम करते हैं, अस्पताल के शवगृह के बाहर बेटे के शव का इंतजार करते हुए रो पड़े.

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नीट परीक्षा से पहले मांगा एक साल का समय
रोशन के माता-पिता ने बताया कि वह तीन साल से नीट की तैयारी कर रहा था. 4 मई 2025 को होने वाली नीट-यूजी परीक्षा से कुछ हफ्ते पहले उसने कहा कि वह इस साल परीक्षा नहीं देगा और उसे एक साल और चाहिए. उसकी बहन से भी उसने फोन पर यही बात कही थी. रंजीत ने बताया कि रोशन पढ़ाई में अच्छा था और कोचिंग की टेस्ट में 550-600 अंक लाता था, लेकिन आत्महत्या का कारण समझ नहीं आया.

माता-पिता की कोशिश नाकाम
रंजीत और उनकी पत्नी 22 अप्रैल को रोशन को घर ले जाने कोटा आए थे, लेकिन उसने मना कर दिया. जब वह हॉस्टल में नहीं मिला, तो फोन पर बात हुई. रोशन ने कहा कि वह न परीक्षा देगा और न दिल्ली लौटेगा. माता-पिता उसका सामान लेकर लौट गए, उम्मीद थी कि वह आएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. वे लगातार उसे फोन कर घर बुलाते रहे.

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कोटा में बढ़ते आत्महत्या के मामले
यह कोटा में नीट एग्जाम से पहले यह दूसरी छात्र आत्महत्या है. 22 अप्रैल को बिहार के एक 18 साल के नीट छात्र ने हॉस्टल में फांसी लगाई थी. उसने नोट में लिखा कि उसकी आत्महत्या की वजह न परिवार है और न नीट है. जनवरी 2025 से कोटा में यह 12वीं आत्महत्या है. पिछले साल 17 छात्रों ने आत्महत्या की थी.

यह भी पढ़ें: 'मम्मी-पापा में सुसाइड कर रहा हूं, आपकी कोई गलती नहीं है...', कोटा में 18 साल के छात्र ने लगा ली फांसी

पुलिस जांच और कार्रवाई
कुन्हाड़ी थाने के सर्किल इंस्पेक्टर अरविंद भारद्वाज ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद शुक्रवार को शव परिवार को सौंप दिया गया. बीएनएसएस धारा 194 (ए) के तहत जांच शुरू की गई है. माता-पिता ने कोई आरोप नहीं लगाया है. कोटा में पढ़ाई का दबाव और परिवार की उम्मीदें अक्सर आत्महत्या का कारण बनती हैं.

पीटीआई इनपुट के साथ
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