हर शहर अपने पुराने इतिहास के साथ-साथ कहानियों के लिए जाना जाता है. कोई शहर अपनी खूबसूरती के लिए तो कई फेमस चीजों के लिए जाना जाता है. चंडीगढ़ अपने सेक्टर 13 की कहानियों के लिए बेहद मशहूर है.
करीब 54 साल के बाद चंडीगढ़ को सेक्टर 13 मिल गया है जो इस शहर से लंबे समय से मिसिंग था. लेकिन क्या आपने कभी ये सोचा है कि आखिर क्यों सेक्टर 13 को हर शहर के लोग कभी क्यों नहीं लेते हैं या इसके पीछे की वजह क्या है?
क्या है सेक्टर 13 न होने की वजह?
भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के सपनों का शहर चंडीगढ़ जब बना तो इसमें सेक्टर 13 नहीं था, जिसका सबसे बड़ा कारण है निर्माण करने वाले आर्किटेक्ट ली काबूर्जिए. उन्होंने निर्माण के दौरान किसी भी एरिया में सेक्टर 13 का नाम नहीं दिया क्योंकि वो इस नंबर को अशुभ मानते थे.
सरकार ने नाम बदलने का दिया आदेश
साल 2020 में चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से नोटिफिकेशन जारी किया. इसमें कहा गया कि यूटी के 8 अलग-अलग एरिया के नाम को बदला गया है जिसमें सेक्टर 13 को भी जोड़ा गया है. प्रशासन ने इसे सेक्टर 13 मनीमाजरा का नाम दिया.
लोगों ने जताई आपत्ति
जब सरकार की ओर से सेक्टर 13 के एड होने का प्रपोजल जनता के सामने रखा और इस मामले में सुझाव मांगे तो इसे लेकर लोगों ने खूब नाराजगी जाहिर की थी. लेकिन बावजूद इसके सरकार ने सेक्टर 13 के साथ मनीमाजरा नाम जोड़ दिया.
इन सेक्टर का भी हुआ निर्माण
जिस समय चंडीगढ़ में सेक्टर 13 का निर्माण हुआ उस समय ही सेक्टर 12 वेस्ट, 14 वेस्ट, 39 वेस्ट, 56 वेस्ट के साथ बिजनेस और इंडस्ट्रियल पार्क 1,2 और 3 भी मिले.
यहां पर भी नहीं है सेक्टर 13
बता दें कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा में भी सेक्टर 13 नहीं है. इसे न बसाने के पीछे इस अंक को अशुभ बताया गया है.