दुबई स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास ने घोषणा की है कि ग्लोबल पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम (GPSP 2.0) को 28 अक्टूबर 2025 से सभी पासपोर्ट सेवाओं के लिए लागू किया जाएगा. यह नया संस्करण पहले से कहीं ज्यादा आधुनिक और डिजिटल सुविधाओं से लैस है. आइए जानते हैं इसकी खासियतें.
ई-पासपोर्ट में होगी एम्बेडेड चिप
नए सिस्टम के तहत भारतीय नागरिकों को अब ई-पासपोर्ट जारी किए जाएंगे. इन पासपोर्ट्स में एक एम्बेडेड चिप होगी, जिसमें पासपोर्ट धारक की डिजिटल जानकारी सुरक्षित रहेगी. इससे इमिग्रेशन पॉइंट्स पर वेरिफिकेशन प्रक्रिया तेज और सरल हो जाएगी.
ऑटो-फिल ऑप्शन से आसान होगा आवेदन
खलीज टाइम्स के मुताबिक, नए सिस्टम में ऑटो-फिल ऑप्शन भी दिया गया है. जो लोग पासपोर्ट रिन्यू कराना चाहते हैं, वे केवल अपना पुराना पासपोर्ट नंबर डालेंगे और बाकी जानकारी सिस्टम अपने आप भर देगा. पूरी प्रक्रिया में सिर्फ दो मिनट लगेंगे.
ऑनलाइन दस्तावेज अपलोड करने की सुविधा
GPSP 2.0 के जरिए अब आवेदक अपने फोटो, सिग्नेचर और जरूरी दस्तावेज सीधे पासपोर्ट सेवा पोर्टल (PSP) पर अपलोड कर सकेंगे. यह फोटो अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) के मानकों के अनुरूप होना चाहिए. दूतावास ने सुझाव दिया है कि दस्तावेज ऑनलाइन अपलोड करें ताकि BLS इंटरनेशनल सेंटर पर प्रतीक्षा समय कम हो.
अब सुधार के लिए नहीं लगेगी अतिरिक्त फीस
नए सिस्टम में अगर आवेदन में कोई छोटी गलती रह जाए तो अब दोबारा फॉर्म भरने की जरूरत नहीं होगी. BLS इंटरनेशनल अपने स्तर पर ही त्रुटियों को ठीक कर सकेगा और इसके लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा. सेवा शुल्क और पासपोर्ट मिलने का समय पहले जैसा ही रहेगा.
पासपोर्ट का नया रूप और नंबर
नए ई-पासपोर्ट में अब दो अक्षर और नंबर होंगे, साथ ही इसमें सुनहरे रंग का RFID प्रतीक भी दिखाई देगा. जिन लोगों के पास पुराने पासपोर्ट हैं, उन्हें फिलहाल बदलाव की जरूरत नहीं है. वे अपनी समाप्ति तिथि तक मान्य रहेंगे.
यूएई में भारतीयों की बड़ी आबादी
यूएई में भारतीय समुदाय सबसे बड़ा प्रवासी समूह है, जो देश की कुल जनसंख्या का लगभग 35 प्रतिशत है. भारतीय दूतावास के अनुसार, यूएई में करीब 43 लाख भारतीय नागरिक रहते हैं. इनमें से अधिकतर नौकरीपेशा हैं, जबकि लगभग 10 प्रतिशत उनके आश्रित परिवारजन हैं.
यूएई में भारत के केरल राज्य के लोग सबसे बड़ी संख्या में रहते हैं. उनके बाद तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के लोग हैं. इसके अलावा उत्तर प्रदेश, बिहार और पंजाब जैसे राज्यों से भी बड़ी संख्या में भारतीय यहां बसे हुए हैं.
पासपोर्ट प्रक्रिया में डिजिटल क्रांति
GPSP 2.0 की शुरुआत के साथ भारतीय मिशन का लक्ष्य है कि पासपोर्ट प्रक्रिया को तेज, पारदर्शी और पूरी तरह डिजिटल बनाया जाए.ताकि प्रवासी भारतीयों के लिए दस्तावेजी कामकाज अब पहले से कहीं ज्यादा आसान और सुविधाजनक हो सके.