भारत-पाकिस्तान के डीजीएमओ (Director General Military Operations) के बीच बातचीत के बाद सीजफायर की घोषणा की गई. DGMO यानी महानिदेशक मिलिट्री ऑपरेशन सेना में एक अहम और जिम्मेदारी वाला पद होता है. डीजीएमओ के जिम्मे ही सारे सैन्य अभियान होते हैं.
सीजफायर को लेकर बातचीत में भारत की ओर से यहां के डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जेनरल राजीव घई शामिल थे. इस बातचीत के लिए पाकिस्तान के डीजीएमओ ने उनसे संपर्क किया था. ऐसे में जानते हैं कि वहां के डीजीएमओ कौन हैं, जिसने सीजफायर के लिए भारतीय अफसर से बात की.
कौन हैं पाकिस्तानी डीजीएमओ
पाकिस्तान की ओर से की जारी गोलीबारी सहित हर तरह के हमलों की जिम्मेदारी वहां के डीजीएमओ की है और उन्होंने ही सीजफायर के लिए भारत से बात भी की थी. मौजूदा समय में पाकिस्तान के DGMO मेजर जनरल काशिफ अब्दुल्लाह हैं. उन्होंने ही यहां के डीजीएमओ से बातचीत की थी और फिर सीजफायर की घोषणा की गई. लेकिन कुछ ही घंटों के बाद पाकिस्तान ने इसका उल्लंघन करना शुरू कर दिया.
DGMO के पास होती है सभी सैन्य अभियानों की जिम्मेदारी
डीजीएमओ का काम युद्ध या आतंकवाद विरोधी अभियानों व शांति स्थापना के लिए चल रहे मिशनों के लिए रणनीति तैयार करना होता है. साथ ही ये सेना की तीनों शाखाओं और विभिन्न एजेंसियों के बीच पुल का काम भी करते हैं.
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युद्ध शुरू होने से लेकर सीज फायर तक हर फैसले में होती है अहम भूमिका
डीजीएमओ ही सीमा से जुड़े मुद्दों, सैन्य अभियानों और अन्य समस्याओं का प्रबंधन करते हैं. इसलिए युद्ध शुरू होने से लेकर युद्ध विराम और संघर्ष को विस्तार देने और कम करने तक से जुड़े सारे फैसलों में उनकी अहम भूमिका होती है. इस वक्त भी सीज फायर के मुद्दे पर दोनों देशों के डीजीएमओ के बीच ही सबसे पहले संपर्क स्थापित होने की बात सामने आ रही है.