Doctors Shortage in UP: उत्तर प्रदेश डॉक्टरों की भारी कमी से जूझ रहा है. सरकारी अस्पतालों में तकरीबन साढ़े 8 हजार से अधिक डॉक्टरों की सख्त जरूरत है. बार-बार खाली पदों के भरने के आवेदन मांगे जा रहे हैं लेकिन डॉक्टर इसमें दिलचस्पी ही नहीं दिखा रहे हैं. ऐसे में अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी की वजह से मरीज बेहाल हैं.
जानकारी के मुताबिक, प्रदेश में सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी के चलते ऑनलाइन-ऑफलाइन आवेदन फॉर्म डॉक्टरों से भरवाए गए मगर डॉक्टरों के ज्वॉइन ना करने से 433 पद अभी भी खाली हैं. इन्हें भरने की जद्दोजहद जारी है लेकिन डॉक्टर दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं.
इससे पहले विशेषज्ञ डॉक्टरों के 1039 पदों पर भर्ती की गई थी लेकिन उसमें भी तकरीबन 230 डॉक्टर ने ज्वॉइन ही नहीं किया. अब फिर स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टरों की कमी चलते आवेदन दोबारा निकाले हैं. इसमें रिटायर्ड डॉक्टरों से आवेदन मांगे गए हैं. डॉक्टर ना मिलने की वजह से रिटायर्ड डॉक्टरों को दोबारा नौकरी करने के लिए आवेदन मांगे गए थे जिसमें HRA देने की भी व्यवस्था शासन के द्वारा की गई. इसके बावजूद भी रिटायर्ड डॉक्टर भी दोबारा ज्वाइन नहीं कर रहे हैं.
उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती में डॉक्टरों के 14 पद खाली हैं और आवेदन सिर्फ 4 ही आए हैं. वहीं, महोबा में 12, चित्रकूट में 13, हमीरपुर में 11, बलरामपुर में 10, मैनपुरी में 11, कासगंज में 12 और कन्नौज में 10 पद खाली हैं मगर इन जिलों में पदों की संख्या से कम आवेदन आए हैं.
स्वास्थ महानिदेशक लिली सिंह के मुताबिक, प्रदेश भर में 8 हजार से अधिक डॉक्टरों की कमी है, जिसको भरने में हम प्रयास कर रहे हैं. हमने आवेदन मांगे थे लेकिन आवेदन कम आए हैं. हमारी कोशिश है कि डॉक्टर आएं क्योंकि अस्पतालों में दिक्कत है. ज्यादातर डॉक्टर प्राइवेट ज्वाइन कर लेते हैं और सरकारी में कम रुचि दिखा रहे हैं क्योंकि यहां काम और प्रेशर ज्यादा है. अभी के लिए मौजूदा डॉक्टर्स डबल शिफ्ट में काम कर रहे हैं.