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NEET में 'कोटा फैक्ट्री' का दबदबा, 20% रजिस्ट्रेशन बढ़े, पासिंग रेशो में भी राजस्थान नंबर-1

NEET UG: देश के तीन सबसे बड़े राज्यों में नीट रजिस्ट्रेशन के मामले में राजस्थान का प्रदर्शन सबसे बेहतर रहा है. 2023 में महाराष्ट्र से 2,77,903 छात्रों ने नीट दी, जिनमें से 1,31,008 पास हुए. उत्तर प्रदेश में 2,73,572 छात्रों ने हिस्सा लिया, जिनमें से 1,39,961 पास हुए. वहीं, राजस्थान में 1,48,364 छात्रों में से 1,00,316 पास हुए. 2024 में भी यह रुझान बरकरार रहा.

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महाराष्ट्र और यूपी के मुकाबले राजस्थान का नीट पासिंग अनुपात सबसे ज्यादा रहता है. (सांकेतिक तस्वीर)
महाराष्ट्र और यूपी के मुकाबले राजस्थान का नीट पासिंग अनुपात सबसे ज्यादा रहता है. (सांकेतिक तस्वीर)

NEET UG 2025: राजस्थान में नीट (NEET) की तैयारी करने वाले छात्रों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. 2023 में जहां 1,48,364 छात्रों ने नीट के लिए पंजीकरण कराया था, वहीं 2024 में यह संख्या बढ़कर 1,78,756 हो गई. यानी 20% की वृद्धि हुई है. 2025 में भी इसी तरह की बढ़ोतरी की उम्मीद है. इस वृद्धि का मुख्य कारण कोटा के बड़े कोचिंग संस्थान हैं, जिनकी वजह से कोटा को भारत की कोचिंग राजधानी कहा जाता है.

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राजस्थान में सबसे ज्यादा पासिंग अनुपात
देश के तीन सबसे बड़े राज्यों में नीट पंजीकरण के मामले में राजस्थान का प्रदर्शन सबसे बेहतर रहा है. 2023 में महाराष्ट्र से 2,77,903 छात्रों ने नीट दी, जिनमें से 1,31,008 पास हुए. उत्तर प्रदेश में 2,73,572 छात्रों ने हिस्सा लिया, जिनमें से 1,39,961 पास हुए. वहीं, राजस्थान में 1,48,364 छात्रों में से 1,00,316 पास हुए. 2024 में भी यह रुझान बरकरार रहा. महाराष्ट्र में 2,82,051 में से 1,42,665, उत्तर प्रदेश में 3,44,599 में से 1,65,047 और राजस्थान में 1,78,756 में से 1,21,240 छात्र पास हुए. राजस्थान का पासिंग अनुपात इन राज्यों में सबसे ज़्यादा रहा.

एनटीए की पारदर्शी प्रणाली ने बढ़ाया भरोसा
मोशन एजुकेशन के संस्थापक और सीईओ नितिन विजय ने बताया कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से परीक्षा आयोजित कर छात्रों का भरोसा जीता है. एनटीए ने कई नए कदम उठाए हैं, जैसे- 

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उम्मीदवारों की पहली पसंद के परीक्षा केंद्रों को प्राथमिकता देना.  

90% केंद्र सरकारी संस्थानों जैसे केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय और राज्य द्वारा संचालित स्कूलों में रखना.  

केंद्रों की जियो-मैपिंग करना.  

राज्य और जिला स्तर पर समितियाँ बनाना.  

जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस जैसे स्थानीय अधिकारियों को केंद्रों की चयन और निगरानी प्रक्रिया में शामिल करना.

गलत सूचनाओं पर रोक के लिए कदम
एनटीए ने गलत सूचनाओं और धोखाधड़ी को रोकने के लिए भी कदम उठाए हैं. इसके लिए एक ऑनलाइन शिकायत निवारण पोर्टल शुरू किया गया है, ताकि छात्र अपनी समस्याएँ आसानी से बता सकें. नितिन विजय ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में परीक्षा आयोजित करना एनटीए के लिए चुनौतीपूर्ण है, लेकिन इन कदमों से प्रक्रिया में सुधार हुआ है.

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