DU Admission 2021: दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के कॉलेजों में एडमिशन के लिए छात्रों ने इस साल बीए (ऑनर्स) फिलॉसफी में रुचि दिखाई है. ऐसा पहली बार हुआ है जब डीयू की पहली कट ऑफ के बाद ही लगभग आधे कॉलेजों में इस पाठ्यक्रम की अनारक्षित श्रेणी में तकरीबन सभी सीटें भर चुकी हैं.
कॉलेज के प्राचार्यों और शिक्षक इस पाठ्यक्रम में बढ़ी लोकप्रियता की वजह कम कट-ऑफ को मान रहे हैं. कोविड महामारी के दौरान इस तरह के विषयों को ऑनलाइन पढ़ने में भी आसान माना जाता है. इसके अलावा यूपीएससी की तैयारी के लिए भी यह विषय काफी मुफीद माना जाता है.
पहली सूची में सीटें फुल
डीयू में इस कोर्स की पेशकश करने वाले 15 कॉलेजों में से सात ने पहली सूची में ही अनारक्षित श्रेणी के लिए अपनी सीटें भर दी हैं. इनमें न केवल मिरांडा हाउस जैसे प्रमुख कॉलेज शामिल हैं, जिसने कश्मीरी प्रवासियों, एसटी और ओबीसी श्रेणियों, हिंदू कॉलेज, लेडी श्री राम के लिए सीटें भरी हैं, बल्कि लक्ष्मीबाई कॉलेज और श्यामा प्रसाद मुखर्जी कॉलेज जैसे ऑफ-कैंपस भी शामिल हैं.
कॉलेज के प्राचार्यों और शिक्षक इस पाठ्यक्रम में बढ़ी लोकप्रियता की वजह कम कट-ऑफ को मान रहे हैं. कोविड महामारी के दौरान इस तरह के विषयों को ऑनलाइन पढ़ने में भी आसान माना जाता है. इसके अलावा यूपीएससी की तैयारी के लिए भी यह विषय काफी मुफीद माना जाता है.
डीयू में इस कोर्स की पेशकश करने वाले 15 कॉलेजों में से सात ने पहली सूची में ही अनारक्षित श्रेणी के लिए अपनी सीटें भर दी हैं. इनमें न केवल मिरांडा हाउस जैसे प्रमुख कॉलेज शामिल हैं, जिसने कश्मीरी प्रवासियों, एसटी और ओबीसी श्रेणियों, हिंदू कॉलेज, लेडी श्री राम के लिए सीटें भरी हैं, बल्कि लक्ष्मीबाई कॉलेज और श्यामा प्रसाद मुखर्जी कॉलेज जैसे ऑफ-कैंपस भी शामिल हैं.
मिरांडा हाउस की प्रिंसिपल डॉ बिजयलक्ष्मी नंदा ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा कि राजनीति विज्ञान (ऑनर्स) जैसे पाठ्यक्रम हाई परसेंट कट ऑफ पर तेजी से भरे जाते हैं. बीए (ऑनर्स) फिलॉसफी उन छात्रों के लिए एक विकल्प है, जिनके अंक थोड़े कम हैं, 95-98 प्रतिशत की सीमा में भी इसके जरिये एक अच्छे कॉलेज में प्रवेश कर सकते हैं. वैसे भी यह एक ऐसा विषय है जिसे आप पहले अध्ययन न करने के बावजूद चुन सकते हैं.