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ईरान पर हमले के बाद अब क्या वर्ल्ड वॉर की ओर बढ़ेगी दुनिया? सबकुछ रूस और चीन के रुख से होगा तय

ईरान पर हमले के बाद वर्ल्ड वॉर की संभावना बढ़ी है, लेकिन यह रूस और चीन के अगले कदम पर निर्भर करेगा. अगर ये देश ईरान को सैन्य समर्थन देते हैं, तो अमेरिका और नाटो के साथ टकराव हो सकता है. अगले 72 घंटे महत्वपूर्ण हैं. शांति की कोशिशें जारी हैं, लेकिन तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा.

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चीन और रूस तय करेंगे कि ईरान-इजरायल की लड़ाई वर्ल्ड वॉर की ओर बढ़ेगी या नहीं. (फाइल फोटोः AFP/AP/Reuters)
चीन और रूस तय करेंगे कि ईरान-इजरायल की लड़ाई वर्ल्ड वॉर की ओर बढ़ेगी या नहीं. (फाइल फोटोः AFP/AP/Reuters)

मध्य पूर्व में इज़रायल और ईरान के बीच तनाव अपने चरम पर है. 13 जून 2025 को इज़रायल ने ईरान के नतांज परमाणु संयंत्र और अन्य सैन्य ठिकानों पर हमला किया, जिसमें कई वैज्ञानिक और अधिकारी मारे गए. इसके जवाब में ईरान ने इज़राइल पर 100 शाहेद-136 ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइलें दागी. 

अब सवाल उठ रहा है कि क्या यह घटना तीसरे विश्व युद्ध (वर्ल्ड वॉर) की शुरुआत बन सकती है? विशेषज्ञों का मानना है कि इसका फैसला रूस और चीन जैसे देशों के रुख पर निर्भर करेगा. 

हालिया घटनाएं: तनाव का बढ़ता ग्राफ

इज़रायल का हमला (13 जून 2025): इज़रायल ने नतांज पर बंकर-बस्टर बमों से हमला किया, जिसमें 6 परमाणु वैज्ञानिक मारे गए. इस हमले से ईरान का परमाणु कार्यक्रम 1-2 साल पीछे हो सकता है. ईरान ने इसे आतंकवादी हमला करार दिया.

यह भी पढ़ें: ज्यादा, "ईरान के पास मिसाइलें ज्यादा, तो इजरायल का एयर डिफेंस शानदार... जानिए कौन किसपर भारी?

World War 3 Israel Iran conflict

ईरान का जवाबी हमला: ईरान ने 100 शाहेद-136 ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइलें इज़रायल पर दागीं. जॉर्डन और इज़रायली वायु सेना ने इनमें से कई को नष्ट कर दिया, लेकिन कुछ ड्रोन और मिसाइलें तेल अवीव पर गिरी भी हैं. 

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मानव और आर्थिक नुकसान: ईरान में 500-700 लोग मारे गए. 5-10 अरब डॉलर की संपत्ति नष्ट हुई. इज़रायल में अभी तक कोई बड़ी हानि की खबर नहीं, लेकिन ईरान के हमलों से तनाव बढ़ा. 

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया: अमेरिका ने इज़रायल का समर्थन किया, जबकि रूस और चीन ने ईरान के पक्ष में बयान दिए. संयुक्त राष्ट्र में आपात बैठक बुलाई गई है.

यह भी पढ़ें: सेंट्रीफ्यूज एक्सपर्ट, "कोई सेंट्रीफ्यूज एक्सपर्ट, कोई रिएक्टर डिजाइनर... कौन हैं इजरायली हमले में मारे गए 6 ईरानी न्यूक्लियर साइंटिस्ट्स?

वर्ल्ड वॉर की संभावना: क्या सच हो सकता है?

विश्व युद्ध तब शुरू होता है जब कई देश एक साथ युद्ध में शामिल हो जाएं. मौजूदा स्थिति में... 

  • ईरान और इज़रायल: दोनों देशों के बीच सीधा टकराव बढ़ रहा है. अगर ईरान अपने ड्रोन हमले को तेज करता है या इज़रायल फिर से बड़े पैमाने पर हमला करता है, तो यह संघर्ष फैल सकता है.
  • अमेरिका और नाटो: अमेरिका इज़रायल का प्रमुख सहयोगी है. मध्य पूर्व में 40000 सैनिक तैनात हैं. अगर ईरान पर और हमले होते हैं, तो अमेरिका शामिल हो सकता है, जो नाटो को भी खींच सकता है.

World War 3 Israel Iran conflict

  • रूस और चीन: ये देश ईरान के करीबी सहयोगी हैं. अगर वे सैन्य सहायता देते हैं, तो यह युद्ध बड़े स्तर पर जा सकता है.

विशेषज्ञों का कहना है कि अगर अगले 72 घंटे में स्थिति नियंत्रण से बाहर हुई, तो वर्ल्ड वॉर की संभावना 30-40% हो सकती है.

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रूस का रुख: ईरान का मजबूत समर्थक

पिछला रुख: रूस ने 13 जून 2025 को इज़रायल के हमले की निंदा की और कहा कि यह "अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन" है. क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने चेतावनी दी कि इससे पूर्ण युद्ध हो सकता है.

यह भी पढ़ें: शाहेद-136... ईरान ने जो 100 ड्रोन इजरायल पर दागे हैं वो कितने पावरफुल? पहुंचने में ही लग जाएंगे कई घंटे

सैन्य सहायता: रूस ने ईरान को एस-300 वायु रक्षा प्रणाली दी है. यूक्रेन युद्ध में शाहेद-136 ड्रोन का इस्तेमाल किया है. अगर रूस ईरान को और हथियार या सैनिक भेजता है, तो यह संघर्ष को बढ़ा सकता है.

रणनीति: रूस मध्य पूर्व में अमेरिका के प्रभाव को कम करना चाहता है. ईरान का समर्थन उसे यह मौका दे सकता है.

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चीन का रुख: आर्थिक और कूटनीतिक दबाव

पिछला रुख: चीन ने ईरान के साथ 400 अरब डॉलर का ऊर्जा समझौता किया है. इसे "रणनीतिक साझेदार" माना है. उसने इज़रायल के हमले को "अस्थिरता फैलाने वाला" बताया.

सैन्य सहायता: अभी तक चीन ने सैन्य हस्तक्षेप से इनकार किया है, लेकिन वह ईरान को आर्थिक सहायता दे सकता है, जो युद्ध को लंबा खींच सकता है.

रणनीति: चीन मध्य पूर्व में अपने तेल और गैस हितों को सुरक्षित रखना चाहता है. अगर इज़राइल-अमेरिका गठबंधन मजबूत हुआ, तो चीन ईरान के साथ खड़ा हो सकता है.

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अन्य देशों की भूमिका

  • जॉर्डन और अरब देश: जॉर्डन ने ईरान के ड्रोन को रोकने में मदद की, लेकिन सऊदी अरब और यूएई तटस्थ रहना चाहते हैं.
  • तुर्की: तुर्की ने मध्यस्थता की पेशकश की, लेकिन इज़राइल के साथ उसके रिश्ते तनावपूर्ण हैं.
  • भारत: भारत ने शांति की अपील की है. अपने नागरिकों को मध्य पूर्व से लौटने की सलाह दी है.

वर्ल्ड वॉर को रोकने का प्रयास

अंतरराष्ट्रीय दबाव: संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ शांति वार्ता के लिए दबाव बना रहे हैं.

आर्थिक जोखिम: युद्ध से तेल की कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर जा सकती हैं, जो वैश्विक अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाएगा.

परमाणु खतरा: अगर ईरान परमाणु हथियार का इस्तेमाल करता है, तो यह तबाही ला सकता है, लेकिन ऐसा होने की संभावना कम है.

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