ईरान और इज़रायल के बीच 2025 में चल रहे तनाव और युद्ध ने वैश्विक चिंता बढ़ा दी है. ईरान के फोर्डो परमाणु स्थल को नष्ट करने की चर्चा ने जोर पकड़ा है, जो 80 मीटर गहरी चट्टानों के नीचे बना है. अमेरिका के पास GBU-57 मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर (MOP) जैसे शक्तिशाली बंकर-बस्टर बम हैं, लेकिन विशेषज्ञों को संदेह है कि क्या यह फोर्डो जैसे गहरे परमाणु ठिकानों को पूरी तरह नष्ट कर सकता है?
इस स्थिति में कुछ लोग सामरिक परमाणु हथियारों (जैसे B61-12) के इस्तेमाल की बात कर रहे हैं, जो तकनीकी रूप से संभव है, लेकिन इसके परिणाम इतने भयावह होंगे कि यह लगभग अकल्पनीय है.
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ईरान का फोर्डो परमाणु स्थल क्या है?
फोर्डो ईरान का एक गुप्त परमाणु संवर्धन स्थल है, जो क़ोम शहर के पास एक पहाड़ के नीचे 80 मीटर की गहराई में बनाया गया है. यह स्थल 2009 में दुनिया के सामने आया था, जब पश्चिमी खुफिया एजेंसियों ने इसका खुलासा किया. फोर्डो को विशेष रूप से इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि यह पारंपरिक बम हमलों से सुरक्षित रहे.
GBU-57 MOP बम क्या है?
GBU-57 मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर (MOP) अमेरिका का सबसे शक्तिशाली गैर-परमाणु बंकर-बस्टर बम है, जिसे विशेष रूप से गहरे बंकरों और सुरक्षित ठिकानों को नष्ट करने के लिए बनाया गया है. इसे बोइंग ने विकसित किया और यह 2009 में पहली बार तैनात हुआ.
GBU-57 MOP की विशेषताएं
क्या GBU-57 फोर्डो को नष्ट कर सकता है?
GBU-57 MOP को 60 मीटर गहरे कंक्रीट या 25 मीटर चट्टान को भेदने के लिए डिज़ाइन किया गया है. लेकिन फोर्डो की 80-90 मीटर गहराई इसे MOP की पहुंच से बाहर रखती है. विशेषज्ञों के अनुसार...
सीमित प्रभाव: MOP फोर्डो की सतह को नुकसान पहुंचा सकता है, जैसे कि प्रवेश द्वार या बाहरी संरचनाएं. लेकिन यह सेंट्रीफ्यूज जैसे महत्वपूर्ण उपकरणों तक नहीं पहुंच सकता, जो गहरे बंकरों में हैं.
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एक से अधिक हमले: कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि कई MOP बमों को एक ही स्थान पर दागने से चट्टानें ढह सकती हैं, लेकिन इसके लिए कई B-2 बॉम्बर और सटीक हमलों की जरूरत होगी.
ईरान की रक्षा: फोर्डो के आसपास हवाई रक्षा प्रणालियां (जैसे रूस निर्मित S-300) तैनात हैं, जो B-2 बॉम्बर को निशाना बना सकती हैं. हालांकि, हाल के इज़रायली हमलों ने ईरान की हवाई रक्षा को कमजोर किया है.
संदेह: 2023 में सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज़ (CSIS) की एक रिपोर्ट में कहा गया कि MOP फोर्डो को पूरी तरह नष्ट करने में असमर्थ हो सकता है, क्योंकि इसकी गहराई और रीनफोर्स्ड संरचना इसे अभेद्य बनाती है.
सामरिक परमाणु हथियारों का सवाल: B61-12
जब पारंपरिक बम जैसे GBU-57 MOP अपर्याप्त लगते हैं, तो कुछ विशेषज्ञ सामरिक परमाणु हथियारों (Tactical Nuclear Weapons) की बात करते हैं. अमेरिका के पास B61-12 परमाणु बम है, जो गहरे बंकरों को नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है.
B61-12 की विशेषताएं
क्या B61-12 फोर्डो को नष्ट कर सकता है?
तकनीकी संभावना: B61-12 की कम विस्फोटक शक्ति (0.3-5 किलोटन) को गहरे बंकरों को ढहाने के लिए डिज़ाइन किया गया है. यह चट्टानों में गहराई तक प्रवेश कर सकता है. परमाणु विस्फोट से उत्पन्न भारी दबाव और गर्मी से फोर्डो जैसे ठिकानों को नष्ट कर सकता है.
सीमाएंः फिर भी, फोर्डो की 80 मीटर गहराई B61-12 की पेनेट्रेशन सीमा से अधिक हो सकती है. इसके लिए एक से अधिक बमों की जरूरत पड़ सकती है.
सैन्य चुनौतियां: ईरान की हवाई रक्षा और इज़राइल के हाल के हमलों ने फोर्डो की सुरक्षा को कमजोर किया है, लेकिन स्टील्थ विमानों को भी जोखिम हो सकता है.
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सामरिक परमाणु हथियारों के इस्तेमाल के परिणाम
सामरिक परमाणु हथियारों का इस्तेमाल तकनीकी रूप से संभव है, लेकिन इसके परिणाम इतने गंभीर होंगे कि यह लगभग अकल्पनीय है.
वैश्विक निंदा और अलगाव
अगर अमेरिका फोर्डो पर परमाणु बम का इस्तेमाल करता है, तो उसे संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भारी निंदा का सामना करना पड़ेगा. रूस, चीन और यूरोपीय देश इसे युद्ध अपराध मान सकते हैं. अमेरिका का वैश्विक नेतृत्व कमजोर हो सकता है. उसके सहयोगी देश (जैसे नाटो) भी इसका विरोध कर सकते हैं.
मानवीय आपदा
परमाणु विस्फोट से निकलने वाला रेडियोधर्मी फॉलआउट क़ोम शहर और आसपास के क्षेत्रों में हजारों लोगों को प्रभावित करेगा. लंबे समय तक कैंसर और अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ेगा. पर्यावरण को भी भारी नुकसान होगा, क्योंकि रेडियोधर्मी कण हवा और पानी को दूषित करेंगे.
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परमाणु हथियारों की दौड़
अमेरिका का परमाणु हथियारों का इस्तेमाल रूस, चीन और उत्तर कोरिया जैसे देशों को अपने परमाणु हथियार बढ़ाने के लिए प्रेरित करेगा. इससे वैश्विक परमाणु हथियारों की दौड़ शुरू हो सकती है. ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम को और तेज कर सकता है, जिससे मध्य पूर्व में और अस्थिरता बढ़ेगी.
क्षेत्रीय युद्ध का खतरा
ईरान जवाबी कार्रवाई कर सकता है, जैसे कि अपने प्रॉक्सी समूहों (हिजबुल्लाह, हूती) के जरिए इज़रायल और अमेरिकी ठिकानों पर हमले। यह पूरे मध्य पूर्व में युद्ध को और भड़का सकता है.