मई 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर पहुंच गया, जब पाकिस्तान ने 7-8 मई की रात को भारत के उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्रों में 15 सैन्य ठिकानों पर ड्रोन और मिसाइल हमले किए. इस हमले का जवाब देते हुएभारतीय वायु सेना के एकीकृत वायु रक्षा तंत्र (Integrated Air Defence System) ने न केवल इन हमलों को विफल किया.
पाकिस्तान की वायु रक्षा प्रणालियों को भी तबाह कर दिया. कैसे आईएएफ के एकीकृत वायु रक्षा तंत्र ने पाकिस्तानी हमले को नाकाम किया और लाहौर में पाकिस्तानी वायु रक्षा प्रणाली को नष्ट कर एक मजबूत संदेश दिया.
पाकिस्तानी हमले का परिदृश्य
7-8 मई 2025 की रात, पाकिस्तान ने भारत के महत्वपूर्ण सैन्य ठिकानों, जैसे श्रीनगर, जम्मू, पठानकोट, अमृतसर, कपूरथला, जालंधर, लुधियाना, आदमपुर, भटिंडा, चंडीगढ़, नाल, फलोदी, उत्तरलाई, अवंतिपुर और भुज को निशाना बनाया.
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इन हमलों में ड्रोन, मिसाइल और संभवतः लड़ाकू विमान जैसे एफ-16 और जेएफ-17 का उपयोग किया गया. यह हमला भारत के ऑपरेशन सिंदूर के जवाब में था, जिसमें भारत ने 7 मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक मिसाइल हमले किए थे.
पाकिस्तान का उद्देश्य भारत के सैन्य बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाना और क्षेत्र में तनाव को बढ़ाना था. हालांकि, भारतीय वायु सेना के एकीकृत वायु रक्षा तंत्र ने इस हमले को पूरी तरह से नाकाम कर दिया, जिससे भारत को कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ. इसके जवाब में भारत ने लाहौर में पाकिस्तानी वायु रक्षा प्रणाली को नष्ट कर दिया, जिससे पाकिस्तान को भारी झटका लगा.
एकीकृत वायु रक्षा तंत्र की संरचना
भारत का एकीकृत वायु रक्षा तंत्र एक बहु-स्तरीय अत्याधुनिक प्रणाली है, जो विभिन्न रेंज और क्षमताओं वाली प्रणालियों को एकीकृत करती है. इसका संचालन एकीकृत वायु कमांड और कंट्रोल सिस्टम (IACCS) के माध्यम से होता है, जो रडार, सेंसर और हथियार प्रणालियों को एक डिजिटल नेटवर्क (AFNET) के जरिए जोड़ता है. यह तंत्र वास्तविक समय में खतरे की पहचान, ट्रैकिंग और निष्प्रभावीकरण को सुनिश्चित करता है...
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एस-400 (सुदर्शन चक्र)
बराक-8 (MR-SAM)
आकाश मिसाइल प्रणाली
स्पाइडर (SPYDER)
ज़ु-23-2 और अन्य शॉर्ट-रेंज सिस्टम
एकीकृत काउंटर-यूएएस ग्रिड (C-UAS)
विशेषताएं: यह ड्रोन और लोइटरिंग मुनिशन को ट्रैक और नष्ट करने के लिए रडार, जैमर और डायरेक्टेड-एनर्जी हथियारों का उपयोग करता है.
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पाकिस्तानी हमले में तंत्र की भूमिका
पाकिस्तान के हमले के दौरान, भारतीय वायु रक्षा तंत्र ने अपनी प्रभावशीलता को साबित किया. इसकी प्रमुख भूमिकाएं निम्नलिखित थीं...
वास्तविक समय में खतरे की पहचान
IACCS ने हाई-स्पीड ऑप्टिक फाइबर नेटवर्क के माध्यम से रडार और सेंसर डेटा को एकीकृत किया, जिससे पाकिस्तानी ड्रोन, मिसाइल, और विमानों की गतिविधियों को तुरंत ट्रैक किया गया. जम्मू, श्रीनगर और पठानकोट जैसे क्षेत्रों में रडार ने 1,800 किमी के हवाई क्षेत्र में खतरे की पहचान की.
मल्टी-लेयर इंटरसेप्शन:
A Stern Warning Delivered❗️
— PIB India (@PIB_India) May 12, 2025
A Line Redrawn❗️
The Director General Military Operations of all three services; Indian Army, Navy, and Air Force come together to brief the nation on #OperationSindoor
Watch the bold, clear message from our military leadership!📽️@MIB_India… pic.twitter.com/FRcUdXUJ2c
कोई नुकसान नहीं
भारतीय रक्षा मंत्रालय ने पुष्टि की कि पाकिस्तानी हमले में कोई नुकसान नहीं हुआ. सभी लक्ष्य, जैसे जम्मू, पठानकोट और उधमपुर के सैन्य ठिकाने सुरक्षित रहे.
जवाबी हमला
8 मई की सुबह, भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान में कई वायु रक्षा रडार और प्रणालियों को निशाना बनाया. लाहौर में एक प्रमुख वायु रक्षा प्रणाली को इज़राइली हार्पी ड्रोन और संभवतः एस-400 मिसाइलों द्वारा नष्ट किया गया. यह हमला इतना सटीक था कि लाहौर के कैंटोनमेंट क्षेत्र में हड़कंप मच गया. स्थानीय हवाई अड्डों पर उड़ानें निलंबित कर दी गईं.
ऑपरेशन सिंदूर और तंत्र की भूमिका
ऑपरेशन सिंदूर, जो 7 मई को शुरू हुआ, पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर भारत का जवाबी हमला था. इस ऑपरेशन के बाद पाकिस्तान ने सैन्य ठिकानों पर हमला करके तनाव बढ़ाने की कोशिश की. हालांकि, भारतीय वायु रक्षा तंत्र की तत्परता ने निम्नलिखित तरीकों से तबाही मचाई...
पाकिस्तानी रणनीति को विफल करना: पाकिस्तान ने ड्रोन झुंडों और मिसाइलों का उपयोग कर भारत को आश्चर्यचकित करने की कोशिश की, लेकिन IACCS की वास्तविक समय की ट्रैकिंग ने इसे असंभव बना दिया. पाकिस्तान के 25 से अधिक ड्रोन और मिसाइलें नष्ट की गईं, जिनके मलबे को जम्मू, भुज, और अन्य क्षेत्रों से बरामद किया गया.
लाहौर में वायु रक्षा प्रणाली का विनाश: भारतीय जवाबी हमले में इज़राइली हार्पी ड्रोन, जो उच्च-मूल्य लक्ष्यों को नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं, ने लाहौर में पाकिस्तानी रडार और वायु रक्षा प्रणालियों को नष्ट किया. यह हमला पाकिस्तान की वायु रक्षा क्षमता के लिए एक बड़ा झटका था, क्योंकि लाहौर एक महत्वपूर्ण सैन्य केंद्र है.
मनोवैज्ञानिक प्रभाव: लाहौर में हमले के बाद, स्थानीय लोगों में दहशत फैल गई. वायरल वीडियो में लोग सड़कों पर घबराए हुए दिखे. पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने दावा किया कि उन्होंने 25 भारतीय ड्रोन मार गिराए, लेकिन भारतीय सूत्रों ने इसे खारिज करते हुए कहा कि पाकिस्तान को भारी नुकसान हुआ.
तकनीकी और रणनीतिक श्रेष्ठता
भारतीय वायु रक्षा तंत्र की सफलता के पीछे निम्नलिखित कारक थे...
एकीकरण और समन्वय: IACCS ने विभिन्न प्रणालियों, जैसे एस-400, आकाश और बराक-8, को एकीकृत कर त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित की. यह नेटवर्क-सेंट्रिक दृष्टिकोण भारत को पाकिस्तान की तुलना में तकनीकी रूप से श्रेष्ठ बनाता है, जिसकी वायु रक्षा प्रणाली (एचक्यू-9 और स्पाडा) कम एकीकृत है.
स्वदेशी और आयातित प्रणालियों का मिश्रण: आकाश और आकाशतीर जैसे स्वदेशी सिस्टम ने डीआरडीओ की तकनीकी क्षमता को प्रदर्शित किया. आयातित प्रणालियां, जैसे एस-400 और स्पाइडर, ने भारत को बहु-आयामी खतरों से निपटने की क्षमता प्रदान की.
रणनीतिक संयम
भारत ने अपने जवाब को "समान डोमेन और समान तीव्रता" तक सीमित रखा, जिससे व्यापक युद्ध से बचा गया. रक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि भारत गैर-वृद्धिकारी रुख अपनाएगा, बशर्ते पाकिस्तान इसका सम्मान करे.
पाकिस्तान की तुलना में भारत की श्रेष्ठता
पाकिस्तान की वायु रक्षा प्रणाली, जो मुख्य रूप से चीनी एचक्यू-9 (125 किमी रेंज) और फ्रांसीसी स्पाडा (20-25 किमी रेंज) पर आधारित है, भारत के एकीकृत तंत्र की तुलना में कम प्रभावी है. भारत का एस-400, 400 किमी की रेंज और मल्टी-टारगेट ट्रैकिंग के साथ, एचक्यू-9 से कहीं अधिक उन्नत है. इसके अलावा, भारत का C-UAS ग्रिड ड्रोन हमलों के खिलाफ विशेष रूप से प्रभावी साबित हुआ, जबकि पाकिस्तान की प्रणाली इस तरह के झुंड हमलों से निपटने में कमजोर थी.