इज़रायल और ईरान के बीच हाल के वर्षों में तनाव बढ़ता जा रहा है. 2025 में यह तनाव एक खुले युद्ध के रूप में सामने आया है. दोनों देश मध्य पूर्व के दो शक्तिशाली राष्ट्र हैं. उनकी सैन्य क्षमताएं, विशेष रूप से हथियार और मिसाइल उत्पादन, इस युद्ध के परिणाम को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं.
इस स्टोरी में इज़रायल के हथियार उत्पादन की स्थिति, युद्ध की मांगों को पूरा करने की उसकी क्षमता और ईरान की सैन्य ताकत के साथ तुलना करेंगे. हम यह भी विश्लेषण करेंगे कि क्या हथियारों की कमी इज़रायल के युद्ध प्रयासों को प्रभावित कर सकती है?
इज़रायल की हथियार और मिसाइल उत्पादन क्षमता
इज़रायल एक तकनीकी रूप से उन्नत देश है, जो अपनी रक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए स्वदेशी हथियार उत्पादन पर बहुत अधिक निर्भर करता है. इज़रायल की रक्षा उद्योग दुनिया के सबसे विकसित उद्योगों में से एक है, और यहां कई प्रमुख कंपनियां जैसे इज़रायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (IAI), राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम्स और एल्बिट सिस्टम्स हथियारों और रक्षा प्रणालियों का निर्माण करती हैं.
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इज़रायल द्वारा निर्मित प्रमुख हथियार और मिसाइलें
मिसाइल रक्षा प्रणालियां
आयरन डोम: यह इज़रायल की सबसे प्रसिद्ध मिसाइल रक्षा प्रणाली है, जो छोटी दूरी की मिसाइलों और रॉकेट्स को रोकने में सक्षम है. यह प्रणाली 90% से अधिक सफलता दर के साथ काम करती है.
एरो मिसाइल डिफेंस सिस्टम: यह मध्यम और लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों को रोकने के लिए डिज़ाइन की गई है. यह प्रणाली ईरान जैसे देशों की लंबी दूरी की मिसाइलों के खिलाफ महत्वपूर्ण है.
डेविड्स स्लिंग: मध्यम दूरी की मिसाइलों और ड्रोनों को नष्ट करने के लिए उपयोग की जाती है.
आक्रामक मिसाइलें
जेरीको मिसाइलें: इज़राइल की लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें, जो परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम मानी जाती हैं, हालांकि इज़रायल आधिकारिक तौर पर परमाणु हथियारों की मौजूदगी की पुष्टि नहीं करता.
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LORA (लॉन्ग रेंज आर्टिलरी): यह एक सटीक, लंबी दूरी की मिसाइल है, जो सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने में उपयोगी है.
ड्रोन और साइबर हथियार
इज़रायल ड्रोन निर्माण में अग्रणी है, जैसे कि हर्मीस और हैरॉप ड्रोन, जो निगरानी और हमले दोनों के लिए उपयोग किए जाते हैं. साइबर युद्ध में इज़रायल की क्षमता भी उल्लेखनीय है, जिसका उपयोग दुश्मन की रक्षा प्रणालियों को कमजोर करने के लिए किया जाता है.
अन्य हथियार: इज़राइल छोटे हथियारों (जैसे उज़ी और तवोर राइफल), टैंक (मर्कवा) और नौसैनिक युद्धपोतों का भी निर्माण करता है.
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उत्पादन की मात्रा
इज़रायल की हथियार उत्पादन क्षमता के बारे में सटीक आंकड़े सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं हैं, क्योंकि यह एक रणनीतिक मामला है. हालांकि, यह अनुमान है कि इज़रायल प्रतिदिन सीमित संख्या में मिसाइल इंटरसेप्टर (जैसे आयरन डोम और एरो के लिए) का उत्पादन करता है. इज़रायल की मिसाइल रक्षा प्रणालियों के लिए इंटरसेप्टर की मांग बढ़ रही है, क्योंकि ईरान द्वारा दागी जा रही मिसाइलों की संख्या काफी अधिक है.
क्या इज़रायल युद्ध की मांगों को पूरा कर सकता है?
2025 में इज़रायल और ईरान के बीच चल रहे युद्ध ने इज़रायल की रक्षा प्रणालियों पर भारी दबाव डाला है. कुछ प्रमुख बिंदु इस संदर्भ में विचार करने योग्य हैं...
इंटरसेप्टर की कमी का खतरा
इज़रायल के पास एरो मिसाइल इंटरसेप्टर की कमी हो सकती है, क्योंकि वह ईरान की बैलिस्टिक मिसाइलों को रोकने के लिए इनका तेजी से उपयोग कर रहा है. एक मिसाइल को रोकने के लिए कई इंटरसेप्टर की आवश्यकता हो सकती है, जिससे स्टॉक तेजी से कम हो रहा है.
वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इज़रायल अपने इंटरसेप्टर तेजी से उपयोग कर रहा है. उसकी उत्पादन क्षमता इस गति को बनाए रखने में सक्षम नहीं हो सकती.
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अमेरिकी समर्थन
इज़रायल को संयुक्त राज्य अमेरिका से भारी सैन्य सहायता मिलती है, जिसमें मिसाइल इंटरसेप्टर और अन्य हथियार शामिल हैं. यह सहायता कमी को कुछ हद तक कम कर सकती है, लेकिन अगर युद्ध लंबा खिंचता है, तो आपूर्ति श्रृंखला पर दबाव बढ़ सकता है.
आर्थिक प्रभाव
युद्ध के पहले दो दिनों में ही इज़राइल को 5.5 बिलियन शेकेल (लगभग 1.45 बिलियन डॉलर) का खर्च आया है. लंबे समय तक युद्ध जारी रहने से इज़राइल की अर्थव्यवस्था पर दबाव पड़ सकता है, जिससे हथियार उत्पादन प्रभावित हो सकता है.
ईरान की हथियार और मिसाइल उत्पादन क्षमता
ईरान की सैन्य रणनीति इज़रायल से बहुत अलग है. यह मुख्य रूप से बैलिस्टिक मिसाइलों, ड्रोनों और क्षेत्रीय प्रॉक्सी समूहों (जैसे हिजबुल्लाह और हूती) पर निर्भर करता है.
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ईरान द्वारा निर्मित प्रमुख हथियार और मिसाइलें
बैलिस्टिक मिसाइलेंः ईरान के पास मध्य पूर्व में सबसे बड़ा और विविध बैलिस्टिक मिसाइल भंडार है. इसमें खैबर शेकन जैसी मिसाइलें शामिल हैं, जो उड़ान के दौरान अपनी दिशा बदल सकती हैं. युद्ध शुरू होने से पहले ईरान के पास लगभग 2,000 बैलिस्टिक मिसाइलें थीं, जिनमें से एक तिहाई से आधी अब तक उपयोग की जा चुकी हैं या इज़रायल द्वारा नष्ट की गई हैं.
ड्रोन: ईरान सस्ते और प्रभावी ड्रोनों का उत्पादन करता है, जैसे शाहेद-136, जो इज़राइल और अन्य देशों के खिलाफ हमलों में उपयोग किए गए हैं.
परमाणु कार्यक्रम: ईरान का परमाणु कार्यक्रम विवादास्पद है. वह 60% तक यूरेनियम संवर्धन करने में सक्षम है, जो हथियार-ग्रेड स्तर (90%) से थोड़ा कम है. इज़रायल ने हाल ही में ईरान के सेंट्रीफ्यूज उत्पादन सुविधाओं को निशाना बनाया है, जिससे उसकी परमाणु क्षमता को झटका लगा है.
हवाई रक्षा प्रणालियां: ईरान की हवाई रक्षा प्रणालियां इज़रायल की तुलना में कम प्रभावी हैं. इज़रायल ने युद्ध के पहले कुछ दिनों में ईरान की 120 हवाई रक्षा प्रणालियों को नष्ट कर दिया, जो उसकी कुल प्रणालियों का लगभग एक तिहाई है.
ईरान की उत्पादन क्षमता
ईरान की मिसाइल और ड्रोन उत्पादन क्षमता उल्लेखनीय है, लेकिन उसकी मिसाइलों की सटीकता और गुणवत्ता इज़रायल की तुलना में कम है. ईरान सस्ते और बड़ी संख्या में हथियारों का उत्पादन करता है, जिससे वह लंबे समय तक हमले जारी रख सकता है. हालांकि, इज़रायल की हवाई श्रेष्ठता और सटीक हमलों ने ईरान के हथियार उत्पादन केंद्रों को नुकसान पहुंचाया है, जिससे उसकी क्षमता सीमित हो सकती है.
हथियारों की कमी का युद्ध पर प्रभाव
इज़राइल
ईरान