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वायुमंडल के ऊपर से आती है ये ईरानी मिसाइल... पहले वार में ही इजरायल को कर दिया बेहाल

ईरान ने 19 जून 2025 को इज़रायल पर सेजिल मिसाइल दागी, जो दो-चरण वाली ठोस ईंधन बैलिस्टिक मिसाइल है. इसकी रेंज 2,000 किमी और वारहेड 500-700 किग्रा है. यह इसका पहला युद्धक इस्तेमाल था. इज़रायल ने इसे नष्ट करने का दावा किया. ईरान का यह हमला एक रणनीतिक संदेश था, जिससे क्षेत्रीय तनाव बढ़ सकता है.

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बाएं से- लॉन्च होती हुई सेजिल-2 मिसाइल. वायुमंडल के ऊपर जाने पर ऐसी गु्ब्बारेनुमा आकृति बनती है. (फोटोः IRGC/Wikipedia)
बाएं से- लॉन्च होती हुई सेजिल-2 मिसाइल. वायुमंडल के ऊपर जाने पर ऐसी गु्ब्बारेनुमा आकृति बनती है. (फोटोः IRGC/Wikipedia)

19 जून 2025 को ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने इज़राइल पर एक मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल सेजिल (Sejil) दागी. यह पहली बार था जब इस मिसाइल का युद्ध में इस्तेमाल हुआ. ईरान का दावा है कि यह मिसाइल ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 3 का हिस्सा थी, जिसके तहत उसने इज़रायल के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया. हालांकि, इज़रायल ने कहा कि उसने इस मिसाइल को बीच में ही नष्ट कर दिया. केवल इसके टुकड़ों से एक वाहन को मामूली नुकसान हुआ. 

सेजिल मिसाइल क्या है?

सेजिल (फारसी में 'ब्रिम्स्टोन' या 'पका हुआ मिट्टी') ईरान द्वारा विकसित एक दो-चरण वाली, ठोस ईंधन (सॉलिड फ्यूल) मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल (MRBM) है. यह मिसाइल ईरान की पुरानी शहाब मिसाइलों का उन्नत संस्करण है, जो तरल ईंधन (लिक्विड फ्यूल) पर चलती थीं.

सेजिल का विकास 1990 के दशक के अंत में शुरू हुआ. इसका पहला सफल परीक्षण 13 नवंबर 2008 को हुआ. यह मिसाइल पूरी तरह से ईरान में डिज़ाइन और निर्मित है. इसे छोटी दूरी की मिसाइलों के अनुभव पर बनाया है.

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Sejil missile Iran IRGC

सेजिल मिसाइल की खासियत यह है कि यह ठोस ईंधन पर चलती है, जिसके कारण इसे लॉन्च करने में कम समय लगता है. तरल ईंधन वाली मिसाइलों को लॉन्च से पहले ईंधन भरने की जरूरत होती है, जो समय लेता है और उन्हें दुश्मन के हमले के लिए आसान निशाना बनाता है. सेजिल को सड़क पर चलने वाले मोबाइल लॉन्चर से दागा जा सकता है, जिससे इसे छिपाना और स्थान बदलना आसान होता है.

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सेजिल मिसाइल की विशेषताएं  

2011 में ईरान द्वारा प्रकाशित आंकड़ों और अन्य विश्वसनीय स्रोतों के अनुसार, सेजिल मिसाइल की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं...

  • मिसाइल का प्रकार: मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल (MRBM)
  • चरण: दो-चरण वाली, जिसमें वारहेड (विस्फोटक हिस्सा) अलग हो सकता है.
  • लॉन्च का तरीका: ऊर्ध्वाधर (वर्टिकल) लॉन्च, लेकिन परिवर्तनशील कोण पर भी दागी जा सकती है.
  • अधिकतम दूरी: 2000 किलोमीटर (कुछ स्रोतों में 2400-2500 किमी तक)
  • वजन: 23,623 किलोग्राम (लगभग 23.6 टन)
  • लंबाई: 17.57 मीटर (कुछ स्रोतों में 18 मीटर)
  • व्यास: 1.25 मीटर
  • वारहेड का वजन: 500-700 किलोग्राम (कुछ स्रोतों में 1000 किग्रा तक)
  • गति: मैक 13 (लगभग 17,000 किमी/घंटा)
  • मार्गदर्शन प्रणाली: जड़त्वीय नेविगेशन (Inertial Navigation) और जीपीएस, जो इसे सटीक बनाता है.
  • लॉन्च प्लेटफॉर्म: सड़क पर चलने वाला मोबाइल लॉन्चर या स्थिर लॉन्च पैड.
  • विशेषता: रडार को चकमा देने वाली कोटिंग, जो इसे मिसाइल रक्षा प्रणालियों के लिए मुश्किल बनाती है.
  • परमाणु क्षमता: यह मिसाइल परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है, हालांकि ईरान का दावा है कि यह केवल पारंपरिक विस्फोटकों के लिए है.

19 जून 2025 का हमला: पहला युद्धक इस्तेमाल

19 जून 2025 को, IRGC ने दावा किया कि उसने ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 3 के तहत इज़राइल पर तीन सेजिल मिसाइलें दागीं. यह मिसाइलें तेल अवीव के पास सोरोका हॉस्पिटल और इज़रायल की सैन्य खुफिया मुख्यालय के आसपास के क्षेत्रों को निशाना बनाकर दागी गई थीं.

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ईरान का दावा: IRGC ने कहा कि सेजिल मिसाइलें इज़रायल की हवाई रक्षा प्रणालियों को भेदने में सक्षम हैं. उन्होंने इज़रायल के महत्वपूर्ण सैन्य ठिकानों को नष्ट किया. ईरान ने यह भी कहा कि यह हमला इज़रायल के ऑपरेशन राइजिंग लायन (13 जून 2025 को शुरू) का जवाब था, जिसमें इज़रायल ने ईरान की परमाणु और मिसाइल सुविधाओं पर हमले किए थे.

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इज़रायल की प्रतिक्रिया: इज़रायल डिफेंस फोर्स (IDF) ने दावा किया कि उसने सेजिल मिसाइल को अपनी एरो 2 और एरो 3 मिसाइल रक्षा प्रणालियों से रोक लिया. IDF के अनुसार, मिसाइल के टुकड़ों से केवल एक वाहन को मामूली नुकसान हुआ.

नुकसान: ईरान के हमले में तेल अवीव, बीरशेबा और होलोन जैसे क्षेत्रों में इमारतों को नुकसान हुआ. मैगन डेविड एडम के अनुसार, 89 लोग घायल हुए, जिनमें 6 की हालत गंभीर थी. हालांकि, सेजिल मिसाइल से सीधे कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ।

विश्लेषण: विशेषज्ञों का मानना है कि केवल एक या तीन सेजिल मिसाइलों का इस्तेमाल एक संदेश देने के लिए था. ईरान अपनी सैन्य ताकत दिखाना चाहता था, लेकिन बड़े पैमाने पर हमले से बचना चाहता था, ताकि युद्ध और न बढ़े.

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Sejil missile Iran IRGC

सेजिल मिसाइल का तकनीकी महत्व

सेजिल मिसाइल ईरान के मिसाइल कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके कुछ तकनीकी फायदे हैं...

ठोस ईंधन: ठोस ईंधन वाली मिसाइलें लॉन्च करने में तेज होती हैं, क्योंकि इन्हें पहले से ईंधन भरने की जरूरत नहीं होती. इससे दुश्मन के लिए इन्हें लॉन्च से पहले नष्ट करना मुश्किल हो जाता है.

मोबाइल लॉन्चर: सेजिल को सड़क पर चलने वाले ट्रकों से दागा जा सकता है, जिससे इसे छिपाना आसान है. यह ईरान की "हिट-एंड-रन" रणनीति का हिस्सा है.

सटीकता: सेजिल में जड़त्वीय नेविगेशन और जीपीएस सिस्टम हैं, जो इसे 50 मीटर के दायरे में निशाना लगाने में सक्षम बनाते हैं. यह पुरानी शहाब मिसाइलों की तुलना में अधिक सटीक है.

रडार चकमा: सेजिल-2 संस्करण में एंटी-रडार कोटिंग है, जो इसे मिसाइल रक्षा प्रणालियों के लिए कम दिखाई देता है.

परमाणु क्षमता: हालांकि ईरान का दावा है कि सेजिल केवल पारंपरिक विस्फोटकों के लिए है, विशेषज्ञों का मानना है कि इसका 500-700 किग्रा वारहेड परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम हो सकता है.

यह भी पढ़ें: क्या इजरायल के पास हथियारों की शॉर्टेज है? कौन से हथियार-मिसाइलें वह खुद बनाता है, ईरान के क्या हैं हाल

सेजिल का इतिहास और विकास

  • 1990 का दशक: सेजिल का विकास शुरू हुआ, जो ज़लज़ल मिसाइलों के ठोस ईंधन तकनीक पर आधारित था. इसमें चीन से तकनीकी सहायता मिली.
  • 2008: पहला सफल परीक्षण, जिसमें मिसाइल ने 800 किमी की दूरी तय की.
  • 2009: सेजिल-2 का परीक्षण, जिसमें बेहतर नेविगेशन और मार्गदर्शन प्रणाली का उपयोग हुआ. यह मिसाइल 1900 किमी तक हिंद महासागर में गई.
  • 2014: सेजिल को IRGC की सेवा में शामिल किया गया.
  • 2025: पहली बार युद्ध में इस्तेमाल, इज़राइल पर हमले के दौरान.

सेजिल का रणनीतिक महत्व

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सेजिल मिसाइल ईरान की "डिटरेंस बाय पनिशमेंट" रणनीति का हिस्सा है, जिसका मतलब है कि अगर कोई दुश्मन (जैसे इज़रायल या अमेरिका) ईरान पर हमला करता है, तो वह जवाबी हमले से भारी नुकसान पहुंचा सकता है.

इज़रायल के लिए खतरा: सेजिल की 2,000 किमी की दूरी इसे तेल अवीव तक पहुंचने में सक्षम बनाती है. ईरान का दावा है कि नतांज़ से लॉन्च होने पर यह 7 मिनट से कम समय में तेल अवीव पहुंच सकती है.

क्षेत्रीय प्रभाव: इसकी दूरी मध्य पूर्व और दक्षिण-पूर्वी यूरोप के कुछ हिस्सों को कवर करती है, जिससे यह क्षेत्रीय शक्ति संतुलन में महत्वपूर्ण है.

परमाणु चिंता: सेजिल की परमाणु हथियार ले जाने की संभावना ने अमेरिका और यूरोप में चिंता बढ़ाई है.

विवाद और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

इज़रायल: IDF ने सेजिल के इस्तेमाल को युद्ध में वृद्धि माना है. इज़रायल ने ईरान के परमाणु और मिसाइल सुविधाओं पर और हमले किए हैं.

यूरोप: यूरोपीय देशों ने सेजिल की लंबी दूरी और उन्नत मार्गदर्शन प्रणाली पर चिंता जताई है, क्योंकि उनके पास ऐसी मिसाइलों के खिलाफ प्रभावी रक्षा नहीं है.

अमेरिका: अमेरिका ने ईरान के मिसाइल कार्यक्रम पर प्रतिबंध लगाए हैं. इज़रायल को मिसाइल रक्षा के लिए समर्थन दिया है.

संयुक्त राष्ट्र: सेजिल का इस्तेमाल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का उल्लंघन हो सकता है, जो ईरान को बैलिस्टिक मिसाइल गतिविधियों पर रोक लगाते हैं.

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