पिछले हफ़्ते भारत ने पाकिस्तानी पर कई सटीक मिसाइल हमले किए. इस दौरान पाकिस्तान के कई एयरबेस को निशाना बनाया गया. ये हमला सटीक निशाने पर लगा था. पाकिस्तानी सेना भारत के हमलों को रोकने में पूरी तरह नाकाम हो गई. 10 और 11 मई को नई सैटेलाइट इमेज आईं, जिसमें कई पाकिस्तानी एयरबेसों को हुए नुकसान की डीटेल्ड जानकारी है. इन बेस में सिंध में सुक्कुर, रावलपिंडी में नूर खान एयर बेस, दक्षिणी पंजाब में रहीम यार खान, सरगोधा में पीएएफ बेस मुशफ, उत्तरी सिंध में पीएएफ बेस शाहबाज जैकबाबाद और उत्तरी थट्टा जिले में भोलारी एयर बेस शामिल हैं.
पाकिस्तान के वो इलाके जहां इंडियन आर्मी ने पाकिस्तानी सेना की 'रीढ़' तोड़ दी
मुरीद चकवाल एयरबेस (पंजाब): चकवाल ज़िले में स्थित यह एयरबेस इस्लामाबाद से करीब 120 किलोमीटर की दूरी पर है. यहां पाकिस्तान के उन्नत ड्रोन जैसे शाहपार-1 और बैराकटर TB2 तैनात हैं. भारत पर हुए कई ड्रोन हमलों की योजना यहीं से बनी थी. भारतीय हमले ने इस रणनीतिक ठिकाने को गंभीर नुकसान पहुंचाया.
सुक्कुर एयरबेस / पीएएफ भोलारी (सिंध): कराची और हैदराबाद के बीच स्थित यह नया ऑपरेशनल एयरबेस है, जहां से F-16 A/B Block 15 ADF फाइटर जेट्स संचालित किए जाते हैं. यह पाकिस्तान की साउदर्न एयर कमांड का महत्वपूर्ण हिस्सा है.
चुनियां एयरबेस (पंजाब): लाहौर से करीब 70 किलोमीटर दूर स्थित यह एयरबेस पाकिस्तान एयरफोर्स की वायु रक्षा प्रणाली का अहम हिस्सा है. यह भारत के नजदीक होने के कारण सैन्य दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील क्षेत्र में आता है.
नूर खान एयरबेस (रावलपिंडी): पूर्व में चकला एयरबेस के नाम से जाना जाने वाला यह बेस वीआईपी मूवमेंट और सैन्य लॉजिस्टिक अभियानों का मुख्य केंद्र है. यह पाकिस्तान वायुसेना की ‘लाइफलाइन’ माना जाता है.
रफीकी एयरबेस, शोरकोट (पंजाब): झंग ज़िले के पास स्थित यह एयरबेस JF-17 थंडर और मिराज जैसे लड़ाकू विमानों का संचालन करता है. यह सेंट्रल एयर कमांड के अंतर्गत आता है और इसकी लंबी रनवे और तकनीकी सुविधाएं इसे अत्यंत अहम बनाती हैं.
रहीम यार खान एयरबेस (पंजाब): दक्षिणी पंजाब में स्थित यह एयरबेस भारत के नज़दीक है और यहां से पूर्वी सीमाओं पर तेजी से कार्रवाई की जा सकती है. 10 मई 2025 की रात यहां मिसाइल हमले के बाद एक बड़ा गड्ढा देखा गया, जो इस पर हुए सैन्य हमले की पुष्टि करता है.
पाकिस्तान की ‘आंख, कान और दिमाग’ पर सीधा प्रहार: इन सैन्य अड्डों को निशाना बनाकर भारत ने पाकिस्तान की निगरानी प्रणाली (आंख), संचार व्यवस्था (कान) और निर्णय लेने की क्षमता (दिमाग) को गंभीर क्षति पहुंचाई है. यह कार्रवाई पाकिस्तानी सैन्य रणनीति के तीन प्रमुख स्तंभों को हिला देने वाली मानी जा रही है.